Trump tariffs : डोनाल्ड ट्रम्प टैरिफ क्यों लगाना चाहते हैं?
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में मैस्किको एवं कनाडा और चीन की आयत वस्तुओं पर बड़ा शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा करी है।
इनके अनुसार, ये टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा, घरेलू उद्योगों के संरक्षण और साथ ही व्यापार असंतुलन को सुधारने के लिए अति आवश्यक हैं। हालांकि, टेरीफ मामले को लेकर आम जनता के बीच बड़ी बहस चल रही है।
इस मामले को हम विस्तार से समझेंगे कि टैरिफ क्या हैं, तथा डोनाल्ड ट्रम्प इनको क्यों लागू करना चाहते हैं, और इस टैरिफ मामले का अमेरिका तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। जाने –

टैरिफ क्या है?
ये एक प्रकार का कर या शुल्क होता है जिसको हम टैरिफ कहते है | जोकि सरकार किसी देश से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाती है। जिसका मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित ये हो सकता है:
1. घरेलू उत्पादकों की रक्षा करना: यदि विदेशी वस्तुएं बहुत ही सस्ती हैं, तो उपभोक्ता उन्हें खरीदने लगते हैं, इसमे घरेलू उत्पादकों को बड़ा नुकसान होता है। टैरिफ के लगाने से सभी विदेशी वस्तुएं अधिक महंगी हो जाती हैं और लोग घरेलू उत्पादों को खरीदने के लिए उत्साहित होते हैं।
2. राजस्व अर्जित करना: सरकार टैरिफ के माध्यम से भी अतिरिक्त राजस्व को प्राप्त कर सकती है, इससे और भी विभिन्न योजनाओं को वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।
3. व्यापार संतुलन सुधारना: यदि कोई देश किसी भी अन्य देश से ज्यादा वस्तुएं खरीदता है और कम वस्तुएँ बेच कम रहा है, तो सरकार टैरिफ को लगाकर इस आयत-निर्यात के असंतुलन को दूर किया जा सकता है। Read more…
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ट्रम्प टैरिफ लगाने के पक्ष में क्यों हैं?
ट्रम्प प्रशासन ने भी कई आर्थिक और रणनीतिक कारणों से टैरिफ लगाने का फैसला बड़ा किया है। इनके अनुसार, ट्रम्प सरकार के ये कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत करने में बड़ी मदद करेंगे। आइए, इनके प्रमुख कारणों पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे
1. घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना
ट्रम्प का यह मानना है कि कनाडा मैक्सिको और चीन जैसे देशों से खरीदी वस्तुएं अमेरिका के बाजार में ये बहुत सस्ती बिकी हैं, इससे अमेरिकी उत्पादक मे प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं।
जब खरीदी वस्तुओं पर टैरिफ लगाया जाएगा, तो उनकी कीमतें भी बढ़ेंगी, जिससे अमेरिकी सस्ते और प्रतिस्पर्धात्मक बन जाएंगे।
उदाहरण:
अगर चीन से ख़रीदे जाने वाले स्टील पर टैरिफ लगाया जाता है, तो चीन मे स्टील महंगा हो जाएगा। इस स्थिति में अमेरिकी उद्योगों को घरेलू स्टील खरीदने का अवसर मिलेगा, जिससे स्थानीय कंपनियां भी फलें-फूलेंगी और नौकरियां भी अधिक बढ़ेंगी।
2. राष्ट्रीय सुरक्षा का तर्क
डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन का एक यह भी तर्क है कि कुछ वस्तुओं का खरीदना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा भी कर सकता है।
उदाहरण के लिए, स्टील और एल्युमिनियम रक्षा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि अमेरिका कि सरकार इन वस्तुओ का अधिकतर हिस्सा चीन या अन्य देशों से खरीदा करता है, तो ऐसे संकट के समय अमेरिका जैसे देशों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
उदाहरण:
यदि अचानक से कोई एक बड़ा युद्ध या व्यापार प्रतिबंध लागू होता है और अमेरिका कि सरकार अपनी स्टील जरूरतों के लिए चीन पर निर्भर रहता है, तो यह एक गंभीर सुरक्षा जोखिम होगा। इसीलिए, ट्रम्प प्रशासन घरेलू उत्पादन को अधिक बढ़ावा देकर ऐसी निर्भरता को जड़ से खत्म करना चाहता है। trump
3. व्यापार असंतुलन को कम करना
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार में बड़ा भारी असंतुलन है। चीन से अमेरिका बड़ी मात्रा में सामान खरीदता है, जबकि अमेरिकी वस्तुओं को चीन कम मात्रा में खरीदता है। डोनाल्ड ट्रम्प इस असंतुलन को सही करना चाहते हैं ताकि अमेरिका का व्यापार घाटा कम हो सके।
