SCO 2025 टियांजिन: जानिए भारत की भूमिका, एजेंडा और भविष्य की योजना!
परिचय: शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation – SCO) एक महत्वपूर्ण स्थायी क्षेत्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। मूल रूप से इसे “Shanghai Five” कहा जाता था, जिसमें चीन, रूस, कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल थे।
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Toggleबाद में भारत व पाकिस्तान (2017), ईरान (2023) तथा बेलारूस (2024) के जुड़ने से अब यह दस सदस्य देशों का गठबंधन बन चुका है ।
इसीलिए SCO को जनसंख्या (लगभग 42% विश्व की), भू‑राजनीतिक श्रेणी (65% एशिया) और आर्थिक क्षमता (सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 23%) के आधार पर एक महाशक्ति क्षेत्रीय मंच माना जाता है ।

SCO की सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ हैं:
क्षेत्रीय सुरक्षा: सीमा सुरक्षा, आतंकवाद, चरमपंथ और ड्रग तस्करी पर सशक्त नीति।
आर्थिक सहयोग: व्यापार, निवेश, आधारभूत संरचना और डिजिटल अर्थव्यवस्था।
राजनीतिक व सांस्कृतिक संपर्क: संवाद, शिक्षा, स्वास्थ्य, युवा साझेदारी आदि के माध्यम से “अंतर-संबंध और विश्व‑बंधुत्व” का संवर्धन।
SCO 2025: नया दृष्टिकोण, नया मंच
स्थान, समय और चिन्हित संदर्भ
स्थान: 2025 की शरद ऋतु में टियांजिन, चीन—हाईहे नदी के किनारे आयोजित 25वां Heads of State परिषद सम्मेलन ।
चीनी अध्यक्षता: 2025 “China Year” के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें चीन ने 100+ कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिनमें राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक, सांस्कृतिक पहल शामिल हैं ।
पृष्ठभूमि: यह सम्मेलन वर्ष 2001 में स्थापना के बाद 25वें साल का है—जो एक प्रतीकात्मक क्षण है संगठन की यात्रा पर पुनः चिंतन करने तथा भविष्य की दिशा तय करने का ।
SCO का बढ़ता दायरा और महत्व
1. सदस्यता का विस्तार – SCO अब दस सदस्यों वाला गठबंधन है। ईरान (2023) और बेलारूस (2024) के जुड़ने से यह और अधिक व्यापक और विविध बन गया है ।
2. सुरक्षा दृष्टिकोण की मजबूती – प्रमुख चुनौतियों में आतंकवाद, साइबर अपराध, ड्रग तस्करी शामिल हैं, जिन्हें Regional Anti‑Terrorist Structure (RATS) के द्वारा संभाला जाता है ।
3. आर्थिक एकीकरण – सदस्य देशों में निवेश और आधारभूत कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कार्य समूह बनाए गए हैं, जैसे कि investment working group और Industrial Cooperation Forum ।
4. डिजिटल और ऊर्जा सहयोग – डिजिटल बुनियादी संरचना, ऊर्जा सुरक्षा, साइबर-सुरक्षा, और स्थानीय मुद्रा लेन-अदियान जैसे पहलू सम्मेलन में उच्च प्राथमिकता में होंगे ।
SCO 2025 का एजेंडा: प्रमुख विषय
विषय क्षेत्र मुख्य चर्चा बिंदु
टियर 1 – क्षेत्रीय सुरक्षा आतंकवाद, ड्रग तस्करी, RATS, साइबर सुरक्षा, सीमा सुरक्षा
टियर 2 – आर्थिक और निवेश सहयोग व्यापार, निवेश प्रवाह, connectivity, Regional Investment Working Group
टियर 3 – डिजिटल / ऊर्जा / संसाधन डिजिटल अर्थव्यवस्था, AI, ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्थानीय मुद्रा प्रयोग
टियर 4 – समावेशी पहल स्टार्टअप, शिक्षा, सांस्कृतिक आदान‑प्रदान, युवा सशक्तिकरण, स्किल डेवलपमेंट फोरम
SCO 2025 की रणनीतिक पहल और दस्तावेज
SCO डिवेलपमेंट स्ट्रैटेजी 2035
‑ 24वें Astana सम्मेलन में जो SCO Development Strategy until 2035 अपनाई गई थी, वही 2025 में भी केंद्रीय रणनीतिक दस्तावेज बनी हुई है। इसमें आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, ऊर्जा सहयोग, आर्थिक विकास और सूचना सुरक्षा जैसी प्रमुख प्राथमिकताओं पर जोर है ।
‑ यह रोडमैप आने वाले एक दशक तक SCO के साझा सहयोग और सामरिक कार्यों का केंद्रीय आधार बनेगा।
