Rising North East Summit 2025: देखिए कैसे युवाओं के लिए खुल रहे हैं अवसरों के नए दरवाजे!
प्रस्तावना: भारत मंडपम में पूर्वोत्तर के उज्ज्वल भविष्य की घोषणा
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!23 मई 2025 को नई दिल्ली के प्रतिष्ठित भारत मंडपम में एक ऐतिहासिक क्षण गूंज उठा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘Rising North East Summit 2025’ का उद्घाटन किया। यह सिर्फ एक सम्मेलन नहीं था, बल्कि भारत के सबसे अनछुए और सुंदर क्षेत्रों में से एक — पूर्वोत्तर भारत — को विकास की मुख्यधारा में लाने की एक सशक्त घोषणा थी।
प्रधानमंत्री ने न केवल आर्थिक योजनाओं की बात की, बल्कि क्षेत्र के सांस्कृतिक पुनर्जागरण, युवाओं की क्षमता, निवेश अवसरों, और कनेक्टिविटी से जुड़ी योजनाओं को भी विस्तार से रखा।

प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण: ‘अष्टलक्ष्मी’ को पहचान और प्रगति देना
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर भारत को ‘अष्टलक्ष्मी’ कहा — यानी आठ राज्यों की वह शक्ति जो अबतक भारत के विकास में अपेक्षाकृत छुपी हुई थी।
उन्होंने कहा,
> “पूर्वोत्तर भारत हमारे लिए सिर्फ भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि एक जीवंत शक्ति है — जहां संस्कृति, प्रकृति और आत्मनिर्भरता साथ चलते हैं।”
सरकार का लक्ष्य है कि यह क्षेत्र देश की विकास यात्रा में ‘गेटवे टू ग्रोथ’ बने, न कि सिर्फ़ सीमांत क्षेत्र।
आधारभूत संरचना में क्रांति: कनेक्टिविटी ही समृद्धि की कुंजी
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जब तक पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से तेज़, सस्ती और आधुनिक कनेक्टिविटी नहीं मिलेगी, तब तक विकास अधूरा रहेगा।
उल्लेखनीय प्रगति:
2014 से पहले ब्रह्मपुत्र नदी पर कुल 3 पुल थे, अब 4 और बन चुके हैं।
असम, त्रिपुरा, नागालैंड में 60+ रेलवे स्टेशन अत्याधुनिक बनाए जा रहे हैं।
गुवाहाटी से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन शुरू हुई है।
8,000 किमी से अधिक सड़क परियोजनाएं पूर्वोत्तर में शुरू हो चुकी हैं।
डिजिटल पूर्वोत्तर: तकनीक के पंखों पर उड़ान
डिजिटल इंडिया का प्रभाव पूर्वोत्तर तक पहुंचा है, और यह अब केवल बातों में नहीं, जमीन पर दिख रहा है।
डिजिटल पहलें:
हर गांव तक ब्रॉडबैंड फाइबर पहुंचाने का मिशन तेजी से चल रहा है।
मोबाइल कनेक्टिविटी में 4G और 5G टावरों की बाढ़ आ चुकी है।
स्टार्टअप हब और इनोवेशन केंद्रों की स्थापना ने युवाओं को बड़ी ताकत दी है।
Rising North East Summit 2025 निवेश का स्वर्णिम दौर: बड़े कॉरपोरेट्स की एंट्री
अब समय आ गया है जब टाटा, अदानी जैसे दिग्गज कॉरपोरेट्स पूर्वोत्तर में निवेश कर रहे हैं।
टाटा ग्रुप असम में ₹27,000 करोड़ से सेमीकंडक्टर यूनिट बना रहा है।
अदानी ग्रुप ने ₹20,000 करोड़ की ग्रीन एनर्जी और लॉजिस्टिक्स में योजना बनाई है।
टेक्सटाइल और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी एमएसएमई को जोड़ा जा रहा है।
Rising North East Summit 2025: हरित ऊर्जा की दिशा में बड़ी छलांग
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पूर्वोत्तर की भौगोलिक स्थिति इसे हाइड्रो, सोलर और पवन ऊर्जा के लिए आदर्श बनाती है।
असम और मिजोरम में ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट पर काम शुरू।
अरुणाचल में बड़े सौर ऊर्जा पार्क की योजना।
पूर्वोत्तर को ‘ग्रीन पॉवर हाउस ऑफ इंडिया’ बनाने की सोच।
Rising North East Summit 2025 युवाओं के लिए अवसर: स्किलिंग और स्टार्टअप्स का युग
प्रधानमंत्री ने युवाओं से सीधा संवाद करते हुए उन्हें मुख्यधारा का हिस्सा बनने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 5 लाख युवाओं को ट्रेनिंग मिली है।
इनक्यूबेशन सेंटर और फंडिंग के जरिए सैकड़ों स्टार्टअप्स उभर रहे हैं।
शिक्षा से लेकर खेल तक, युवाओं के लिए मंच अब स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है।
Rising North East Summit 2025 संस्कृति और पर्यटन: पहचान का पुनर्जागरण
प्रधानमंत्री ने ‘अष्टलक्ष्मी महोत्सव’ का ज़िक्र किया जो पूरे देश को पूर्वोत्तर की विविध संस्कृति से जोड़ता है।
मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड के लोकनृत्य व हस्तशिल्प को देशभर में पहचान मिल रही है।
इको-टूरिज्म और हेरिटेज टूरिज्म के लिए ₹5,000 करोड़ की योजनाएं बनाई गई हैं।
मेघालय और सिक्किम को “स्पिरिचुअल डेस्टिनेशन” के रूप में विकसित किया जा रहा है।
