Solar Storm कर रहे हैं Starlink उपग्रहों को नुकसान | NASA की चेतावनी!
परिचय: सूर्य की गतिविधियाँ और उनका पृथ्वी और अंतरिक्ष पर प्रभाव
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Toggleसूर्य हमारे सौरमंडल का केंद्र है, और यह लगातार ऊर्जा और विकिरण उत्सर्जित करता रहता है। सूर्य की सतह पर कई प्रकार की गतिविधियाँ होती हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं — सौर ज्वालाएँ (Solar Flares) और कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejections – CMEs)।
ये दोनों घटनाएं सूर्य से भारी मात्रा में कणों और ऊर्जा का विस्फोट करती हैं, जिन्हें हम आमतौर पर “Solar Storm” कहते हैं।
जब ये सौर तूफान पृथ्वी की ओर आते हैं, तो वे हमारे ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र (magnetosphere) से टकराते हैं।
इसका प्रभाव कई रूपों में देखने को मिलता है — जैसे कि ध्रुवीय रोशनी (aurora borealis), रेडियो संचार में बाधा, और सबसे महत्वपूर्ण, अंतरिक्ष में कक्षा में घूम रहे उपग्रहों पर प्रतिकूल प्रभाव।
इस प्रकार के अंतरिक्ष मौसम की घटनाएं विश्वभर की तकनीकी प्रणालियों के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। विशेषकर आज, जब हमारी ज़िंदगी और अर्थव्यवस्था उपग्रहों और अंतरिक्ष तकनीक पर बहुत अधिक निर्भर है।
Starlink परियोजना: वैश्विक इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए SpaceX की पहल
SpaceX की Starlink परियोजना का उद्देश्य दुनिया के दूरदराज़ और इंटरनेट से वंचित इलाकों तक तेज़ और विश्वसनीय इंटरनेट पहुंचाना है।
इस परियोजना के तहत, SpaceX ने हजारों छोटे उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit – LEO) में स्थापित किया है। ये उपग्रह एक नेटवर्क के रूप में काम करते हैं और पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं।
Starlink उपग्रहों की कक्षा पृथ्वी से लगभग 550 किलोमीटर की ऊँचाई पर है, जो उन्हें परंपरागत उपग्रहों की तुलना में तेज़ और कम विलंबता वाला इंटरनेट देने में सक्षम बनाता है।
लेकिन इस कक्षा की कम ऊंचाई के कारण ये उपग्रह वायुमंडल के बढ़ते प्रभावों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं।
Solar Storm का उपग्रहों पर प्रभाव: क्यों होते हैं नुकसान?
जब Solar Storm आते हैं, तो वे पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में घनत्व (density) को बढ़ा देते हैं। इसका मतलब है कि अंतरिक्ष में घूम रहे उपग्रहों को अधिक वायुगतिकीय खिंचाव (aerodynamic drag) सहना पड़ता है।
यह खिंचाव उपग्रहों की कक्षा को धीमा करता है और उनकी कक्षा में गिरावट (orbital decay) का कारण बनता है।
इसके अलावा, Solar Storm से निकलने वाले उच्च ऊर्जा वाले कण उपग्रहों के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में विद्युत् बाधाएं (electronic interference) उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे उपकरण क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
उपग्रहों के लिए यह एक बड़ा खतरा है क्योंकि उनकी कार्यक्षमता इन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर निर्भर करती है।
Starlink जैसे छोटे उपग्रह, जो कम ऊँचाई पर हैं, इन प्रभावों के प्रति और अधिक संवेदनशील हैं क्योंकि उन्हें अधिक बार वायुमंडलीय खिंचाव का सामना करना पड़ता है।
फरवरी 2022 की घटना: Solar Storm से Starlink उपग्रहों को भारी नुकसान
फरवरी 2022 में SpaceX ने 49 नए Starlink उपग्रह लॉन्च किए। ये उपग्रह निचली पृथ्वी कक्षा में इंटरनेट सेवा के विस्तार के लिए तैनात किए गए थे।
लॉन्च के बाद ये उपग्रह अपने निर्धारित कक्षा में जाने लगे, लेकिन कुछ ही दिनों के भीतर एक अप्रत्याशित और मध्यम तीव्रता वाला Solar Storm पृथ्वी की ओर बढ़ा।
Solar Storm का प्रभाव
Solar Storm के कारण पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में अचानक से घनत्व बढ़ गया। जब वायुमंडल का घनत्व बढ़ता है, तो निचली कक्षा में घूम रहे उपग्रहों को अधिक वायुगतिकीय खिंचाव (aerodynamic drag) सहना पड़ता है।
