NITI Aayog Gender Equality Mapping: जानिए आपके जिले की स्थिति!
भूमिका: NITI Aayog लैंगिक समानता – एक सतत विकास लक्ष्य की केंद्रीय कड़ी
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Toggleलैंगिक समानता केवल महिलाओं की स्थिति सुधारने का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह समावेशी, न्यायपूर्ण और टिकाऊ विकास का मूल आधार है। जब कोई देश महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, राजनीतिक सहभागिता और निर्णय लेने के अधिकारों में समान अवसर देता है, तभी वह समाज संपूर्ण रूप से प्रगति करता है।
भारत ने 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को अपनाया है, जिसमें SDG-5 विशेष रूप से लैंगिक समानता से संबंधित है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए NITI Aayog लगातार प्रयास कर रहा है। अब इस प्रयास को और मजबूत करने के लिए, जिला स्तर पर लैंगिक समानता को मापने की रणनीति को अपनाया जा रहा है, जो एक ऐतिहासिक कदम है।

NITI Aayog की भूमिका: नीतिगत सुधार से लेकर निगरानी तंत्र तक
भारत सरकार के नीति निर्माण की शीर्ष संस्था NITI Aayog ने 2018 से SDG इंडेक्स जारी करना शुरू किया था। यह इंडेक्स राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति को मापता है। लेकिन अब NITI Aayog ने यह महसूस किया है कि राज्य-स्तरीय डेटा काफी नहीं है, क्योंकि कई राज्यों के अंदरूनी जिलों में बहुत भिन्नताएं हैं।
इसलिए, “District SDG Monitoring System” की दिशा में पहल की गई है, जिसमें Goal 5 यानि लैंगिक समानता पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसका उद्देश्य है:
जिलों के प्रदर्शन का गहन विश्लेषण
स्थानीय नीतियों में सुधार हेतु दिशा-निर्देश देना
वास्तविक स्थिति के आधार पर राज्य सरकारों की सहायता करना
SDG-5 क्या है? लैंगिक समानता के मुख्य पहलू
लैंगिक समानता का अर्थ है कि महिला और पुरुष, लड़के और लड़कियाँ – सभी को समान अवसर, अधिकार और उत्तरदायित्व प्राप्त हों। SDG-5 के अंतर्गत प्रमुख उपलक्ष्य हैं:
- महिलाओं और लड़कियों पर होने वाली हिंसा की समाप्ति
- बाल विवाह और मानव तस्करी जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन
- घरेलू और अवैतनिक कार्यों की मान्यता
- प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों की पहुँच
- राजनीति और निर्णय निर्माण में समान भागीदारी
- डिजिटल साक्षरता और तकनीकी सुविधा की समान उपलब्धता
NITI Aayog: क्यों जरूरी है जिला स्तर पर प्रगति को मापना?
1. विविधता का सम्मान:
भारत जैसे विशाल देश में, राज्य के भीतर ही सामाजिक-सांस्कृतिक अंतर होते हैं। उत्तर प्रदेश के एक जिले में जहाँ बाल विवाह दर अधिक हो सकती है, वहीं दूसरे जिले में महिलाओं की शिक्षा दर बेहतर हो सकती है।
2. लक्षित नीति निर्माण:
जिला स्तर पर डेटा उपलब्ध होने से “One-size-fits-all” नीति की जगह “Customized Local Policy” बनाई जा सकती है।
3. समावेशी विकास का मार्ग:
जब जिलों के सबसे पिछड़े क्षेत्रों को चिह्नित कर योजनाएं लागू की जाती हैं, तब ही वास्तविक समावेशी विकास संभव होता है।
NITI Aayog: नवीन संकेतकों की सूची जो जिलास्तर पर मापे जाएंगे
NITI Aayog ने Goal 5 के लिए निम्नलिखित District-Level Indicators को मापने का प्रस्ताव रखा है:
महिलाओं की साक्षरता दर
महिला श्रम शक्ति भागीदारी
बाल विवाह की दर
महिला हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की पहुँच
घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतों की संख्या
महिला पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति
पंचायतों और नगरपालिकाओं में महिला प्रतिनिधित्व
इंटरनेट और मोबाइल फोन उपयोग में महिलाओं की भागीदारी
NITI Aayog: 13 राज्यों के लिए विशेष फोकस क्यों?
