Suruchi Singh ने दिखाया Shootout Superpower – ISSF World Cup में सुनहरा इतिहास
परिचय
13 जून 2025 को म्यूनिख में आयोजित ISSF वर्ल्ड कप में Suruchi Singh ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में 241.9 अंक के शानदार स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता।
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Toggleउन्होंने फ्रांस की Camille Jedrzejewski को केवल 0.2 अंक से पराजित किया, जबकि चीन की Yao Qianxun ने कांस्य पदक हासिल किया ।
फाइनल की तीव्र प्रतिस्पर्धा
– शुरुआती पकड़ बनाए रखने के बाद, प्रत्येक शॉट पर संकल्प और स्थिरता दिखाते हुए फाइनल में खुद को सबसे ऊपर बनाए रखा।
– केवल दो अंकों के अंतर में जीत ने उनकी मानसिक मजबूती और फ़ोकस की क्षमता को उजागर किया ।
बैक‑टू‑बैक विश्व कप गोल्ड: अर्जेंटीना → पेरू → जर्मनी
साल 2025 में Suruchi Singh ने तीन प्रतिष्ठित ISSF विश्व कप ईवेंट में लगातार स्वर्ण जीते:
ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना (8 अप्रैल 2025)
– डेब्यू पर ही उन्होंने 244.6 अंक स्कोर कर चौ‑चौड़ी जीत हासिल की, जिसमें दो चीनी ओलिंपियन को परास्त किया ।
लीमा, पेरू (16 अप्रैल 2025)
– यहां उन्होंने 243.6 अंक के साथ फ्रांस की Manu Bhaker को 1.3 अंक से हराया और भारत को 1–2 का फिनिश दिलाया ।
म्यूनिख, जर्मनी (13 जून 2025)
– तीसरे स्वर्ण पदक के साथ सुरुचि ने बतौर वैश्विक प्रतियोगिता में अपना दबदबा कायम किया ।
विशेष तथ्य:
– तीन विश्व कप में लगातार स्वर्ण
– हर इवेंट में शानदार फाइनल कमबैक
– युवा उम्र में दृढ मानसिक क्षमता का परिचय
व्यक्ति परिदृश्य: संघर्ष, प्रशिक्षण, और प्रेरणा
शुरुआती जीवन
– जन्म: 28 अप्रैल 2006, झज्जर, हरियाणा; पिता: इंडर सिंह (पूर्व आर्मी हवलदार) ।
– शुरुआत: कुश्ती की ओर झुकाव था, किन्तु कॉलर बोन फ्रैक्चर के बाद उन्होंने निशानेबाजी अपनाई ।
प्रशिक्षण मार्ग
– कोच: सुरेश सिंह, गुरु द्रोणाचार्य शूटिंग अकादमी, भिवानी के कोच—उनकी ड्रिल और तकनीकी गाइडेंस की विशेष भूमिका रही ।
– COVID के दौरान: सहकारी रूप से गाँव में बनाए गए रेंज में उन्होंने नियमित अभ्यास जारी रखा ।
तकनीकी विश्लेषण: स्थिरता, कंपोजर और स्मार्ट गेमप्लान
1. मानसिक फोकस
– “मेरा प्रतियोगी कोई और नहीं, मैं खुद हूं”—यह ध्यान उनकी विशेषता है ।
2. शॉट‑टू‑शॉट शुद्धता
– ब्यूनस आयर्स में शुरुआती उतार‑चढ़ाव के बाद क्रूर कंसिस्टेंसी के साथ वापसी दिखा दी ।
3. दबाव में स्थिरता
– निर्णायक शॉट्स में गहन स्थिरता और तकनीकी कमाल ।
भारतीय टीम के और प्रदर्शन
– Manu Bhaker + Chain Singh क्वालीफिकेशन में पहुँचे लेकिन फाइनल में सफल नहीं रहे ।
– Elavenil Valarivan ने महिलाओं की 10 मी एयर राइफल में कांस्य पदक जीतकर भारत की झोली में इज़ाफा किया ।
आगे का रास्ता: लक्ष्य, बाधाएँ और योजनाएँ
– पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन (2026 तक जारी रहेगा)
