Sensex vs Nifty 2025: किस इंडेक्स में मिलेगा ज़्यादा रिटर्न?
परिचय – भारतीय शेयर बाजार के मुख्य संकेतक
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Toggleभारतीय शेयर बाजार की स्थिति को समझने के लिए दो प्रमुख संकेत जिनपर सारी निगाह रहती है, वो हैं Sensex (सेंसेक्स) और Nifty (निफ्टी)।
Sensex, जिसे S&P BSE Sensex भी कहा जाता है, Bombay Stock Exchange (BSE) का मुख्य इंडेक्स है। इसमें 30 बड़ी कंपनियों के शेयर शामिल हैं।
जबकि Nifty 50 National Stock Exchange (NSE) का प्रमुख इंडेक्स है, जिसमें शीर्ष 50 कंपनियों के शेयर शामिल होते हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था का व्यापक प्रतिबिंब है।

Sensex vs Nifty ये दोनों इंडेक्स निवेशकों के लिए मार्केट हेल्थ का एक संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करते हैं।
संरचना एवं कम्पोजिशन: Sensex vs Nifty
पहलु Sensex (BSE) Nifty 50 (NSE)
कंपनियों की संख्या 30 बड़ी कंपनियाँ 50 कंपनियाँ
शेयर एक्सचेंज BSE (Bombay Stock Exchange) NSE (National Stock Exchange)
गणना विधि फ्री‑फ्लोट मार्केट कैप weighted फ्री‑फ्लोट मार्केट कैप weighted
बेस वर्ष 1978‑79, बेस वैल्यू 100 पर सेट 1995 के बेस डे पर 1000 सेट
शुरूआत 1986 1996
> Sensex एक केंद्रित (niche), चुखे गए 30 बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधि इंडेक्स है, जबकि Nifty थोडा ज्यादा वृहद—50 कंपनियों के साथ।
Sensex vs Nifty: गणना की विधि और आधार
Sensex vs Nifty दोनों इंडेक्स फ्री-फ्लोट मार्केट कैप weighted होते हैं, यानी सिर्फ वो शेयर ध्यान में आते हैं जो सार्वजनिक रूप से ट्रेड होते हैं—प्रमोटर शेयर नहीं।
Sensex: (कुल फ्री‑फ्लोट मार्केट कैप / बेस मार्केट कैप) × बेस इंडेक्स वैल्यू (100)।
Nifty: (वर्तमान फ्री‑फ्लोट मार्केट कैप / बेस मार्केट कैप) × बेस इंडेक्स वैल्यू (1000)।
यह तरीका इंडेक्स को समय के साथ तुलनात्मक रूप से समझने योग्य बनाता है।
क्यों होते हैं Sensex vs Nifty दोनों इंडेक्स महत्वपूर्ण?
आर्थिक स्वास्थ्य का संकेतक
Sensex vs Nifty इंडेक्स घरेलू और वैश्विक निवेशकों को भारतीय आर्थिक माहौल का सरल दृश्य प्रदान करते हैं।
जब Sensex और Nifty ऊपर जाते हैं, तो इसका मतलब होता है शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है।
निवेशक मार्गदर्शन
SIP, ETF, म्यूचुअल फंड्स इत्यादि टूल्स का प्रदर्शन इन बेंचमार्क्स के आसपास मापा जाता है।
भावनात्मक (Sentiment) मापन
निवेशकों और बाजार सहभागियों की मनोदशा Sensex vs Nifty रुझानों पर आधारित होती है—चाहे वो Fear या Greed हो।
Sensex vs Nifty का तुलनात्मक प्रदर्शन
अतीत में Sensex का बेहतर प्रदर्शन: कई डेटा स्रोत बताते हैं कि Sensex ने कुछ समय में Nifty से बेहतर प्रदर्शन दिखाया है—हालांकि इसका कारण कंपनियों का विशेष चयन (30 बड़ी एजेंसियां) होना भी है।
विविधता में Nifty फ़ायदेमंद: लेकिन Nifty में ज्यादा कंपनियाँ होने के कारण मार्केट का व्यापक प्रतिनिधित्व होता है।
Sensex vs Nifty: आज की लेटेस्ट मार्केट अपडेट (16 जून 2025)
आज की ताज़ा स्थिति:
Sensex: सुबह 9:17 बजे लगभग 81,337.74 पर पहुँचकर बढ़ा, बाद में 81,667.69 (+0.68%) पर रहा।
Nifty 50: सुबह के सत्र में 24,790.30 से 24,902.7 (+0.75%) तक पहुंचा।
मुख्य पॉइंट:
IT और फाइनेंशियल सेक्टर सबसे ज़्यादा योगदान करने वाले क्षेत्र थे।
तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) ने लगातार 19 दिनों तक ₹887.3 बिलियन का निवेश किया।
वैश्विक तनाव—विशेषकर इजराइल‑ईरान—के बावजूद बाजार ने तेजी दिखाई।
रुपया लगभग स्थिर, 86.0625/US$ पर रहा।
Sensex vs Nifty: किस इंडेक्स का चुनाव करें?