नवीनतम मूल्यांकन में NITI Aayog ने 13 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश को “Low Performing” श्रेणी में रखा है। इनमें शामिल हैं:
उत्तर प्रदेश
बिहार
झारखंड
ओडिशा
असम
मणिपुर
पश्चिम बंगाल
मध्य प्रदेश
पंजाब
हरियाणा
त्रिपुरा
तेलंगाना
गुजरात
चंडीगढ़
इन राज्यों के जिलों में अभी भी महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक भागीदारी से जुड़े सूचकांक काफी कमजोर हैं।
कुछ जिलों की प्रेरणादायक कहानियाँ
नागालैंड के जिले
यह राज्य SDG-5 में देश में सर्वोच्च प्रदर्शन करता है। यहां महिला श्रम भागीदारी 70% से ऊपर है और घरेलू हिंसा की घटनाएं न्यूनतम हैं।
केरल का वायनाड जिला
महिला साक्षरता दर 95% से अधिक और पंचायत में महिलाओं की भागीदारी 50% से ऊपर है।
राजस्थान का बांसवाड़ा
Aspirational District योजना के तहत बाल विवाह के विरुद्ध अभियान से बाल विवाह की दर में 30% की कमी आई है।
डेटा-संचालित सुधारों के लिए जिला प्रशासन की भूमिका
हर जिले में डेटा आधारित प्रशासन को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित पहल जरूरी हैं:
1. जिला SDG सेल की स्थापना:
हर जिले में एक ऐसा सेल जो Goal-5 के सभी संकेतकों की निगरानी करे।
2. डिजिटल प्लेटफार्म:
एक समर्पित मोबाइल ऐप या पोर्टल के माध्यम से शिकायत, फीडबैक और आंकड़ों को रियल टाइम अपडेट किया जाए।
3. स्थानीय नेतृत्व की भागीदारी:
महिला प्रधान, ब्लॉक अधिकारी, शिक्षक और NGO की सहभागिता से नीतियाँ अधिक प्रभावी बनती हैं।
2025 की ताज़ा स्थिति: भारत का वैश्विक परिप्रेक्ष्य
Global Gender Gap Index 2025 (WEF):
भारत का स्थान: 131वाँ / 148 देशों में
राजनीतिक सशक्तिकरण: केवल 13.6% महिला सांसद
आर्थिक भागीदारी: 37% से भी कम महिलाएं रोजगार में
डिजिटल अंतर: ग्रामीण क्षेत्रों में महिला मोबाइल यूजर्स पुरुषों से 30% कम
यह आंकड़े बताते हैं कि सुधार की दिशा सही है, लेकिन अभी रास्ता लंबा है।
आगे की राह: सुधारों की रणनीतिक दिशा
1. शिक्षा में निवेश:
माध्यमिक और उच्च शिक्षा में लड़कियों की नामांकन दर बढ़ाना
2. स्वास्थ्य की पहुँच:
हर जिले में महिला स्वास्थ्य केंद्र, सेनेटरी हाइजीन कार्यक्रम और मातृत्व सुविधाएं उपलब्ध कराना
3. रोजगार और उद्यमिता:
महिला स्वरोजगार योजनाएं, स्टार्टअप फंडिंग, और डिजिटल स्किल ट्रेनिंग
4. राजनीतिक प्रतिनिधित्व:
पंचायत और विधानसभा चुनावों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण
5. डिजिटल समावेशन:
इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुँच, विशेषकर ग्रामीण महिलाओं तक

निष्कर्ष: लैंगिक समानता की दिशा में भारत की नई उड़ान
NITI Aayog की यह नई पहल — जिला स्तर पर लैंगिक समानता की प्रगति को मापना — केवल एक आंकड़ों की कवायद नहीं है, बल्कि यह भारत में NITI Aayog की दिशा और दृष्टिकोण दोनों में एक ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाती है।
जहां पहले हम राज्य स्तर पर औसत प्रदर्शन को देखकर संतुष्ट हो जाते थे, अब जिला स्तर की गहराई में जाकर हम उन छुपी हुई असमानताओं को उजागर कर सकते हैं जो सतह पर नहीं दिखतीं। यही NITI Aayog का भविष्य है — डेटा-संचालित, क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप और परिणाम-केंद्रित।
यह मॉडल केवल महिलाओं को लाभ पहुंचाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह भारत के हर नागरिक को एक ज्यादा न्यायसंगत, सुरक्षित और समावेशी समाज की ओर ले जाता है। जब एक महिला शिक्षित, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और निर्णायक बनती है, तब पूरा समाज मजबूत होता है।
अब समय है कि राज्य सरकारें, जिला प्रशासन, पंचायतें, नागरिक संगठन और आम जनता – सभी मिलकर इस पहल को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाएं। तभी 2030 तक भारत SDG-5 यानी लैंगिक समानता के लक्ष्य को न केवल हासिल करेगा, बल्कि विश्व के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करेगा।
लैंगिक समानता कोई “सामाजिक मुद्दा” नहीं, यह “राष्ट्र निर्माण” की बुनियाद है
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ) – NITI Aayog और लैंगिक समानता मापन पर आधारित
Q1: NITI Aayog ने लैंगिक समानता को जिला स्तर पर मापने की पहल क्यों की है?