इसका मतलब यह होता है कि उपग्रह अपनी कक्षा में धीमे पड़ जाते हैं और कक्षा से बाहर गिरने लगते हैं।
इस घटना में करीब 40 Starlink उपग्रहों की कक्षा में गिरावट इतनी तेज़ हुई कि वे अंततः वायुमंडल में प्रवेश कर गए और जलकर नष्ट हो गए।
यह एक बड़ी क्षति थी क्योंकि इतने सारे उपग्रह एक साथ खोना न केवल SpaceX की लागत बढ़ाता है, बल्कि पूरे Starlink नेटवर्क की विश्वसनीयता और क्षमता पर भी असर डालता है।
वैज्ञानिक विश्लेषण और NASA की प्रतिक्रिया
NASA और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के वैज्ञानिकों ने इस घटना का गहराई से अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि सौर तूफान की वजह से वायुमंडल में 50% से भी ज्यादा घनत्व वृद्धि हुई थी।
इसके अलावा, उच्च ऊर्जा वाले प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन ने उपग्रहों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर असर डाला, जिससे कई उपग्रहों की कार्यक्षमता कम हो गई।
NASA वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि भविष्य में भी ऐसे सौर तूफान Starlink जैसे कम ऊंचाई वाले उपग्रहों के लिए खतरा बने रहेंगे। साथ ही, उन्होंने SpaceX को ऐसे उपाय अपनाने की सलाह दी जो सौर तूफान के समय उपग्रहों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।

SpaceX का नुकसान और चुनौती
SpaceX के लिए यह घटना एक बड़ा झटका थी। कंपनी ने तब तुरंत उपाय किए, जैसे कि अपने उपग्रहों के डिज़ाइन में सुधार करना, औरSolar Storm की संभावित भविष्यवाणी के लिए NOAA (National Oceanic and Atmospheric Administration) के साथ साझेदारी मजबूत करना।
फिर भी, यह स्पष्ट था कि सूर्य की गतिविधियों को पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सकता, इसलिए SpaceX को अपने उपग्रह नेटवर्क की रक्षा के लिए लगातार नई तकनीकों और रणनीतियों पर काम करना होगा।
मई 2024 की लेटेस्ट घटना: फिर से Starlink उपग्रहों को नुकसान
हाल ही में, मई 2024 में, एक और शक्तिशाली सौर तूफान ने पृथ्वी के निचले वायुमंडल को प्रभावित किया। इस Solar Storm की तीव्रता फरवरी 2022 के मुकाबले कम थी, लेकिन इसके बावजूद इसने करीब 12 Starlink उपग्रहों को कक्षा से बाहर कर दिया।
इस घटना की खासियत
वैज्ञानिकों ने बताया कि इस बार वायुमंडल में घनत्व वृद्धि पहले से ही बढ़ी हुई थी, क्योंकि मई से पहले भी छोटे-मोटे सौर गतिविधियाँ चल रही थीं।
इस कारण, उपग्रह पहले से ही तनाव में थे, और अचानक आई Solar Storm की वजह से उनकी कक्षा में तेजी से गिरावट आई।
मई 2024 की इस घटना ने साबित कर दिया कि SpaceX के लिए यह खतरा निरंतर बना हुआ है। साथ ही, यह दर्शाता है कि उपग्रहों की सुरक्षा के लिए बेहतर पूर्वानुमान और त्वरित प्रतिक्रिया आवश्यक है।
NASA वैज्ञानिकों की चेतावनी: अंतरिक्ष मौसम से सतर्क रहें
NASA के वैज्ञानिक बार-बार अंतरिक्ष मौसम और सौर तूफानों के खतरों की ओर आगाह कर रहे हैं। उनका कहना है कि जैसे-जैसे हम अंतरिक्ष में अधिक तकनीकी उपकरण भेजेंगे, वैसे-वैसे सौर तूफानों का जोखिम भी बढ़ेगा।
NASA के प्रमुख वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि:
Solar Storm पृथ्वी पर GPS, संचार, और बिजली ग्रिड को प्रभावित कर सकते हैं।
खासकर Starlink जैसे छोटे, निचली कक्षा के उपग्रह Solar Storm के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
बेहतर स्पेस वेदर मॉनिटरिंग और त्वरित चेतावनी प्रणाली विकसित करना आवश्यक है।
NASA इस दिशा में NOAA और अन्य वैश्विक एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि भविष्य में उपग्रहों और पृथ्वी के तकनीकी नेटवर्क को सुरक्षा दी जा सके।
SpaceX की जवाबी रणनीति: Solar Storm के खिलाफ लड़ाई
Starlink परियोजना के लिए Solar Storm का खतरा नया नहीं है, लेकिन फरवरी 2022 और मई 2024 की घटनाओं ने इस खतरे को और गंभीरता से समझने पर मजबूर किया है। SpaceX ने इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए हैं:
उपग्रह डिजाइन में सुधार
SpaceX ने अपने Starlink उपग्रहों के डिज़ाइन में तकनीकी बदलाव किए हैं, जिससे वे सौर विकिरण और कण तूफानों के प्रभाव को बेहतर तरीके से सहन कर सकें।
इसमें मजबूत इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स, बेहतर तापीय नियंत्रण प्रणाली और अधिक टिकाऊ बाहरी आवरण शामिल हैं।
Solar Storm चेतावनी प्रणाली के साथ समन्वय
SpaceX ने NOAA (National Oceanic and Atmospheric Administration) और NASA के साथ मिलकर एक उन्नत अंतरिक्ष मौसम निगरानी प्रणाली विकसित की है।
इसके जरिए वे Solar Storm की संभावित गतिविधियों का पूर्वानुमान समय रहते प्राप्त करते हैं, ताकि उपग्रहों को खतरे के दौरान सुरक्षित स्थिति में ले जाया जा सके।
कक्षा प्रबंधन और बचाव के उपाय
Solar Storm की चेतावनी मिलने पर SpaceX अपने उपग्रहों को अस्थायी तौर पर उच्च कक्षा या सुरक्षित मोड में भेजता है, जिससे उनकी कक्षा में अनचाही गिरावट से बचाव हो सके।
इस प्रक्रिया में उपग्रहों की गति और दिशा को इस तरह नियंत्रित किया जाता है कि वे वायुमंडलीय खिंचाव से कम प्रभावित हों।
तेजी से पुनः लॉन्च और नेटवर्क विस्तार
नष्ट हुए उपग्रहों की जगह जल्द से जल्द नए उपग्रह लॉन्च करना भी SpaceX की रणनीति का हिस्सा है। इससे नेटवर्क की विश्वसनीयता बनी रहती है और सेवा में रुकावट कम होती है।
कंपनी ने अपनी रॉकेट लॉन्च क्षमता बढ़ाई है, जिससे वे नियमित अंतराल पर नए उपग्रह लॉन्च कर सकते हैं।

भविष्य की रणनीतियाँ और तकनीकी समाधान
SpaceX केवल मौजूदा उपायों पर ही निर्भर नहीं है, बल्कि वे भविष्य में और अधिक उन्नत तकनीकों और समाधानों पर भी काम कर रहे हैं:
उच्च कक्षा वाले उपग्रह
SpaceX कुछ Starlink उपग्रहों को कम ऊंचाई वाली कक्षा के बजाय मध्य या उच्च पृथ्वी कक्षा (Medium Earth Orbit – MEO या Geostationary Orbit – GEO) में तैनात करने की योजना बना रहा है।
इससे वायुमंडलीय खिंचाव का खतरा कम होगा, लेकिन इस पर तकनीकी और लागत संबंधी चुनौतियाँ भी हैं।
Solar Stormपूर्वानुमान में सुधार
वैज्ञानिक लगातार अंतरिक्ष मौसम के पूर्वानुमान की सटीकता बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। बेहतर डेटा विश्लेषण, उपग्रह आधारित सेंसर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का इस्तेमाल करके Solar Storm की गति और तीव्रता का पहले से पता लगाना संभव हो सकेगा।
स्वायत्त बचाव प्रणाली
भविष्य के Starlink उपग्रहों में ऐसी स्वायत्त प्रणाली विकसित करने का लक्ष्य है, जो सौर तूफान की चेतावनी मिलते ही बिना पृथ्वी से कमांड का इंतजार किए, खुद ही कक्षा को सुरक्षित बनाए। इससे प्रतिक्रिया समय कम होगा और नुकसान की संभावना घटेगी।
अंतरिक्ष में पुनः उपयोगी तकनीक
SpaceX अन्य अंतरिक्ष मिशनों की तरह Starlink उपग्रहों के लिए भी पुनः उपयोगी तकनीकों पर काम कर रहा है, ताकि अगर उपग्रह क्षतिग्रस्त हो तो उसे नष्ट किए बिना सही किया जा सके। इससे लागत और समय दोनों की बचत होगी।
निष्कर्ष: अंतरिक्ष मौसम की चुनौती और मानव तकनीकी प्रगति
सूर्य की गतिविधियाँ और सौर तूफान पृथ्वी और अंतरिक्ष में तकनीकी प्रणालियों के लिए लगातार चुनौती बने हुए हैं। Starlink जैसे उपग्रह नेटवर्क के लिए यह खतरा न केवल एक तकनीकी समस्या है, बल्कि मानवता की डिजिटल क्रांति की एक बाधा भी है।
NASA वैज्ञानिकों की चेतावनी और SpaceX की सक्रिय रणनीतियों से स्पष्ट होता है कि इस चुनौती का समाधान संयुक्त प्रयासों, नवीन तकनीकों और बेहतर पूर्वानुमान में है।
भविष्य में अंतरिक्ष मौसम की निगरानी और उपग्रहों की सुरक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग और शोध आवश्यक होगा।
Starlink परियोजना जैसे महत्वाकांक्षी प्रयासों को सफल बनाने के लिए यह जरूरी है कि हम इन प्राकृतिक खतरों को समझें, उनके प्रभावों को कम करें और तकनीकी नवाचारों के जरिए अंतरिक्ष को सुरक्षित बनाएं।
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