Rising North East Summit 2025: शिक्षा और स्वास्थ्य में नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि शिक्षा और स्वास्थ्य के बिना किसी भी क्षेत्र का विकास अधूरा है।
गुवाहाटी में एम्स और कई नए मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हैं।
100 से अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ सेंटर चालू हो चुके हैं।
नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों के नए कैंपस पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में खुल चुके हैं।
Rising North East Summit 2025: सीमाई विकास और समावेशी भारत
वाइब्रेंट विलेजेज योजना के अंतर्गत सीमाई गांवों को सशक्त किया जा रहा है।
2,500 से ज्यादा गांवों में सड़क, बिजली, पानी, नेट जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई गई हैं।
स्थानीय भाषा, संस्कृति और रोजगार को संरक्षित करने की नीति पर काम हो रहा है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में टूरिज्म और व्यापार के लिए विशेष जोन विकसित किए जा रहे हैं।
Rising North East Summit 2025 लोकल उद्योगों को प्रोत्साहन: आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में पूर्वोत्तर के स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन देने का जिक्र किया। क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करते हुए, स्थानीय उत्पादों और कारीगरी को वैश्विक बाजारों तक पहुँचाने के लिए कई पहल की जा रही हैं।
उदाहरण:
हाथी दांत और बांस उद्योग: असम, मणिपुर और नागालैंड जैसे राज्यों में बांस के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात करने के लिए योजनाएं बन रही हैं।
हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पाद: मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय हर्बल उत्पादों को वैश्विक आयुर्वेद बाजार में खपाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इन सभी पहलों का उद्देश्य न केवल रोजगार सृजन है, बल्कि इन उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा करना भी है।
Rising North East Summit 2025 सशक्त महिलाएँ और समाज में उनके योगदान को बढ़ावा
प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं का जिक्र किया। विशेषकर, पूर्वोत्तर के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को बढ़ाने के लिए उनके लिए आर्थिक स्वतंत्रता, शिक्षा, और अवसरों का निर्माण किया जा रहा है।
महिला सशक्तिकरण के कदम:
स्व-रोज़गार और उद्योग: विशेष रूप से महिला समूहों को स्व-रोज़गार में सक्षम बनाने के लिए micro-finance योजनाएं।
महिला शिक्षा: लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता देने के लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष स्कॉलरशिप योजनाएं।
महिला केंद्रित उद्यमिता: महिलाओं के लिए व्यापार और उद्यमिता में अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। महिला किसानों और उत्पादकों को एकजुट करने के लिए स्थानीय बाजारों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों का विकास हो रहा है।
Rising North East Summit 2025 पूर्वोत्तर का योगदान: राष्ट्रीय सुरक्षा में वृद्धि
पूर्वोत्तर के राज्यों की भौगोलिक स्थिति का भारतीय सुरक्षा व्यवस्था में एक अहम स्थान है। पीएम मोदी ने इस क्षेत्र के विकास को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बताया।
सुरक्षात्मक बुनियादी ढांचा: बॉर्डर क्षेत्रों के सशक्तीकरण के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें सैनिकों की आवासीय सुविधाएं, सड़कें, संचार नेटवर्क और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है।
सीमा सुरक्षा और निगरानी: भारत-म्यांमार और भारत-बांगलादेश सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए निगरानी उपकरण लगाए जा रहे हैं।
यह न केवल भारतीय सुरक्षा बलों के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे नागरिकों को भी अधिक सुरक्षा का अहसास होता है।
Rising North East Summit 2025 संस्कृति और पर्यटन: पूर्वोत्तर का अद्वितीय आकर्षण
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य को रेखांकित करते हुए इसे पर्यटन के दृष्टिकोण से बढ़ावा देने का आह्वान किया।
पूर्वोत्तर भारत का हर राज्य अपनी अलग-अलग परंपरा, नृत्य, संगीत और कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, इस क्षेत्र की धार्मिक विविधता और मंदिरों की समृद्धि भी भारत और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती है।
