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PMGSY 2.0: गांवों की तस्वीर बदल रही या वादों की सड़क पर ठहराव?

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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) – से हुआ हैं भारत के बुनियादी ढांचे का विकास, जानिए विस्तार सहित.

विषय सूची (Outline)

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1. परिचय

2. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का इतिहास

3. योजना के उद्देश्य

4. योजना के घटक

5. लाभार्थी और पात्रता मानदंड

6. कार्यान्वयन प्रक्रिया

7. वित्तीय प्रावधान

8. तकनीकी पहलू

9. PMGSY के अंतर्गत उप-योजनाएँ

10. योजना की प्रगति और उपलब्धियाँ

11. PMGSY की चुनौतियाँ

12. समाधान और सुधार के सुझाव

13. निष्कर्ष

1. परिचय

पूरे विश्व में भारत एक मात्र ऐसा देश हैं जिसकी 70% से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास करने के लिए सड़क संपर्क अत्यंत आवश्यक होती है,

क्योंकि इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है तथा राष्ट्र निर्माण में बुनियादी ढांचे का विकास बहुत महत्वपूर्ण होता हैं इसी आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की शुरुआत की गयी.

इस योजना का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से उन गांवों को सड़क सम्पर्क से जोड़ना हैं, जो अब तक किसी भी प्रकार के सड़क नेटवर्क से असंबद्ध थे।

इस योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत किया जाता है और यह भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है। Read more…

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2. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का इतिहास

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की शुरुआत साल 2000 में 25 दिसम्बर को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हुई थी। भारत सरकार के द्वारा चलाई गयी

इस योजना को ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जाता है।

PMGSY के विभिन्न चरण:

इस योजना का पहला चरण PMGSY-I (2000-2013):

इस योजना के पहले चरण का मुख्य उद्देश्य उन गांवों को जोड़ना था जिनकी जनसंख्या 500 या उससे अधिक (समतल क्षेत्रों में) और 250 या उससे अधिक (पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में) निवास करती थी।

इस चरण में खास बात यह थी कि इसमें नई सड़कों का निर्माण करना प्राथमिकता थी।

इस योजना का दूसरा चरण PMGSY-II (2013-2019):

* इस चरण में पहले से बनी ग्रामीण सड़कों का उन्नयन अथवा पुनर्विकास किया गया।

* इस चरण का मुख्य उद्देश्य राजमार्गों और अन्य प्रमुख सड़कों से ग्रामीण सड़कों को जोड़ना था.

PMGSY-III (2019 से वर्तमान तक):

अभी तक इस चरण में 1.25 लाख किलोमीटर लंबी सड़कों को अधिक टिकाऊ और जलवायु के अनुकूल बनाने का लक्ष्य रखा गया।

इस योजना के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कनेक्टिविटी को और व्यापक बनाया गया।

3. योजना के उद्देश्य

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के निम्नलिखित मुख्य उद्देश्य हैं:

1. गांवों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ना – सभी असंबद्ध गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जाए।

2. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना – सड़क संपर्क के माध्यम से खेती, लघु उद्योग, व्यापार और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना।

3. बुनियादी सेवाओं तक पहुंच बढ़ाना – ग्रमीण क्षेत्रों में सड़को के निर्माण से स्वास्थ्य, शिक्षा, बाजार और सरकारी योजनाओं तक ग्रामीणों की पहुंच को आसान बनाना है.

4. सड़क सुरक्षा और स्थायित्व – आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर सड़कों को अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाना।

5. हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग – इस योजना को और सफल बनाने के लिए प्लास्टिक, कोल्ड मिक्स, फ्लाई ऐश जैसी तकनीकों से सड़कों का निर्माण करना ताकि वे अधिक टिकाऊ बन सकें।

4. योजना के घटक

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीन मुख्य घटक होते हैं:

1. नए सड़कों का निर्माण (New Connectivity)

इस योजना के तहत उन गांवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाता है जो अब तक सड़क नेटवर्क से कटे हुए थे।

इस योजना के तहत प्राथमिकता उन गांवों को दी जाती है, जहाँ शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि की सुविधाएँ सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं।

2. पुरानी सड़कों का उन्नयन (Upgradation)

इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से बनी सड़कों को सुधारा जाता है ताकि वे अधिक टिकाऊ और सुरक्षित बनें सके ।

बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्ण सामग्री और डिज़ाइन अपनाए जाते हैं।

3. सड़कों का रखरखाव (Maintenance)

शुरूआती दौर मे पहले 5 वर्षों तक सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की होती है।

इसके बाद स्थानीय प्रशासन को इसका प्रबंधन सौंपा जाता है।

5. लाभार्थी और पात्रता मानदंड

PMGSY का लाभ उन गांवों को मिलता है जो सड़क संपर्क से वंचित हैं।

पात्रता मानदंड:

1. समतल क्षेत्रों में – इस योजना का लाभ उठाने के लिए समतल क्षेत्रों में 500 या अधिक जनसंख्या वाले गांव होने चाहिए.

2. पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में – इस योजना का लाभ उन्ही पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों को मिलेगा जो 250 या अधिक जनसंख्या वाले गांव होंगे.

3. प्राथमिकता उन गांवों को दी जाती है जहाँ शिक्षा, स्वास्थ्य और बाजार सुविधाए बहुत सिमित मात्रा में है और जहाँ पर सड़क सम्पर्क सिमित हैं.

6. कार्यान्वयन प्रक्रिया

योजना के कार्यान्वयन के मुख्य चरण:

1. गांवों की पहचान – इस योजना को लागू करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय और राज्य सरकारें लक्षित गांवों की सूची तैयार करती हैं।

2. परियोजना प्रस्ताव तैयार करना – राज्य सरकारो का मुख्य काम होता हैं पूरी परियोजना की रूपरेखा को तैयार करके केंद्र सरकार को भेजना होता हैं।

3. स्वीकृति और बजट आवंटन – केंद्र सरकार परियोजनाओं को मंजूरी देती है और इसके लिए बजट आवंटित करती है।

4. निर्माण कार्य और गुणवत्ता जांच – सड़कों का निर्माण पूरा होने के बाद इसकी गुणवत्ता की जांच होती है।

7. वित्तीय प्रावधान

PMGSY केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें वित्तीय भागीदारी इस प्रकार है:

1. सामान्य राज्यों के लिए – इस योजना के कार्यन्वयन हेतु 60% वित्तीय राशि केंद्र सरकार और 40% वित्तीय राशि राज्य सरकार आवंटित करती है.

2. उत्तर-पूर्वी और पहाड़ी राज्यों के लिए – इस योजना के कार्यन्वयन हेतु 90% वित्तीय राशि केंद्र सरकार और 10% वित्तीय राशि राज्य सरकार आवंटित करती है.

3. विशेष श्रेणी क्षेत्रों के लिए – भारत के विशेष क्षेत्रों के लिए 100% वित्तीय राशि केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित की जाती हैं. Click here

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8. तकनीकी पहलू

1. सड़कों का निर्माण बिटुमिनस (डामर) या सीमेंट-कंक्रीट से किया जाता है।

2. जल निकासी प्रणाली का विशेष ध्यान रखा जाता है।

3. OMMAS (Online Management & Monitoring System) के जरिए निगरानी की जाती है।

9. PMGSY के अंतर्गत उप-योजनाएँ

Rural Roads Project (RRP-I & II) – ये उपयोजनाएं एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त हैं.

Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected Areas (RCPLWEA) – नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें।

10. योजना की प्रगति और उपलब्धियाँ

1.अभी तक इस योजना के अंतर्गत 6.5 लाख किलोमीटर से अधिक सड़कें बन चुकी हैं।

2.इस योजना से 1.5 लाख से अधिक गांव मुख्य सड़कों से जुड़ चुके हैं।

3. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक ग्रामीणों की पहुंच बढ़ी है।

11. PMGSY की चुनौतियाँ

1. वित्तीय संसाधनों की कमी।

2. भ्रष्टाचार और परियोजना में देरी।

3. जलवायु और भौगोलिक बाधाएँ।

12. समाधान और सुधार के सुझाव

1. डिजिटल निगरानी को बढ़ावा देना।

2. स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ाना।

3. रखरखाव के लिए अलग निधि बनाना।

13. निष्कर्ष

PMGSY ग्रामीण भारत के विकास में क्रांतिकारी कदम है। यह योजना आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देती है। यदि इसे सही रणनीतियों के साथ लागू किया जाए, तो यह भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अभूतपूर्व परिवर्तन ला सकती है।


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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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