OU Results में देरी से छात्रों का फूटा गुस्सा, करते परीक्षा के परिणाम की मांग
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उस्मानिया विश्वविद्यालय भारत के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में से एक है जो अपनी शैक्षिक गुणवत्ता और और अपने अलग-अलग पाठ्यक्रमों के रूप में जानी जाता है हर साल इस विश्वविद्यालय से लाखों छात्र छात्राएं स्नातक और स्नातकोत्तर मे एडमिशन लेने के लिए आते हैं.
इसके वार्षिक तौर पर घोषित होने वाले परिणाम को OU Results के नाम से जाना जाता है. इस विश्वविद्यालय से पास होने के बाद छात्र भविष्य में नई योजना के लिए अच्छी खासी भूमिका निभाते हैं. हाल में OU Results को लेकर छात्रों और सोशल मीडिया के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. Read More…

OU Results के चर्चा में आने का मुख्य कारण
1.परिणाम की प्रतीक्षा
* बड़ी संख्या में छात्रों का शामिल होना- इस विश्वविद्यालय में हर साल हजारों छात्र अलग-अलग पाठ्यक्रम में शामिल होते हैं जब भी परीक्षा का परिणाम जारी होने का समय आता है तो छात्र उसके आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
* परीक्षा परिणाम में देरी- OU Results मैं जब देरी होती है तो छात्र तथा उनके अभिभावक चिंता में हो जाते हैं परीक्षा का परिणाम देरी से आने से छात्र तथा उनके अभिभावक भविष्य के लिए सही योजनाओं का निर्धारण नहीं कर पाते तथा छात्र नौकरी से वंचित हो जाते हैं.
2.सोशल मीडिया का पड़ता प्रभाव
* इसके रिजल्ट को लेकर सोशल मीडिया पर #OUResults कॉफी ट्रेंड कर रहा है यह सब परीक्षा के परिणाम में देरी के कारण हो रहा है क्योंकि आज के दौर में अगर किसी परीक्षा का परिणाम आने में देरी होती है छात्र तथा उनके अभिभावक सोशल मीडिया जैसे कि इंस्टाग्राम, युटुब, ट्विटर जैसे पोर्टल पर सक्रिय हो जाते हैं. जो छात्र और उनके अभिभावकों के लिए और भी चिंता का विषय बनता जाता है.
3. परीक्षा परिणाम में अनियमित होना
* तकनीकी समस्याएं पैदा होना- OU के परिणामों को लेकर प्रकाशित प्रकाशित करने पर कई बार तकनीकी समस्याएं पैदा हो जाती है जैसे कि नेटवर्क प्रॉब्लम और सरवर का डॉन होना यह सब छात्रों के लिए चिंता का विषय बना देती है जिससे छात्र अपना परिणाम से समय पर नहीं देख पाते.
• गलत परिणाम घोषित होना- अक्सर ऐसा होता है छात्रों को उनके परिणामों में गलतियां दिखाई देती है जैसे चेकिंग में गलती होना तथा छात्र गलत तरीके से अंकों का अनुपस्थित होना यह सभी कारण छात्रों के लिए चिंता का विषय बन जाते हैं.

4. भविष्य की योजना पर पड़ने वाले प्रभाव
•उच्च शिक्षा के लिए आवेदन-OU Results का देरी Se आना छात्रों के द्वारा बनाई गई भविष्य की योजनाओं को बुरी तरीके से प्रभावित करता है तथा छात्र आगे पढ़ाई के लिए उच्च विश्वविद्यालय में आवेदन करने में पीछे छूट जाते हैं जिससे कि वे शिक्षा के वर्ग से वंचित हो जाते हैं.
* नौकरियां तथा इंटर्नशिप से वंचित रहना- जब भी छात्रों का परिणाम देरी से घोषित होता है तो अक्सर छात्र इंटर्नशिप और नौकरियों में शामिल नहीं हो पाते हैं जो कि छात्रों के लिए एक चिंता का विषय बन जाता है जिससे छात्रा करियर के लिए कई समस्याओं का सामना करते हैं.
5.छात्रों की प्रतिक्रिया
* खूब प्रदर्शन और विरोध- कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि छात्रों को प्रदर्शन और विरोध करना पड़ता है अपनी मांग को मनवाने के लिए जिसके लिए छात्र धरना प्रदर्शन करते हैं और प्रशासन के विरुद्ध जाकर उनकी गतिविधियों का सामना करते हैं.
* मीडिया कवरेज- छात्रों के द्वारा अपनी मांग को मनवाने के लिए मीडिया का बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है क्योंकि मीडिया उन सभी मुद्दों कर करती है जिनके लिए छात्र प्रदर्शन कर रहे होते हैं.
OU Results से पड़ने वाले के प्रभाव
1. छात्रों की मानसिकता पर पड़ता प्रभाव
* तनाव और चिंता का कारण- छात्रों में परीक्षा के परिणामों की प्रतीक्षा में चिंता का माहौल बना रहता है तथा परीक्षा के परिणाम अगर देरी से आते हैं छात्रों पर मानसिक तनाव भी बढ़ता है.
* आत्मविश्वास का असर- गलत परिणाम और खामियों के कारण भी छात्रों के आत्मविश्वास पर गलत असर पड़ता है ऐसे समय उन्हें लगता है कि उनके मूल्यांकन में गड़बड़ी हुई है.
2. विश्वविद्यालय की छवि पर पड़ता गलत प्रभाव
* विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा- जब विश्वविद्यालय परीक्षा के परिणामों को घोषित करने में देरी करता है तो OU की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठने लगते हैं जिसके कारण भविष्य में छात्र उसमें दाखिला लेने की दिलचस्पी कम लेते हैं.
• OU के प्रशासन में सुधार की जरूरत- लगता समस्याओं के चलते विश्वविद्यालय के प्रशासन पर भी सवाल उठने लगते हैं जिसके कारण विश्वविद्यालय को अपने प्रशासन में सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए जिस की परीक्षा के परिणाम में देरी न हो और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर आंच न आये .
निष्कर्ष
उस्मान विश्वविद्यालय (OU) के रिजल्ट में देरी होने के कारण यह एक चर्चा का विषय बना हुआ है जिसके कारण मीडिया पर भी इसका जोरो सोरों से ट्रेड बना हुआ है ऐसे समय में विश्वविद्यालय को अपने परीक्षा के परिणाम हमें सुधार करना चाहिए और देरी नहीं करनी चाहिए.
जिससे कि छात्रों का आत्मविश्वास कम हो और आने वाले भविष्य में छात्र उसमें एडमिशन लेने के लिए पीछे ना हटे. विश्वविद्यालय को अपने परीक्षा परिणाम को सही समय पर जारी करने के लिए अपने प्रशासन में सुधार करने की सख्त आवश्यक है जिससे विश्वविद्यालय की छवि पर आंच न आए. Click here…