यह निर्भर करता है आपकी प्राथमिकताओं पर:
अगर आपको केवल फोकस्ड, लिक्विड बड़ी कंपनियों में निवेश करना है → Sensex बेहतर।
अगर आपको अधिक विविधता और कारोबार में हिस्सेदारी पसंद है → Nifty उपयुक्त।
निवेश रणनीति: Sensex vs Nifty
दीर्घकालिक निवेश (Long-term)
Nifty: क्योंकि यह व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है, SIP और index funds में उपयोगी।
Sensex: बड़े कंपनियों की मजबूती पर भरोसा रखने वालों के लिए।
अल्पकालिक ट्रेडिंग (Short-term)
Sensex vs Nifty दोनों ही उपयोगी—वैश्विक घटनाओं, बैंक निर्णयों, GDP, crude oil आदि घटकों के आधार पर चपल होते हैं।
हाल‑फिलहाल की चुनौतियाँ और अवसर
वैश्विक तनाव (मिडल-ईस्ट, US-China, आरबीआई नीति बदलाव)
तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
विदेशी निवेशकों की प्रवृत्ति
डेरिवेटिव्स मार्केट (F&O): Nifty future/option expiry से असर होता है Sensex पर भी
सेक्टरल प्रदर्शन: D-street पर बैंकिंग, IT, O&G का भिन्न प्रभाव होता है।
भविष्य की संभावनाएँ – विश्लेषकों की राय
Reuters पोल के अनुसार:
Nifty 50 → 26,500 तक वर्ष अंत तक, 28,450 तक वर्ष 2026 अंत तक पहुँच सकता है।
Sensex → 95,000 तक 2026 अंत तक जा सकता है।
हालाँकि, गैप्स और करेक्शन की संभावनाएँ बनी रहती हैं, क्योंकि P/E अनुपात लगभग 23.5 पर निकला है—जो उच्च माना जाता है।
Sensex vs Nifty से सीखने योग्य बातें
Sensex vs Nifty दोनों ट्रेंड ट्रैकिंग टूल्स हैं—निवेशकों को दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स (म्युचुअल फंड, SIP, ETF, फॉरेक्स) की दिशा संकेतित करते हैं।
नियमित रूप से इनके डेटा का अध्ययन—जैसे हफ्ते का रेंज, सेंटीमेंट, सेक्टोर प्रदर्शन—फायदेमंद होता है।
Sensex vs Nifty: सेक्टोरल ब्रेकडाउन और उद्योगों की भागीदारी
Sensex में प्रमुख सेक्टर:
बैंकिंग और वित्तीय सेवा (Financial Services)
सूचना प्रौद्योगिकी (IT)
उपभोक्ता वस्तुएँ (FMCG)
तेल और गैस (O&G)
ऑटोमोबाइल्स
Sensex में ज़्यादा वजनदार कंपनियाँ (weight-heavy stocks) हैं जैसे:
Reliance Industries
HDFC Bank
Infosys
TCS
ICICI Bank
Nifty में सेक्टरवार विविधता:
Nifty में 50 कंपनियाँ शामिल हैं, जो लगभग 13 सेक्टर्स को कवर करती हैं।
इनमें शामिल हैं:
Financial Services (~36%)
IT (~14%)
Oil & Gas (~11%)
FMCG (~8%)
Auto, Pharma, Telecom, Cement आदि।
इसलिए Nifty अधिक sectoral diversification प्रदान करता है, जिससे यह कम वोलाटाइल बनता है।
भारत के विकास में Sensex vs Nifty इंडेक्स की भूमिका
भारत के बढ़ते निवेशक आधार, डिजिटलीकरण, और आर्थिक सुधारों में Sensex और Nifty ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कुछ विशेष योगदान:
- Foreign Institutional Investors (FII) के लिए भारत का प्रतिनिधित्व।
- Startup IPO boom (Zomato, Paytm, Nykaa) से इंडेक्स पर असर।
- RBI monetary policy announcements पर तुरंत प्रतिक्रिया।
- ESG investing के माध्यम से नए मानकों की दिशा में कदम।
International तुलना: Dow Jones vs Sensex vs Nifty
सूचकांक देश कंपनियाँ शुरुआत वर्ष
Dow Jones अमेरिका 30 1896
Sensex भारत 30 1986
Nifty 50 भारत 50 1996
Dow Jones की तरह, Sensex भी 30 लार्ज-कैप कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि S&P 500 के ज़्यादा करीब Nifty 50 का स्वरूप है।
तकनीकी विश्लेषण और चार्टिंग के लिए Sensex vs Nifty
Nifty क्यों अधिक पसंद किया जाता है?