आतंकवाद-विरोधी संरचना और RATS
‑ आतंकवाद, चरमपंथ, संशोधन, साइबरजबरदस्ती से निपटने के लिए 2025 में भी संगठन RATS (Regional Anti‑Terrorist Structure) को सशक्त बनाएगा। Astana घोषणा में इसे और मजबूत किया गया ।
‑ भारत ने बार-बार अपने संदेश में “पारदर्शिता” और “double‑standards” से छुटकारे की अपील की है—जिसे NSA अजीत डोवाल ने SCO सम्मेलन में एक संयुक्त सूचना रणनीति के माध्यम से दोहराया ।
डिजिटल, ऊर्जा और पर्यावरण पहल
‑ Astana घोषणापत्र ने सूचना सुरक्षा, हरित ऊर्जा, और पर्यावरण संरक्षण को प्रमुख उद्देश्य बताया ।
‑ भारत ने “SECURE” ढांचे का उल्लेख किया—इसमें पर्यावरण, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और क्षेत्रीय एकीकरण में SCO को विश्व‑स्तरीय आदर्श के रूप में उभारने की बात कही गई थी ।
सतत आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी
‑ भारत ने “Make in India” को विजन प्लान के रूप में प्रस्तुत किया, और Central Asia, Middle East एवं Europe कनेक्टिविटी (IMEC, North‑South Corridor, Chabahar Port) पर बल दिया ।
‑ ICT, MSME सहयोग, स्टार्टअप फोरम, युवा नेतृत्व पहल पर ध्यान दिया जाता रहा है ।
प्रमुख घटनाएँ और सहयोग समझौते
युवा और स्टार्टअप फोरम
‑ SCO Young Entrepreneurs Forum और स्टार्टअप इवेंट्स टियांजिन/न्यू दिल्ली फोरम के माध्यम से नई तकनीक, स्किल डेवलपमेंट और युवा नेतृत्व को मजबूत किया गया ।
औद्योगिक एवं निवेश समझौते
‑ Astana Summit में 25 से अधिक स्ट्रैटेजिक समझौते (ऊर्जा, trade, finance, information) हुए ।
‑ 2025 में भी टियांजिन जैसे सम्मेलन में Industrial Cooperation Forum और Investment Working Group के तहत अहम समझौते अपेक्षित हैं।
कनेक्टिविटी और ऊर्जा परियोजनाएँ
‑ मध्य एशिया के साथ सड़क, रेल, पोर्ट और डिजीटल कनेक्टिविटी को मंजूरी मिली है—उदाहरण के लिए भारत का Chabahar Port और North‑South Corridor संयोजन एवं Belt and Road की चर्चा ।
भविष्य की संभावना: SCO 2025 से आगे की राह
1. रणनीतिक गहराई और वैश्विक प्रतिस्पर्धा
बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था (Multipolar World Order)
SCO का सबसे बड़ा योगदान एक बहुध्रुवीय (Multipolar) वैश्विक व्यवस्था की ओर बढ़ना है, जिसमें न केवल पश्चिमी देशों (जैसे अमेरिका-नाटो) का वर्चस्व हो, बल्कि एशियाई, यूरेशियन और इस्लामी देशों की भी सक्रिय भूमिका हो।
संभावना:
भारत, रूस और चीन के नेतृत्व में एक संतुलित शक्ति केंद्र का निर्माण
UN, BRICS, ASEAN और SCO के बीच बेहतर तालमेल
BRI (Belt and Road Initiative) बनाम IMEC (India-Middle East-Europe Corridor)
SCO के भीतर चीन की BRI नीति और भारत की IMEC नीति एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी के रूप में उभर रही हैं।
संभावना:
सदस्य देशों को दोनों में संतुलन बैठाने की आवश्यकता
भारत के लिए रणनीतिक अवसर: बिना BRI में शामिल हुए SCO में सक्रिय बने रहना

2. सुरक्षा और आतंकवाद के विरुद्ध संयुक्त मोर्चा
RATS का आधुनिकीकरण
Regional Anti-Terrorist Structure (RATS) को आधुनिक साइबर युद्ध, आतंकी वित्तपोषण ट्रैकिंग, और ड्रोन आधारित खतरों के विरुद्ध सशक्त बनाना अब अनिवार्य है।
संभावना:
भारत द्वारा RATS में अधिक तकनीकी सहायता और इंटेलिजेंस शेयरिंग
RATS को एक Cyber Anti-Terror Platform में बदला जा सकता है
निष्कर्ष: SCO 2025 – भारत और एशिया की संयुक्त प्रगति की दिशा में निर्णायक कदम
SCO 2025 सम्मेलन केवल एक क्षेत्रीय आयोजन नहीं, बल्कि एशिया की भू-राजनीतिक दिशा को पुनर्परिभाषित करने वाला मील का पत्थर है। यह संगठन अब केवल सुरक्षा या आतंकवाद-विरोध तक सीमित नहीं, बल्कि डिजिटल क्रांति, आर्थिक एकीकरण, ऊर्जा सुरक्षा और युवा सशक्तिकरण के बहुआयामी मंच में बदल रहा है।
