WAVES 2025: PM मोदी का मास्टरप्लान जो भारत को बनाएगा ग्लोबल कंटेंट लीडर!
प्रस्तावना: भारत में सृजनात्मकता की सुनामी
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Toggle2025 का साल भारत के लिए केवल आर्थिक या तकनीकी मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि रचनात्मकता, संस्कृति और वैश्विक प्रभाव के लिहाज़ से भी ऐतिहासिक साबित हो रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है – WAVES 2025।
इस वैश्विक शिखर सम्मेलन ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब न केवल सॉफ्टवेयर और स्पेस का सिरमौर बन चुका है, बल्कि अब कंटेंट, मनोरंजन और रचनात्मकता की दुनिया में भी विश्वगुरु बनने को तैयार है।
WAVES का पूरा नाम है: World Audio Visual and Entertainment Summit – यानी “विश्व ऑडियो-विज़ुअल और मनोरंजन सम्मेलन”। यह केवल एक समिट नहीं, बल्कि एक नई सांस्कृतिक क्रांति की घोषणा है – जिसमें भारत की कहानियाँ, विचार, गीत, फिल्मों, गेमिंग और एनीमेशन की ताकत को दुनिया के समक्ष लाया गया।

WAVES 2025: एक अविश्वसनीय विचार से ऐतिहासिक आयोजन तक
भारत की राजधानी नहीं, बल्कि इस बार भारत की फिल्म राजधानी मुंबई को चुना गया इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए। जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में हजारों क्रिएटर्स, इनोवेटर्स, कंपनियों और दर्शकों की मौजूदगी में 1 मई 2025 को इसका उद्घाटन किया गया।
लेकिन इसकी कहानी आज से नहीं, बल्कि कई सालों पहले शुरू हुई थी – जब भारत ने ‘Make in India’ की तर्ज पर ‘Create in India’ का सपना देखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए इसे ‘भारत की कल्पनाशक्ति और संस्कृति का उत्सव’ बताया। उन्होंने कहा:
“अब वक्त आ गया है कि हम ‘Create in India’ को ‘Create for the World’ में बदलें। भारत के पास एक अरब से ज़्यादा कहानियाँ हैं। अब इन्हें पूरी दुनिया तक पहुँचाना है।”
WAVES 2025: सिर्फ एक समिट नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आंदोलन
WAVES एक ऐसा मंच है जो भारत की रचनात्मक शक्ति – चाहे वह फिल्म हो, संगीत, एनीमेशन, गेमिंग, XR (Extended Reality), वेब सीरीज, या डिजिटल स्टोरीटेलिंग – को दुनिया के सामने लाने के लिए बनाया गया है।
इसमें शामिल रहे:
1000+ कंटेंट क्रिएटर्स
90 से अधिक देशों के प्रतिनिधि
300+ ग्लोबल कंपनियाँ
50 से ज़्यादा प्रमुख फिल्मी सितारे और डायरेक्टर्स
100+ मास्टरक्लास और पैनल चर्चा
यह समिट इस मायने में भी ऐतिहासिक है कि यह पहली बार है जब भारतीय रचनात्मकता को एक वैश्विक मंच पर इस स्तर पर प्रस्तुत किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी का रचनात्मक विज़न
प्रधानमंत्री मोदी का भाषण समिट की आत्मा बन गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि:
अब भारत केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि विचारों और रचनात्मकता का निर्माता बन चुका है।
WAVES अवॉर्ड्स जैसे नए इनिशिएटिव्स के माध्यम से सरकार कंटेंट क्रिएटर्स को मान्यता और मंच देगी।
AI और टेक्नोलॉजी के साथ भारतीय संस्कृति का मेल, भारत को रचनात्मक महाशक्ति बनाएगा।
उन्होंने भारत की विविधता और कहानियों के समुंदर की बात की — जिनका उपयोग ग्लोबल मार्केट में किया जा सकता है।
> “WAVES अब एक ब्रांड नहीं, एक भावना है — ये भारत की आवाज़ है, जो पूरी दुनिया में गूंजेगी।”
WAVES 2025 की प्रमुख गतिविधियाँ और चर्चा के विषय
समिट के दौरान कई प्रमुख सेशन्स और चर्चाएँ आयोजित की गईं, जिनमें शामिल थे:
ए. मास्टरक्लास और सेमिनार
AI और फिल्म निर्माण: कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारतीय कहानियों को वैश्विक बना सकता है?