ट्रेडर्स के बीच F&O (Futures & Options) में Nifty का ज़्यादा वॉल्यूम होता है।
अधिक तरलता (liquidity) और कम स्प्रेड्स के कारण शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स इसे प्राथमिकता देते हैं।
Sensex कहाँ उपयोगी है?
Positional traders के लिए बेहतर है जो केवल blue-chip कंपनियों पर भरोसा करते हैं।
Index Investing: ETF और Mutual Funds
Nifty ETF:
Nippon India ETF Nifty BeES
SBI Nifty Index Fund
Sensex ETF:
HDFC Sensex ETF
ICICI Prudential Sensex Index Fund
अगर आप खुद निवेश करने के बजाय इंडेक्स को फॉलो करना चाहते हैं, तो ये ETF/MF विकल्प बेहतरीन हैं।
युवाओं और नए निवेशकों के लिए सलाह
- शुरुआत में Nifty 50 की समझ से शुरुआत करें।
- SIP के माध्यम से इंडेक्स फंड में निवेश करें।
- कम जोखिम वाले, लो कॉस्ट, हाई ट्रांसपेरेंसी वाले उत्पादों को चुनें।
- Sensex और Nifty के रुझान, न्यूज़ और घटनाओं का विश्लेषण करना सीखें।
Charts & Data Visualization (Text Representation)
2015-2025 के बीच CAGR:
Sensex: ~11.5%
Nifty: ~11.9%
2020 COVID के बाद रिबाउंड ग्रोथ:
Sensex: ~27% (FY21)
Nifty: ~28.5% (FY21)
नोट: आंकड़े अनुमानित हैं और समय के अनुसार बदल सकते हैं।
निष्कर्ष: Sensex vs Nifty – समझदारी से निवेश की दिशा
Sensex vs Nifty केवल दो इंडेक्स नहीं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था और निवेशकों की भावनाओं के प्रतिनिधि स्तंभ हैं। दोनों के बीच कुछ मूलभूत अंतर हैं — जैसे कंपनियों की संख्या, एक्सचेंज, सेक्टोरल डाइवर्सिटी — लेकिन दोनों ही भारत की आर्थिक स्थिति का बेहतरीन संकेतक हैं।
निष्कर्ष विवरण
Sensex केवल 30 बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, अधिक स्थिर और फोकस्ड है।
Nifty 50 50 कंपनियों के साथ बेहतर डाइवर्सिटी देता है और व्यापक बाजार को दर्शाता है।
निवेश के लिए उपयुक्तता नए और लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए Nifty बेहतर, स्टेबल और ब्लू-चिप चाहने वालों के लिए Sensex।
आज की स्थिति 16 जून 2025 को Sensex ~81,667 और Nifty ~24,902 पर ट्रेंड कर रहे हैं, दोनों में तेजी है।
भविष्य की दिशा विश्लेषकों का अनुमान है कि अगले एक–दो वर्षों में दोनों इंडेक्स उच्च स्तरों पर पहुँच सकते हैं।
Sensex vs Nifty Frequently Asked Questions (FAQs)
Q1. Sensex vs Nifty में क्या अंतर है?