भारत की भूमिका इस परिवर्तन में केन्द्रीय रही—चाहे वह आतंकवाद पर “zero tolerance” नीति हो, RATS में योगदान हो, या स्टार्टअप, डिजिटल भुगतान और कनेक्टिविटी योजनाओं में नेतृत्व करना हो। भारत ने यह स्पष्ट किया कि वह केवल सहभागी नहीं, बल्कि मार्गदर्शक बनना चाहता है।
SCO अब एक नई एशियाई पहचान गढ़ रहा है—जहाँ पश्चिम-आधारित सत्ता संतुलन को चुनौती देने के लिए भारत, रूस, चीन जैसे देश मिलकर एक बहुध्रुवीय विश्व की ओर बढ़ रहे हैं। इसमें भारत के पास मौका है—
रणनीतिक सोच से अस्थिर पड़ोसियों को मात देने का
व्यापार, ऊर्जा और तकनीक के माध्यम से सहयोग बढ़ाने का
और वैश्विक मंच पर सशक्त आवाज़ बनने का।
इसलिए, SCO 2025 को समझना केवल एक सम्मेलन का विश्लेषण नहीं, बल्कि भारत के भविष्य की वैश्विक नीति को समझने की एक कुंजी है।
भारत को चाहिए कि वह इस मंच को न केवल सुरक्षा रणनीति बल्कि आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के अवसर में बदले।
SCO 2025 FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. SCO क्या है और इसकी स्थापना कब हुई थी?
उत्तर:
SCO (Shanghai Cooperation Organisation) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 2001 में चीन के शंघाई शहर में हुई थी। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद-विरोध और सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत करना है।
2. SCO 2025 सम्मेलन कहां और कब आयोजित होगा?
उत्तर:
SCO 2025 सम्मेलन चीन के टियांजिन शहर में, वर्ष 2025 की दूसरी छमाही (संभावित सितंबर–अक्टूबर) में आयोजित किया जाएगा।
3. SCO 2025 सम्मेलन की अध्यक्षता कौन कर रहा है?
उत्तर:
SCO 2025 की अध्यक्षता चीन कर रहा है। यह चीन के लिए एक विशेष अवसर है क्योंकि यह संगठन की 25वीं वर्षगांठ है।
4. SCO 2025 में भारत की भूमिका क्या है?
उत्तर:
भारत SCO में सुरक्षा, आतंकवाद विरोध, स्टार्टअप सहयोग, डिजिटल भुगतान, और ऊर्जा साझेदारी जैसे विषयों पर सक्रिय भूमिका निभा रहा है। भारत ने आतंकवाद पर “Zero Tolerance” नीति अपनाई है और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए Chabahar Port तथा North–South Corridor का समर्थन किया है।
5. क्या SCO एक सैन्य गठबंधन है?
उत्तर:
नहीं, SCO कोई सैन्य गठबंधन नहीं है। यह एक बहुपक्षीय संगठन है जो राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग पर केंद्रित है।
6. SCO 2025 का प्रमुख एजेंडा क्या है?
उत्तर:
SCO 2025 में मुख्य एजेंडे हैं:
आतंकवाद और चरमपंथ का मुकाबला
डिजिटल और ऊर्जा सहयोग
स्टार्टअप और युवा नेतृत्व
कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण
जलवायु और आपदा प्रबंधन
7. क्या पाकिस्तान भी SCO का सदस्य है?
उत्तर:
हाँ, पाकिस्तान 2017 से SCO का पूर्ण सदस्य है। भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही मंच पर एक साथ मौजूद होते हैं, लेकिन उनके बीच कई मुद्दों पर मतभेद भी रहते हैं।
8. SCO में कितने सदस्य देश हैं?
उत्तर:
वर्तमान में SCO के 10 सदस्य देश हैं: भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान (2023 से), और बेलारूस (2024 से)। साथ ही कुछ पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देश भी जुड़े हैं।
9. SCO भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
SCO भारत के लिए सुरक्षा, रणनीति, ऊर्जा, व्यापार और मध्य एशिया से संबंधों को मजबूत करने का एक प्रमुख मंच है। यह चीन और रूस जैसे शक्तिशाली देशों के साथ संवाद बनाए रखने का भी एक अवसर है।
10. क्या SCO 2035 तक कोई दीर्घकालिक योजना बना चुका है?
उत्तर:
हाँ, SCO ने एक Development Strategy 2035 को अपनाया है, जिसमें संगठन की दीर्घकालिक दिशा तय की गई है। इसमें आतंकवाद-रोधी, आर्थिक सहयोग, डिजिटल नीति और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में व्यापक काम योजना है।
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