डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन: 138 साल बाद पीएम मोदी ने किया वर्चुअल उद्घाटन, देश को मिला नया गर्व!

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डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन का ऐतिहासिक परिवर्तन – पीएम मोदी ने दिखाई डिजिटल क्रांति की राह!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मई 2025 को वर्चुअल माध्यम से असम के ऐतिहासिक डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकसित रूप का उद्घाटन किया।

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138 साल पुराने इस स्टेशन को अब आधुनिक सुविधाओं और स्थानीय संस्कृति की झलक के साथ पूरी तरह नया रूप दिया गया है। यह पूर्वोत्तर भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

इतिहास और आधुनिकता का संगम: डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन

साल 1887 में स्थापित यह स्टेशन नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) का एक प्रमुख केंद्र है। वर्षों से यहां बुनियादी सुविधाओं की कमी महसूस की जाती रही, जिसे अब सरकार ने दूर कर दिया है।

इस स्टेशन को न केवल पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है, बल्कि इसे डिजिटली स्मार्ट और यात्रियों के लिए सुविधाजनक भी बनाया गया है।

पुनर्विकसित डिब्रूगढ़ स्टेशन की प्रमुख विशेषताएं:

लागत: लगभग ₹80 करोड़ रुपये की लागत से हुआ कायाकल्प

स्थानीय आर्किटेक्चर: स्टेशन की इमारत को असम की पारंपरिक संस्कृति के अनुसार डिजाइन किया गया

ग्रीन बिल्डिंग: पर्यावरण के अनुकूल निर्माण, सौर ऊर्जा और वर्षा जल संचयन की व्यवस्था

डिजिटल सेवाएं: हाई-स्पीड वाई-फाई, डिजिटल टिकट डिस्प्ले, CCTV, चार्जिंग पॉइंट

दिव्यांग अनुकूल: लिफ्ट, रैम्प, ब्रेल साइनेज और विशेष प्रतीक्षा कक्ष

सुरक्षा: अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली और स्वचालित फायर अलार्म

स्वच्छता और सुविधा: आधुनिक शौचालय, स्वच्छ प्लेटफॉर्म, अलग प्रवेश व निकास द्वार

पीएम मोदी का संदेश: पूर्वोत्तर को मुख्यधारा से जोड़ने की प्रतिबद्धता

उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा:

> “डिब्रूगढ़ स्टेशन न केवल एक परिवहन केंद्र है, यह पूर्वोत्तर के विकास की नई दिशा है। यह स्टेशन पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए अवसरों को जन्म देगा।”

इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी वर्चुअल रूप से शामिल हुए।

पूर्वोत्तर में रेलवे नेटवर्क का नया युग

डिब्रूगढ़ स्टेशन का यह कायाकल्प सरकार की पूर्वोत्तर नीति — “Act East Policy” — को जमीन पर उतारने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

यह स्टेशन अब न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि इस क्षेत्र को राष्ट्रीय विकास की धारा से पूरी तरह जोड़ेगा।

लेटेस्ट अपडेट (मई 2025):

रेलवे मंत्रालय ने कहा है कि डिब्रूगढ़ स्टेशन को अब “फ्यूचर रेडी मॉडल स्टेशन” घोषित किया गया है।

स्टेशन पर जल्द ही स्मार्ट पार्किंग सिस्टम और ई-मोबिलिटी चार्जिंग पॉइंट भी जोड़े जाएंगे।

स्थानीय युवाओं के लिए ट्रेनिंग और रोजगार के अवसर भी इस परियोजना के माध्यम से सृजित किए जा रहे हैं।

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन: 138 साल बाद पीएम मोदी ने किया वर्चुअल उद्घाटन, देश को मिला नया गर्व!
डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन: 138 साल बाद पीएम मोदी ने किया वर्चुअल उद्घाटन, देश को मिला नया गर्व!