उत्तर:
Sensex, BSE (Bombay Stock Exchange) का प्रमुख सूचकांक है जिसमें 30 टॉप कंपनियाँ शामिल होती हैं, जबकि Nifty, NSE (National Stock Exchange) का इंडेक्स है जिसमें 50 बड़ी कंपनियाँ शामिल होती हैं। दोनों का उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन को मापना है, लेकिन Nifty में ज़्यादा डाइवर्सिटी है।
Q2. निवेश के लिए Sensex बेहतर है या Nifty?
उत्तर:
अगर आप कम कंपनियों में फोकस्ड निवेश चाहते हैं तो Sensex बेहतर है, वहीं यदि आप सेक्टोरल और कंपनी डाइवर्सिटी को प्राथमिकता देते हैं, तो Nifty उपयुक्त है। दोनों लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए अच्छे हैं।
Q3. क्या मैं Sensex और Nifty दोनों में एकसाथ निवेश कर सकता हूँ?
उत्तर:
हाँ, आप दोनों में एकसाथ निवेश कर सकते हैं। आप ETF (Exchange Traded Funds) या Index Mutual Funds के माध्यम से दोनों इंडेक्स को ट्रैक करते हुए निवेश कर सकते हैं। इससे आपका पोर्टफोलियो संतुलित रहेगा।
Q4. Sensex vs Niftyका मूल्य कैसे निर्धारित होता है?
उत्तर:
दोनों इंडेक्स का मूल्य उनकी चयनित कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइज़ेशन और फ्री-फ्लोट के आधार पर तय होता है। Nifty और Sensex दोनों ही मार्केट कैप वेटेड इंडेक्स हैं।
Q5. क्या Nifty ज़्यादा भरोसेमंद है Sensex की तुलना में?
उत्तर:
Nifty में 50 कंपनियाँ शामिल होती हैं, जिससे यह अधिक डाइवर्सिफाइड होता है और इसमें वोलाटिलिटी अपेक्षाकृत कम होती है। इस दृष्टि से Nifty कुछ हद तक अधिक संतुलित माना जाता है, लेकिन दोनों ही इंडेक्स विश्वसनीय और प्रतिष्ठित हैं।
Q6. क्या Sensex/Nifty में डायरेक्ट निवेश संभव है?
उत्तर:
नहीं, आप Sensex या Nifty में सीधे निवेश नहीं कर सकते। लेकिन आप इनसे जुड़े इंडेक्स फंड्स या ETFs के जरिए इन इंडेक्स को ट्रैक करते हुए निवेश कर सकते हैं।
Q7. क्या Index Funds में जोखिम कम होता है?
उत्तर:
हां, Index Funds में जोखिम कम होता है क्योंकि ये इंडेक्स की सभी कंपनियों में समान रूप से निवेश करते हैं। यह एक लंबी अवधि की स्थिर और सुरक्षित निवेश रणनीति मानी जाती है।
Q8. क्या नए निवेशकों को Sensex vs Nifty में निवेश करना चाहिए?
उत्तर:
बिलकुल! नए निवेशकों के लिए Index Funds या ETFs के जरिए Nifty/Sensex में निवेश करना एक बेहतरीन शुरुआत हो सकती है क्योंकि यह सरल, पारदर्शी और रिस्क-मैनेज्ड होता है।
Q9. क्या ये इंडेक्स भारत की अर्थव्यवस्था को दर्शाते हैं?
उत्तर:
हाँ, Sensex और Nifty भारत की प्रमुख कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए ये इंडेक्स भारत की आर्थिक स्थिति, कॉर्पोरेट प्रदर्शन और निवेशकों की भावना के प्रमुख संकेतक माने जाते हैं।
Q10. 2025 में Sensex और Nifty का ट्रेंड क्या है?
उत्तर:
2025 की पहली छमाही में Sensex और Nifty दोनों में तेज़ी का ट्रेंड देखा गया है। Sensex लगभग 81,667 और Nifty लगभग 24,902 के स्तर पर पहुँच चुके हैं। यह निवेशकों के लिए भरोसे का संकेत है, लेकिन भविष्यवाणी से पहले विश्लेषण ज़रूरी है।
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