आंकड़े:
अमेरिका ने चीन से $500 बिलियन का आयात 2023 में किया, जबकि चीन ने अमेरिका से केवल $150 बिलियन का आयात किया।
इसका मतलबहुआ है कि अमेरिका को चीन के साथ व्यापार में $350 बिलियन का भारी घाटा हुआ।
इस असंतुलन को कम करने के लिए ट्रम्प टैरिफ लगा रहे हैं, इससे चीन से आयात कम होगा और अमेरिकी उत्पादों की भी मांग बढ़ेगी। Click here…
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टैरिफ के संभावित प्रभाव
हालांकि टैरिफ लगाने से कुछ सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, लेकिन इसके बहुत सारे नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। आइए, इसके संभावित प्रभावों को विस्तार से समझते हैं:
1. उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि
जब किसी वस्तु पर टैरिफ लगाया जाता है, तो उसकी कीमत भी बढ़ जाती है। तो इसका सीधा असर खरीदने वालों पर पड़ता है, क्योंकि उन्हें वही वस्तु अब अधिक महंगी दरों पर खरीदनी पड़ती है।
उदाहरण:
यदि अमेरिका चीन से आयातित मोबाइल फोनो पर 20% का टैरिफ लगता है, तो $1000 का iPhone अब $1200 में मिलेगा।
इससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
2. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधों में तनाव
ट्रम्प के टैरिफ का कई देशों ने विरोध किया है और बदले में प्रतिशोधी टैरिफ अमेरिका पर लगा दिए हैं। इससे व्यापार युद्ध की स्थिति भी बन सकती है, इससे दोनों पक्षों को बड़ा भारी नुकसान होगा।
उदाहरण:
चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों (जैसे सोयाबीन) पर टैरिफ लगाया है, जिससे अमेरिका के किसानों को बड़ा भारी नुकसान हुआ है।
कनाडा और यूरोप ने भी अमेरिकी वस्तुओ पर कर लगाकर जवाब दिया है।
3. अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
अर्थशास्त्रियों का यह मानना है कि कर लगने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर कुछ हद तक नुकसान हो सकता है।
नौकरियों पर असर: कुछ बड़े उद्योगों में नौकरियां बढ़ भी सकती हैं, लेकिन आयात पर निर्भर उद्योगों में नौकरियां कम हो सकती हैं।
GDP पर प्रभाव: यदिब्य्हार पर व्यापारी युद्ध बढ़ता है, तो यह अमेरिका की GDP में भारी गिरावट आ सकती है।
बाजार में अस्थिरता: शेयर बाजार में भी अनिश्चितता भी बढ़ सकती है।
रेडिट पर ( कर )को लेकर क्या चर्चा हो रही है?
रेडिट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लोग ट्रम्प के टैरिफ नीतियों पर अधिक चर्चा कर रहे हैं। कुछ जनता इसे अमेरिका के लिए बहुत फायदेमंद मानते हैं, जबकि बाकि बची जनता इसे अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए नुकसान दायक भी बता रहे हैं।

रेडिट पर आम चर्चा के बिंदु:
समर्थकों का कहना है: ( कर ) से अमेरिका में नौकरियां भी बढ़ेंगी और घरेलू उद्योग भी मजबूत होंगे।
विरोधियों का कहना है: इससे वस्तुएं अधिक महंगी होंगी और व्यापार संबंध भी खराब होंगे।
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भविष्य में क्या होगा?
अगर अन्य देश भी अमेरिका की तरह ( कर ) बढ़ाते हैं, तो व्यापार युद्ध और भी गहरा हो सकता है।
यदि अमेरिकी कंपनियां ( कर )के कारण महंगी वस्तुएँ बेचने लगें, तो खरीदने वालों की खरीद क्षमता घट सकती है।
लेकिन, अगर अमेरिका अपने उद्योगों को मजबूत करने में सफल होता है, तो लंबे समय में यह नीति फायदेमंद हो सकती है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ लगाने का मुख्य उद्देश्य घरेलू उद्योगों की रक्षा करना, राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और व्यापार घाटे को भी कम करना है। हालांकि, इसके कई संभावित नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जैसे उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि, और व्यापार संबंधों में तनाव तथा आर्थिक अनिश्चितता है |
Note :- आपका क्या विचार है? क्या ट्रम्प की टैरिफ नीति सही है या गलत बताओ |
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