गेमिंग और एनीमेशन: भारत की तेजी से बढ़ती हुई इंडस्ट्री।
भारतीय लोककथाओं पर आधारित कंटेंट: वैश्विक मंच के लिए तैयार।
बी. स्टार्टअप एक्सपो
भारत के 350+ मीडिया स्टार्टअप्स ने अपनी क्रिएटिव टेक्नोलॉजी और प्लेटफॉर्म प्रस्तुत किए।
सी. लोकल टू ग्लोबल: क्षेत्रीय भाषाओं की ताकत
तमिल, भोजपुरी, मराठी, कन्नड़, पंजाबी जैसी भाषाओं के कंटेंट पर चर्चाएँ हुईं।
दर्शाया गया कि “वर्नाक्युलर इज़ ग्लोबल” – यानी स्थानीय भाषा भी अब वैश्विक ब्रांड बन सकती है।
WAVES 2025 की अंतरराष्ट्रीय गूंज
WAVES 2025 केवल एक राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं था। इस समिट ने वैश्विक स्तर पर भी भारी प्रभाव डाला। 90 से अधिक देशों से आई प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि दुनिया अब भारत को सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि कंटेंट के ग्लोबल इनोवेटर के रूप में देख रही है।
प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की प्रतिक्रियाएं:
Netflix, Disney+, Amazon Prime Video, Sony Pictures जैसे दिग्गजों ने भारतीय कहानियों में रुचि दिखाई।
अमेरिका, फ्रांस, जापान और कोरिया के प्रतिनिधियों ने भारत के साथ कंटेंट को-प्रोडक्शन पर रुचि जताई।
कई कंपनियों ने भारत में अपने प्रोडक्शन हब बनाने की घोषणा की।
फ्रेंच कंटेंट डेलीगेट ने कहा:
“भारतीय कहानियों में वो भावना है, जो पूरी दुनिया से जुड़ सकती है – चाहे वो रामायण हो, महाभारत या ग्रामीण भारत की जीवन गाथा।”
WAVES 2025 में फिल्मी सितारों की चमक
इस समिट की एक और खास बात रही भारतीय सिनेमा जगत की भागीदारी। इसमें केवल बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि तमिल, तेलुगु, मलयालम और अन्य क्षेत्रीय सिनेमा से भी बड़े नाम शामिल हुए।
मंच साझा करने वाले कुछ प्रमुख नाम:
शाहरुख़ ख़ान – डिजिटल एंटरटेनमेंट पर बोलते हुए।
राजामौली – भारतीय मिथकों को वैश्विक स्क्रीन पर लाने की चर्चा।
संजय लीला भंसाली – भारतीय इतिहास को सिनेमाई भाषा में प्रस्तुत करने पर।
रश्मिका मंदाना, मनोज बाजपेयी, कंगना रनौत, विजय सेतुपति – क्षेत्रीय सिनेमा की ताकत पर।
इन सितारों ने अपने अनुभव, संघर्ष और सफलता की कहानियाँ साझा कीं — जिससे युवा क्रिएटर्स को बड़ा मोटिवेशन मिला।
WAVES 2025 अवॉर्ड्स: भारत के अपने ऑस्कर की शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में जिस चीज़ की सबसे ज्यादा चर्चा की, वह थी: WAVES Awards।
इन अवॉर्ड्स का उद्देश्य:
भारतीय रचनात्मकता को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर सम्मानित करना।
फिल्म, वेब सीरीज, म्यूजिक, गेमिंग, XR, एनीमेशन जैसी सभी श्रेणियों में इनोवेशन को सराहा जाएगा।
हर साल आयोजित होने वाला यह अवॉर्ड शो अब भारतीय प्रतिभा का ‘Global Stamp of Excellence’ बनेगा।
> “हमारे देश में टैलेंट की कमी नहीं, जरूरत है पहचान और प्रोत्साहन की।” – PM मोदी
इन पुरस्कारों का निर्माण भारतीयता और वैश्विक गुणवत्ता के संतुलन पर किया जाएगा। यह भारत का अपना “सांस्कृतिक सम्मान” बन सकता है, जो आने वाले वर्षों में ऑस्कर और एमी की तरह प्रतिष्ठित माना जाएगा।
WAVES 2025 और भारत का सॉफ्ट पावर
WAVES समिट भारत की Soft Power Strategy का एक नया अध्याय है। आज की दुनिया में हथियारों से ज्यादा प्रभावशाली होती है संस्कृति, विचार और कहानियाँ।
भारत का सॉफ्ट पावर बढ़ाने वाले पहलू:
योग, आयुर्वेद, भारतीय खानपान, संगीत, फिल्म, लोककला पहले से ही दुनिया में लोकप्रिय हैं।
अब डिजिटल कंटेंट, गेमिंग, एनीमेशन और वेब सीरीज इस लिस्ट में जुड़ चुके हैं।
भारत की कहानियाँ अब सिर्फ हिंदी तक सीमित नहीं – वे विश्व की भाषाओं में अनूदित होकर वैश्विक हो रही हैं।
WAVES 2025 ने दुनिया को दिखाया कि भारत की आवाज़ अब ‘बैकग्राउंड म्यूजिक’ नहीं बल्कि ‘लीड रोल’ में है।

WAVES 2025: आर्थिक दृष्टिकोण से एक क्रांति
WAVES समिट का उद्देश्य सिर्फ सांस्कृतिक नहीं, आर्थिक सशक्तिकरण भी था। PM मोदी ने इसे “भारत की कंटेंट इकोनॉमी का ब्लूप्रिंट” बताया।