– प्रमुख टारगेट: 2026 एशियाई खेल, 2026 विश्व चैंपियनशिप और Doha में दिसंबर 2025 का वर्ल्ड कप फाइनल ।
म्यूनिख तक पहुंचने का सफर
क्वालीफायर राउंड: शुरुआत से दबाव नियंत्रित
म्यूनिख में होने वाले 10 मी एयर पिस्टल क्वालीफायर में सुरुचि ने शुरुआती दौर में 579 अंक से मजबूत शुरुआत की।
उच्च ध्यान और संयम से भरे प्रत्येक शॉट ने दिखाया कि वह माहौल पर पूरी तरह काबू पा चुकी हैं।

फाइनल की इच्छा: मानसिक प्रतिबद्धता और रणनीति
फाइनल में प्रतिस्पर्धा बेहद कड़ी थी, जहाँ हर शॉट मायने रखता है। उनका कोच Sur uresh Singh ने बताया कि उन्होंने उन्हें प्रत्येक शॉट को “एक नया फ़ैसला” मानकर निकटता से फोकस करने कहा।
जब Camille Jedrzejewski ने कुछ लगातार 10.8 के शॉट्स लगाए, तो सुरुचि ने शांत मंच सरकार दिखाई और निर्णायक अंत के लिए उच्च स्कोर फाइनल शॉट्स में रक्षित किया।
मनोवैज्ञानिक रणनीति: दबाव का प्रबंधन
वह “इंटर्नली कंपटीशन” स्कोप
अनुसूची के कई अनुशासित अभ्यासों से पहचाना गया है कि सुरुचि खुद को खुद से ही मुकाबला करती हैं — “मैं अगर कल जितना बिंदास शूट किया, उससे उत्तम करूं”—ऐसी दृढ़ मानसिक आदत ने छोटी उम्र में दिग्गजों जैसी मानसिकता विकसित की ।
“खिलाड़ियों के बीच कोई विशेष सोच नहीं”
उनका मानना है “प्रत्येक खिलाड़ी का अपना दिन होता है” और इसलिए वह किसी प्रतिद्वंद्वी की क्षमता को लेकर स्वयं पर ध्यान केंद्रित करती हैं। यही माइंडसेट उन शॉट‑टू‑शॉट निरंतरता का मुख्य आधार बन गया है।
व्यक्तिगत तकनीकी प्रविधियों का डिटेल
स्थिर स्टांस और एंटी-वाइब्रेशन
उनके कोच सुरेश सिंह बताते हैं कि सुरुचि ने स्टांस को ऐसे स्थिर किया कि शरीर का कोई हिस्सा लक्ष्य से विचलित न हो।
COVID समय में अपने गाँव के रेंज में बनी लो-टेक सुविधाओं ने उन्हें यथार्थ स्थिति तक तकनीक सख्त और विश्वसनीय बनाई ।
टाइमिंग: “10 सेकंड में तैयारी”
हर शॉट के बीच में वह 10 सेकंड का नियम अपनाती हैं — दृष्टि संरेखण, साँस रोकना, खोखली मंच की विज्ञान की रफ्तार—या तो 10 मिलीहर्ट्ज़ में यही अभ्यास कहें।
टीम इंडिया: सहयोग और सामूहिक उछाल
Buenos Aires: Suruchi ने Saurabh Chaudhary के साथ मिलकर मिक्स्ड टीम गोल्ड जीता (17–9 से चीन को हराकर) ।
मनु भाकर के साथ DIRECT मुकाबले में उन्होंने पहले स्थान पर काबिज होकर युवा और अनुभवी वर्ग दोनों में स्थान बनाया ।
Doha World Cup Final (दिसंबर 2025)
Doha में होने वाले फाइनल में उन्हें यह साबित करना है कि कमी समय किसी प्रभावी रणनीति से पुनः स्थापित किया जा सकता है—जिससे Olympic रैंकिंग पॉइंट्स मजबूत हों।
क्वालीफायर राउंड: स्कोरिंग और रिकॉर्ड
म्यूनिख में 10 मीटर एयर पिस्टल क्वालीफायर में 588 स्कोर, जिसके साथ सुरुचि ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की—जो पहले मनु भाकर के नाम था ।
20 इनर-10s (10 के अन्दर भी 10) के साथ यह स्कोर उनकी इक्विपमेंट कंट्रोल और म्हैसूस की जागरूकता को दर्शाता है—हर शॉट पर उनका लक्ष्य “perfection with precision” था।