NITI Aayog ने यह पहल इसलिए शुरू की है ताकि राज्य के अंदर विभिन्न जिलों के बीच मौजूद लैंगिक असमानताओं को पहचानकर स्थानीय स्तर पर सटीक नीतियां बनाई जा सकें। इससे समावेशी विकास को तेज़ी मिलेगी।
Q2: इस पहल का सीधा लाभ किन्हें होगा?
इसका सीधा लाभ महिलाओं, किशोरियों और बालिकाओं को मिलेगा, खासकर ग्रामीण और पिछड़े जिलों में रहने वाली उन महिलाओं को जो अब तक नीतियों के लाभ से वंचित रही हैं।
Q3: कौन-कौन से संकेतक जिला स्तर पर मापे जाएंगे?
महिला शिक्षा दर, श्रम भागीदारी, बाल विवाह की दर, महिला स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच, घरेलू हिंसा के केस, महिला पुलिस अधिकारी की उपस्थिति, डिजिटल साक्षरता, राजनीतिक भागीदारी आदि को मापा जाएगा।
Q4: क्या यह मापन पूरे भारत के लिए लागू होगा या कुछ राज्यों तक सीमित है?
प्रारंभिक चरण में यह 13 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश के जिलों पर लागू किया जा रहा है, जिनमें लैंगिक असमानता के सूचकांक तुलनात्मक रूप से कमज़ोर हैं।
Q5: क्या यह पहल केवल डेटा संग्रह तक सीमित है?
नहीं, यह केवल आंकड़े इकट्ठा करने की कवायद नहीं है। यह NITI Aayog, संसाधन आवंटन और ज़मीनी कार्यान्वयन को डेटा आधारित और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में ठोस कदम है।
Q6: क्या इससे भारत को SDG-5 प्राप्त करने में मदद मिलेगी?
हां, निश्चित रूप से। जब जिला स्तर पर सुधार होंगे, तो राज्य और फिर पूरे देश की तस्वीर बदलेगी। यह भारत को 2030 तक SDG-5 यानी लैंगिक समानता के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत मदद करेगा।
Q7: जिला प्रशासन की इसमें क्या भूमिका है?
जिला प्रशासन को SDG सेल, डेटा कलेक्शन टीम, जागरूकता अभियान और महिलाओं को केंद्र में रखकर योजनाओं का क्रियान्वयन करना होगा। जिला कलेक्टर इसकी निगरानी की प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
Q8: यह डेटा कहाँ देखा जा सकेगा? क्या कोई पोर्टल है?
NITI Aayog एक समर्पित डिजिटल डैशबोर्ड और पोर्टल तैयार कर रहा है जहाँ जिला स्तर पर SDG-5 से जुड़े सभी संकेतकों की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी।
Q9: आम नागरिक इस पहल में कैसे भाग ले सकते हैं?
आम नागरिक NGO, स्वयं सहायता समूहों, पंचायतों और स्कूलों के माध्यम से जागरूकता अभियानों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और महिला-सशक्तिकरण गतिविधियों में भाग लेकर सहयोग कर सकते हैं।
Q10: इस पहल से जुड़े ताज़ा अपडेट कहां मिल सकते हैं?
NITI Aayog की आधिकारिक वेबसाइट, PIB releases, MyGov.in, और विश्वसनीय समाचार पोर्टलों से इस योजना से जुड़ी हर अपडेट और रिपोर्ट प्राप्त की जा सकती है।
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