WAVES से अनुमानित आर्थिक लाभ:
₹2 लाख करोड़ तक का कंटेंट निर्यात लक्ष्य अगले 5 वर्षों में।
20 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार की संभावना।
MSME, स्टार्टअप्स और फ्रीलांसर्स को डिजिटल मीडिया में नए बाजार।
प्रमुख निवेश घोषणाएँ:
रिलायंस, टाटा, अडानी जैसे समूहों ने डिजिटल स्टूडियो हब्स बनाने की घोषणा की।
विदेशी कंपनियों जैसे Netflix Studios India, Tencent Games, Crunchyroll Animation ने भारत में निवेश की प्रतिबद्धता जताई।
> “हर पंचायत तक क्रिएटिविटी पहुँचानी है – यही WAVES का सपना है।” – पीएम मोदी
PM मोदी की बड़ी घोषणाएँ
WAVES 2025 में प्रधानमंत्री मोदी ने कई नई योजनाओं का ऐलान किया जो विशेष रूप से युवा क्रिएटर्स और कंटेंट उद्यमियों के लिए थीं।
प्रमुख घोषणाएँ:
1. WAVES फंड –
एक ₹10,000 करोड़ का कोष, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप्स, यूट्यूब क्रिएटर्स, गेम डेवेलपर्स और डिजिटल आर्टिस्ट्स को फाइनेंशियल मदद देना है।
2. भारत क्रिएटिव पोर्टल –
एक सिंगल प्लेटफ़ॉर्म जहां क्रिएटर्स अपने कंटेंट को रजिस्टर कर सकते हैं, कॉपीराइट ले सकते हैं, और वैश्विक खरीदारों से जुड़ सकते हैं।
3. राष्ट्रीय डिजिटल कंटेंट नीति –
पहली बार केंद्र सरकार एक नीति लाने जा रही है जो कंटेंट के उत्पादन, सुरक्षा, वितरण और वैश्विक मान्यता को रेगुलेट और प्रमोट करेगी।
4. 100 ‘मिनी स्टूडियो टाउन’ योजना –
छोटे शहरों और गांवों में स्टूडियो, पोस्ट-प्रोडक्शन, वॉयस डबिंग, VFX, और XR सुविधाएँ स्थापित की जाएँगी।
युवाओं के लिए अवसरों की सुनहरी दुनिया
PM मोदी ने युवाओं से सीधा संवाद किया और कहा कि:
> “21वीं सदी के रामानुजन और रविन्द्रनाथ टैगोर कैमरा, कोडिंग और कन्वर्सेशन से निकलेंगे।”
WAVES ने युवाओं को क्या दिया?
शिक्षा संस्थानों में कंटेंट प्रोडक्शन कोर्स शुरू करने की घोषणा।
इंटर्नशिप और मेंटरशिप प्रोग्राम्स जो भारत के शीर्ष क्रिएटर्स से जुड़े होंगे।
राष्ट्रीय युवा क्रिएटर मिशन – जहां हर जिले से 100 युवाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें डिजिटल उद्यमी बनाया जाएगा।
WAVES और डिजिटल इंडिया
WAVES समिट, डिजिटल इंडिया मिशन को और गहरा करता है। कंटेंट क्रिएशन को अब राष्ट्रीय डिजिटल पूंजी माना जा रहा है।
डिजिटल कंटेंट अब रोजगार का साधन ही नहीं, बल्कि संस्कृति का वाहक भी है।
WAVES के जरिए, भारत अपने लोकल को ग्लोबल बना रहा है – “Local for Vocal” की नई परिभाषा बन रही है।
निष्कर्ष: WAVES 2025 – भारत की नई सांस्कृतिक और आर्थिक लहर
WAVES 2025 समिट केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह भारत के भविष्य की एक झलक थी – वह भविष्य जहां कंटेंट शक्ति को आर्थिक, सांस्कृतिक और वैश्विक प्रभाव में बदला जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए विज़न ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब भारत कहानी सुनाने वाला देश नहीं, बल्कि कहानी रचने वाला राष्ट्र बनने को तैयार है।
WAVES 2025 ने यह भी सिद्ध किया कि डिजिटल क्रिएटिविटी, लोकल प्रतिभा, और वैश्विक सोच का संगम अगर सही दिशा में हो, तो वह सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि नई सभ्यता का निर्माण कर सकता है।
WAVES 2025 अवॉर्ड्स जैसी पहलें भारत की प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करेंगी।
युवाओं को दिए गए नए अवसर उन्हें सिर्फ उपभोक्ता नहीं, निर्माता बनाएँगे।
आर्थिक योजनाएँ यह सुनिश्चित करेंगी कि कंटेंट सेक्टर ₹2 लाख करोड़ की इंडस्ट्री बनकर उभरे।
WAVES 2025 ने भारत के सॉफ्ट पावर को न केवल मज़बूत किया, बल्कि एक नई डिजिटल क्रांति की शुरुआत भी कर दी — जहां भारत अपने आदर्श, संस्कृति और कल्पनाशक्ति से पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा।
यही है नया भारत – जो खुद की कहानी लिखता है, और पूरी दुनिया को सुनाता है।
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