क्वालीफायर में प्रथम स्थान रही याओ चियान्शुन ने 589/21x से जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, लेकिन फाइनल में उनकी पकड़ ढीली पड़ गई ।
फाइनल स्टेज: रोल-बाय-रोल कमबैक
प्रारंभिक राउंड:
शुरुआती 5 शॉट्स में उन्होंने 52.1 स्कोर करके बॉस की स्थिति बनाई।
अगले 5 शॉट्स में कुल 101.5 अंकों का स्कोर—यह स्पष्ट दिखाता है कि शुरुआती दबाव में उनका कंसिस्टेंट फोकस रहा ।
इलीमिनेशन चरण:
Camille और Yao दोनों के जबरदस्त प्रदर्शन के बावजूद, सुरुचि ने निर्णायक 10.5 और 10.8 की शॉट्स से अपना तेज बनाए रखा ।
अंतिम शॉट 9.5 था, लेकिन 0.2 अंक की दूरी से यह पर्याप्त साबित हुआ—यह उनकी मैच प्वाइंट स्टीलिंग क्षमता दिखाता है ।
तकनीकी विश्लेषण: शरीर, मशीन, और बायो-फीडबैक
स्टेंस और एंटी-वाइब्रेशन: COVID-19 काल में गाँव में बनी रेंज ने उनकी एंकरिंग मजबूत की—लघु deviations से निपटने में मदद मिली ।
10-second shot rule: हर शॉट के बीच बीस की टाईम फ्रेम से उनकी बॉडी की स्थिरता और सांस नियंत्रण पर विशेष जोर था—यह शिक्षित और व्यवस्थित दृष्टिकोण दर्शाता है।
बायोफीडबैक टेक्नोलॉजी: भिवानी अकादमी में वीडियो-एनालिसिस और pulse monitors जैसी तकनीकों से भी मदद मिली—यह पूरी तरह प्रायोगिक तकनीक का मॉडल है।
टीम इंडिया: सहयोग और प्रेरणा का सह-प्रवाह
Mixed Team Success: ब्यूनस आयर्स में Saurabh Chaudhary के साथ शामिल—17-9 से China पर भारी जीत ।
Team Dynamic: Manu Bhaker और Saurabh Chaudhary जैसे experienced खिलाड़ी उनके साथ थे, जिससे एक सामूहिक विजन सपोर्ट मिला।
Team Impact: Elavenil Valarivan और Sift Kaur Samra का medal performance—India का dynamic presence दिखाता है ।
भविष्य का रोडमैप: आने वाले लक्ष्यों की रूपरेखा
वर्ष लक्ष्य
2025 दिसंबर Doha ISSF World Cup Final – रैंकिंग पॉइंट्स और फाइनल-competition
2026 Asian Games (हांग्जो) – पदक लक्ष्य
2026 ISSF World Championship – टॉप‑स्लॉट बनाने का सुनहरा मौका
2026 तक Paris Olympic Qualifiers – पहले से मजबूत रैंकिंग के साथ क्वालीफाई
निष्कर्ष: नायिका बनीं Suruchi Singh – शूटिंग का नया सूरज
Suruchi Singh की इस अद्भुत जीत ने सिर्फ एक स्वर्ण पदक की कहानी नहीं लिखी, बल्कि भारत की शूटिंग खेल की नई दिशा तय की है।
उनकी यह उपलब्धि बताती है कि जुनून, अनुशासन और मानसिक मजबूती के बल पर कोई भी युवा अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश को गौरवान्वित कर सकता है।
उन्होंने म्यूनिख वर्ल्ड कप में अपने स्थिर प्रदर्शन, तकनीकी सटीकता और मानसिक संतुलन से यह साबित कर दिया कि वे केवल एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक रणनीतिक योद्धा भी हैं।
उनका क्वालीफायर में 588 स्कोर और फाइनल में शानदार वापसी आने वाले ओलंपिक और एशियाई खेलों में भारत के लिए सुनहरे भविष्य की आशा है।
Suruchi Singh का यह सफर कड़ी मेहनत, टीमवर्क, और व्यक्तिगत आत्मबल की मिसाल है — जिसमें न तो कोई शॉर्टकट था, और न ही कोई रुकावट रोक सकी।