टूरिज्म के लिए रणनीतियाँ:
सांस्कृतिक महोत्सव और मेला: असम में ‘बिहू’, मणिपुर में ‘लाइ हारा बा’, और नागालैंड में ‘होंगफेस्ट’ जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों को और अधिक प्रसिद्ध किया जाएगा।
इको-टूरिज्म: मिजोरम और सिक्किम में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विशेष क्षेत्र बनाए गए हैं।
धार्मिक पर्यटन: अरुणाचल प्रदेश और असम में पवित्र स्थलों पर मंदिरों, मठों, और बौद्ध स्तूपों का संरक्षण और संवर्धन।
Rising North East Summit 2025 निरंतर सहयोग: केंद्र और राज्य सरकारों का संयुक्त प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता को भी स्पष्ट किया। केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास से ही पूर्वोत्तर का समग्र विकास संभव है।
सभी योजनाओं और प्रोजेक्ट्स को राज्य सरकारों की जरूरतों और प्राथमिकताओं के हिसाब से ही तैयार किया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक राज्य की विशेष आवश्यकताओं के अनुसार योजनाओं का कार्यान्वयन किया जाए।
Rising North East Summit 2025: तकनीकी नवाचार और डिजिटल पूर्वोत्तर: एक नई क्रांति
प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल इंडिया के सपनों को पूर्वोत्तर के संदर्भ में विशेष रूप से जोरदार तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि तकनीकी नवाचार और डिजिटल अवसंरचना इस क्षेत्र के विकास में एक क्रांतिकारी भूमिका निभा रही है।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार:
ब्रॉडबैंड कवरेज: पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में ब्रॉडबैंड नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी इंटरनेट की पहुंच संभव हो सके।
डिजिटल शिक्षा: ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। डिजिटल लाइब्रेरी और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स का निर्माण तेजी से हो रहा है।
ई-गवर्नेंस: सरकारी सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ले जाकर नागरिकों को तेज़ और पारदर्शी सेवाएं दी जा रही हैं।

Rising North East Summit 2025: स्टार्टअप इकोसिस्टम का विकास:
पूर्वोत्तर में स्टार्टअप्स और नवाचार केंद्रों की स्थापना से युवाओं को अपने विचारों को व्यवसाय में बदलने के अवसर मिल रहे हैं। इस क्षेत्र के टेक्नोलॉजी उद्यमी अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं।
Rising North East Summit 2025: युवा शक्ति और रोजगार के नए अवसर
पूर्वोत्तर भारत में युवाओं की संख्या बड़ी है और प्रधानमंत्री ने इस युवा शक्ति को अवसर प्रदान करने पर विशेष जोर दिया। रोजगार सृजन के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाओं को लागू किया है, जिनका उद्देश्य युवाओं को न केवल नौकरी देना है बल्कि उन्हें स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित करना है।
Rising North East Summit 2025: रोजगार सृजन के प्रमुख क्षेत्र:
कृषि और कृषि आधारित उद्योग: आधुनिक तकनीकों को अपनाकर कृषि उत्पादन बढ़ाना और कृषि-प्रसंस्करण उद्योगों को विकसित करना।
पर्यटन उद्योग: होटल, गाइडिंग, ट्रांसपोर्ट जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर।
डिजिटल सेक्टर: कोडिंग, डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार।
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: सड़कों, पुलों, बिजली और जल आपूर्ति परियोजनाओं में कार्य अवसर।
Rising North East Summit 2025: पूर्वोत्तर की समृद्ध प्राकृतिक संपदा का संरक्षण
प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण को भी पूर्वोत्तर के विकास का अभिन्न हिस्सा बताया। इस क्षेत्र की हरी-भरी वादियाँ, नदियाँ, जलप्रपात और जैव विविधता इसकी विशिष्टता हैं, जिनका संरक्षण आवश्यक है।
पर्यावरण संरक्षण की पहलें:
वन संरक्षण: प्राकृतिक वनों को बचाने और अवैध कटाई को रोकने के लिए विशेष अभियान।
जल स्रोतों की सुरक्षा: नदियों और झरनों को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए स्वच्छता और संरक्षण अभियान।
सतत विकास: पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ विकास के लिए ग्रीन एनर्जी, जैसे सोलर और वायु ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना।
Rising North East Summit 2025: पूर्वोत्तर भारत की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी
पूर्वोत्तर की भौगोलिक स्थिति इसे एशिया के कई देशों से जोड़ती है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र को भारत के “Act East Policy” के तहत महत्वपूर्ण मानते हुए इसके द्वारा व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया।
प्रमुख कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स:
इंडो-बांग्लादेश रेलवे कनेक्शन: जिससे पूर्वोत्तर का माल और यात्री परिवहन आसान होगा।
आशिया हाइवे नेटवर्क: पूर्वोत्तर को पड़ोसी देशों जैसे म्यांमार, थाईलैंड, भूटान, नेपाल आदि से जोड़ने वाले सड़क मार्ग।
नॉर्थ ईस्ट इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स: गुवाहाटी और सिलचर जैसे प्रमुख शहरों में एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जा रहा है।
पूर्वोत्तर भारत में खेल और युवा विकास
प्रधानमंत्री ने खेल को सामाजिक विकास और राष्ट्रीय एकता का माध्यम माना। पूर्वोत्तर के युवा कई खेलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
खेल क्षेत्र में सरकारी पहल:
खेल अकादमियों का विकास: फुटबॉल, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग आदि के लिए प्रशिक्षण केंद्र।
खेल प्रतियोगिताएं: नियमित रूप से खेलों के आयोजन और खेल प्रतिभाओं की पहचान।
स्कूल और कॉलेज स्तर पर खेल प्रोत्साहन: खेल और शिक्षा का संतुलन बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम।
समावेशी विकास और सामाजिक समरसता
पूर्वोत्तर क्षेत्र की विविध जातीय और सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देते हुए प्रधानमंत्री ने सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की जरूरत पर ज़ोर दिया। सभी समुदायों का सहयोग और सहभागिता विकास का आधार है।
सामाजिक समरसता के लिए प्रयास:
सामुदायिक संवाद: विभिन्न जातीय समूहों के बीच संवाद और सहयोग के कार्यक्रम।
शांति और सुरक्षा: क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग और प्रशासनिक प्रयास।
सांस्कृतिक आदान-प्रदान: पारंपरिक त्योहारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को राष्ट्रीय मंच पर लाना।
Rising North East Summit 2025 की उपलब्धियां और भविष्य की राह
Rising North East Summit 2025 ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए एक व्यापक रोडमैप दिया है, जिसमें बुनियादी ढांचा, रोजगार, डिजिटल इंडिया, पर्यावरण, और सामाजिक समरसता पर विशेष ध्यान है।
प्रधानमंत्री मोदी की पहलें केवल योजनाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनके कार्यान्वयन का भी लक्ष्य स्पष्ट है। समिट में उठाए गए कदमों से पूर्वोत्तर न केवल देश के लिए बल्कि पूरे एशिया के लिए विकास का मॉडल बन सकता है।
निष्कर्ष: Rising North East Summit 2025
Rising North East Summit 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण पूर्वोत्तर भारत के विकास और प्रगति के नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। इस क्षेत्र को अब केवल भारत के एक दूर-दराज़ हिस्से के रूप में नहीं बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जा रहा है।
पूर्वोत्तर के बुनियादी ढांचे में हो रहे सुधार, डिजिटल और तकनीकी क्रांति, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, पर्यावरण संरक्षण के प्रयास और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार से यह क्षेत्र तेजी से उभर रहा है।
प्रधानमंत्री के इस संपूर्ण दृष्टिकोण में समावेशी विकास, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत का भी समुचित समावेश है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट पहचान को और मजबूत करता है।
आने वाले समय में पूर्वोत्तर भारत न केवल राष्ट्रीय विकास की दिशा में बल्कि पूरे एशिया के आर्थिक और सामरिक नक्शे पर एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। समिट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र और राज्य सरकारों की साझेदारी, तकनीकी नवाचार और युवाओं की भागीदारी के माध्यम से पूर्वोत्तर का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है।
इस प्रकार, Rising North East Summit 2025 ने पूर्वोत्तर को विकास के नए अवसर दिए हैं, जो इसे एक आधुनिक, सशक्त और समृद्ध क्षेत्र के रूप में स्थापित करेंगे। यह भारत के “सबका साथ, सबका विकास” के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Related
Discover more from Aajvani
Subscribe to get the latest posts sent to your email.