यह केवल एक जीत नहीं, एक युग की शुरुआत है
Suruchi Singh उन खिलाड़ियों में शामिल हो चुकी हैं जिनका नाम आने वाले वर्षों में भारत की ओलंपिक शूटिंग टीम की रीढ़ बनेगा। उन्होंने यह साबित कर दिया कि छोटी उम्र और सीमित संसाधन भी बड़ी उड़ान के लिए बाधा नहीं बनते।
जहां एक ओर अनुभवी निशानेबाज़ों का दौर धीरे-धीरे ढल रहा है, वहीं सुरुचि जैसे युवा नए आत्मविश्वास, तकनीकी दक्षता, और मानसिक मजबूती से लैस होकर आ रहे हैं—जो भविष्य में भारत को शूटिंग में विश्वशक्ति बना सकते हैं।
FAQ – सुरुचि सिंह की ISSF वर्ल्ड कप जीत से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
Q1. Suruchi Singh ने ISSF वर्ल्ड कप 2025 में कौन सा इवेंट जीता?
उत्तर: Suruchi Singh ने 2025 में म्यूनिख में आयोजित ISSF वर्ल्ड कप में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।
2. Suruchi Singh का स्कोर क्या रहा फाइनल में?
उत्तर: फाइनल में Suruchi Singh ने 241.9 अंक हासिल किए, जिससे उन्होंने चीन की कैमेल जांग को बेहद करीबी मुकाबले में हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
Q3. क्या Suruchi Singh ने कोई रिकॉर्ड भी बनाया?
उत्तर: हां, उन्होंने क्वालीफाइंग राउंड में 588 अंकों के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की, जो पहले मनु भाकर के नाम था।
Q4. इस जीत में उनकी सबसे बड़ी ताकत क्या रही?
उत्तर: उनकी सबसे बड़ी ताकत थी – मानसिक मजबूती, टेक्निकल सटीकता, और हर शॉट पर गहरा फोकस। खासकर निर्णायक क्षणों में उनका आत्मविश्वास कमाल का था।
Q5. यह सुरुचि सिंह का कौन-सा वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल था?
उत्तर: यह उनका लगातार तीसरा व्यक्तिगत वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल था। इससे पहले उन्होंने ब्यूनस आयर्स और लीमा में भी गोल्ड जीते थे।
Q6. क्या उन्होंने टीम इवेंट में भी कोई पदक जीता?
उत्तर: हां, उन्होंने ब्यूनस आयर्स वर्ल्ड कप में मिश्रित टीम स्पर्धा में सौरभ चौधरी के साथ मिलकर गोल्ड मेडल भी जीता।
Q7. क्या मनु भाकर इस इवेंट में शामिल थीं?
उत्तर: जी हां, लेकिन मनु भाकर क्वालीफाइंग राउंड में ही बाहर हो गईं और फाइनल में जगह नहीं बना पाईं।
Q8. Suruchi Singh किस राज्य से हैं?
उत्तर: Suruchi Singh भारत के हरियाणा राज्य से हैं, जो कि देश की कई शीर्ष निशानेबाजों का गढ़ भी माना जाता है।
Q9. Suruchi Singh का अगला लक्ष्य क्या है?
उत्तर: उनका अगला लक्ष्य है Doha में होने वाला ISSF World Cup Final, Asian Games 2026, और अंततः 2026 Paris Olympics के लिए क्वालिफिकेशन हासिल करना।
Q10. Suruchi Singh की ट्रेनिंग कहां होती है?
उत्तर: वे हरियाणा के भिवानी स्थित अकादमी में ट्रेनिंग करती हैं, जहाँ उन्हें बायोमैकेनिकल, फोकस ड्रिल्स और वीडियो एनालिसिस आधारित आधुनिक प्रशिक्षण मिलता है।
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