डिब्रूगढ़ स्टेशन: जहां इतिहास फिर से जीवंत हुआ

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास केवल एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि 138 वर्षों की विरासत का सम्मान है। यह वही स्टेशन है, जहां से कभी चाय, लकड़ी और कोयले जैसी वस्तुएं देश के कोने-कोने तक पहुंचाई जाती थीं।

अब यही स्टेशन, डिजिटल इंडिया और आधुनिक भारत के सपनों को गति देने वाला एक नया केंद्र बन चुका है।

स्थानीय लोगों की भावनाएं और प्रतिक्रियाएं

डिब्रूगढ़ और आस-पास के क्षेत्रों में इस स्टेशन से जुड़ी कई पीढ़ियों की यादें रही हैं। उद्घाटन के बाद जब स्थानीय लोगों ने स्टेशन का नया स्वरूप देखा, तो कई बुजुर्गों की आंखों में आंसू थे — ये आंसू थे गर्व और जुड़ाव के। एक स्थानीय व्यवसायी ने कहा:

> “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा पुराना स्टेशन इतना सुंदर और आधुनिक बन जाएगा। अब हमें अपने बच्चों को बाहर पढ़ने या घूमने भेजते समय गर्व होगा कि वे एक शानदार स्टेशन से सफर करेंगे।”

पूर्वोत्तर की अस्मिता का प्रतीक

पूर्वोत्तर भारत वर्षों से बुनियादी ढांचे की उपेक्षा का शिकार रहा है। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। इस स्टेशन का कायाकल्प इस बात का संकेत है कि अब सरकार सिर्फ बात नहीं कर रही, धरातल पर काम कर रही है।

यह प्रोजेक्ट एक उदाहरण है कि कैसे असम जैसे राज्यों को विकास की मुख्यधारा में लाया जा रहा है।

युवाओं के लिए नए अवसर

पुनर्विकसित डिब्रूगढ़ स्टेशन से पर्यटन बढ़ेगा, जिससे स्थानीय व्यवसायों को गति मिलेगी। रेलवे स्टेशन के आस-पास के होटलों, टैक्सी सेवाओं, हस्तशिल्प बाजारों और खाने-पीने के स्टॉल्स को सीधा लाभ मिलेगा।

इसके अलावा, रेलवे ने यह भी घोषणा की है कि स्टेशन पर स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

असम की संस्कृति की झलक

नए स्टेशन भवन की दीवारों, छत और खंभों पर असम की पारंपरिक कला, बिहू नृत्य, रोंगाली त्यौहार, और लोक जीवन की छवियां उकेरी गई हैं। स्टेशन सिर्फ तकनीकी नहीं, संस्कृति का प्रदर्शन स्थल भी बन गया है।

‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की मिसाल

यह स्टेशन अब सिर्फ डिब्रूगढ़ की नहीं, बल्कि पूरे देश की शान बन चुका है। यह “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को साकार करता है, जिसमें हर राज्य, हर क्षेत्र को बराबरी से महत्व दिया जा रहा है।

पीएम मोदी का यह प्रयास यह दिखाता है कि पूर्वोत्तर अब हाशिए पर नहीं, बल्कि भारत के भविष्य की धुरी बनता जा रहा है।

क्या कहता है रेलवे का विज़न 2047?

रेलवे मंत्रालय के अनुसार, 2047 तक सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों को स्मार्ट स्टेशन में बदला जाएगा — जहां सुविधा, सुरक्षा, संस्कृति और स्वच्छता सर्वोच्च होंगी। डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन इस विजन की दिशा में पहला बड़ा कदम है।

पर्यटन को मिलेगी नई रफ्तार

डिब्रूगढ़ असम का एक प्रमुख शहर है, जिसे ‘टी सिटी ऑफ इंडिया’ कहा जाता है। यहां की चाय बागान, ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे की प्राकृतिक सुंदरता, और माजुली जैसे पर्यटन स्थल पहले ही आकर्षण का केंद्र हैं।

अब जब रेलवे स्टेशन अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस हो गया है, तो यहां पर आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में बड़ा इज़ाफा तय है।

रेलवे मंत्रालय का मानना है कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से न सिर्फ पर्यटकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय संस्कृति का भी प्रचार-प्रसार होगा।

अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

डिब्रूगढ़ स्टेशन के पुनर्निर्माण से न सिर्फ रेलवे को फायदा होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई जान मिलेगी:

स्टेशन के आसपास छोटे कारोबारियों, ठेला संचालकों, होटल व्यवसायियों को सीधा लाभ

स्थानीय उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी, जिससे शिल्पकार और कारीगरों को रोजगार मिलेगा

स्टेशन पर किराया देने वाले दुकानों से रेलवे को अतिरिक्त आय

लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट के लिए डिब्रूगढ़ एक मजबूत केंद्र के रूप में उभरेगा

रेलवे की आधुनिक सोच का प्रतीक

डिब्रूगढ़ स्टेशन का यह रूप भारत की रेलवे व्यवस्था के बदलते रूप को दर्शाता है। अब रेलवे सिर्फ ट्रेनों का संचालन नहीं, बल्कि यात्रियों को एक संपूर्ण अनुभव देने की दिशा में काम कर रहा है।

रेलवे के “अमृत भारत स्टेशन योजना” के अंतर्गत देशभर के 1300 से ज्यादा स्टेशनों को अगले कुछ वर्षों में ऐसे ही पुनर्निर्मित किया जाएगा — जिसमें डिब्रूगढ़ जैसे मॉडल स्टेशन अग्रणी होंगे।

डिजिटल भारत के साथ कदमताल

डिब्रूगढ़ स्टेशन पर अब यात्रियों को डिजिटल टिकिटिंग, मोबाइल चार्जिंग, तेज़ वाई-फाई, LED डिस्प्ले, QR कोड आधारित सुविधा, और CCTV आधारित सुरक्षा जैसी अत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध हैं।

यह सब दिखाता है कि भारत अब तकनीक को गांव और कस्बों तक ले जाकर डिजिटल समावेश की ओर बढ़ रहा है।

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन: 138 साल बाद पीएम मोदी ने किया वर्चुअल उद्घाटन, देश को मिला नया गर्व!
डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन: 138 साल बाद पीएम मोदी ने किया वर्चुअल उद्घाटन, देश को मिला नया गर्व!

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन: नारी शक्ति का सम्मान

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन पर विशेष रूप से महिलाओं के लिए अलग प्रतीक्षा कक्ष, सुरक्षित प्रवेश-द्वार और स्वच्छता सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।

महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर रेलवे ने यह संदेश दिया है कि भारत का विकास समावेशी है — जिसमें महिलाओं की भूमिका और सम्मान भी बराबर है।

डिब्रूगढ़ से पूरे भारत को संदेश

इस डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन के कायाकल्प से देश के बाकी हिस्सों को भी यह संदेश जाता है कि सरकार सिर्फ राजधानी या मेट्रो शहरों पर नहीं, बल्कि हर क्षेत्र पर बराबर ध्यान दे रही है।

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन अब एक राष्ट्रीय आदर्श बन चुका है — एक ऐसा स्टेशन जो इतिहास, संस्कृति, तकनीक और विकास का मिलाजुला रूप है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण: विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना

पीएम मोदी ने उद्घाटन के दौरान यह स्पष्ट किया कि भारत का विकास तब ही सच्चा होगा जब पूर्वोत्तर जैसे क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। डिब्रूगढ़ स्टेशन का पुनर्विकास इसी नीति की मिसाल है। प्रधानमंत्री ने कहा:

>“डिब्रूगढ़ स्टेशन न केवल एक आधुनिक रेलवे हब बनेगा, बल्कि यह असम और पूर्वोत्तर की नई उड़ान का प्रतीक भी होगा।”

उनका यह बयान इस बात को दर्शाता है कि अब सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर को सिर्फ निर्माण नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का जरिया मानती है।

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन: पूर्वोत्तर को मिल रही विशेष प्राथमिकता

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन का कायाकल्प, एक बड़ी योजना का हिस्सा है जिसमें असम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल और त्रिपुरा जैसे राज्यों को रेलवे, हवाई, और डिजिटल कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य है:

भौगोलिक दूरी को डिजिटल नजदीकी में बदलना

स्थानीय रोजगार और शिक्षा के अवसर बढ़ाना

सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सरल बनाना

राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करना

भविष्य की योजनाएं: सिर्फ स्टेशन नहीं, एक संपूर्ण अनुभव

रेलवे मंत्रालय की दीर्घकालिक योजना में डिब्रूगढ़ जैसे स्टेशन को भविष्य में “रेलवे टूरिज्म हब” और इंटिग्रेटेड ट्रांसपोर्ट टर्मिनल बनाने की योजना है, जहां:

ट्रेनों, बसों और हवाई यातायात की सुविधाएं आपस में जुड़ी होंगी

यात्रियों को एक ही जगह पर टिकट, होटल बुकिंग, और गाइड सेवाएं उपलब्ध होंगी

स्थानीय संस्कृति का लाइव प्रदर्शन होगा — जिससे विदेशी पर्यटक भी आकर्षित होंगे

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन: ‘सबका साथ, सबका विकास’ की सजीव मिसाल

डिब्रूगढ़ स्टेशन का पुनर्निर्माण एक आदर्श उदाहरण है कि सरकार अब नीतियों को केवल कागजों तक सीमित नहीं रख रही, बल्कि धरातल पर साकार कर रही है।

यह विकास जाति, धर्म, क्षेत्र या भाषा से ऊपर उठकर हर नागरिक के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन: नवभारत के निर्माण में एक स्टेशन की भूमिका

138 वर्षों की सेवा के बाद, डिब्रूगढ़ स्टेशन का यह कायाकल्प इस बात का प्रतीक है कि भारत अब अतीत से सीखते हुए भविष्य की ओर दौड़ रहा है। जहां एक तरफ आधुनिक तकनीक है, वहीं दूसरी ओर संस्कृति और इतिहास का भी पूरा सम्मान।

यह सिर्फ एक स्टेशन नहीं, बल्कि वह स्थान बन चुका है जहां से ‘नए भारत की यात्रा’ शुरू होती है।

FAQs: डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास और पीएम मोदी का उद्घाटन

Q1. डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन को किसने उद्घाटित किया?

उत्तर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मई 2025 को वर्चुअल माध्यम से 138 साल पुराने डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकसित स्वरूप का उद्घाटन किया।

Q2. डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किस योजना के तहत हुआ है?

उत्तर:

इस स्टेशन का पुनर्विकास ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है।

Q3. पुनर्विकसित डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन में कौन-कौन सी नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं?

उत्तर:

भव्य प्रवेश द्वार और आधुनिक प्रतीक्षा कक्ष

डिजिटल डिस्प्ले, हाई-स्पीड वाई-फाई

दिव्यांगजन के लिए रैंप और लिफ्ट

महिला यात्रियों के लिए विशेष सुविधा क्षेत्र

हरित ऊर्जा से संचालित संरचनाएं

Q4. डिब्रूगढ़ स्टेशन के पुनर्विकास से आम लोगों को क्या लाभ होगा?

उत्तर:

इससे स्थानीय व्यापार, पर्यटन, यात्रा सुविधा और रोजगार में वृद्धि होगी। स्टेशन अब यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा देगा, जिससे यात्रा और भी आरामदायक हो जाएगी।

Q5. डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व क्या है?

उत्तर:

डिब्रूगढ़ स्टेशन 138 साल पुराना है और पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह असम की चाय, संस्कृति और व्यापार का एक ऐतिहासिक केंद्र रहा है।

Q6. क्या डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन पर्यावरण के अनुकूल (Eco-Friendly) बनाया गया है?

उत्तर:

हां, स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग सिद्धांतों के अनुसार विकसित किया गया है। इसमें सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग किया गया है।

Q7. डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन के विकास से पर्यटन को कैसे लाभ मिलेगा?

उत्तर:

पर्यटकों को अब बेहतर सुविधा, साफ-सफाई, और सुरक्षा मिलेगी। साथ ही स्टेशन एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी उभरेगा, जिससे माजुली, ब्रह्मपुत्र और चाय बागानों तक पहुँच आसान होगी।

Q8. क्या डिब्रूगढ़ स्टेशन अब एक स्मार्ट स्टेशन बन गया है?

उत्तर:

जी हां, यह स्टेशन अब पूरी तरह से स्मार्ट सुविधाओं से लैस है — जैसे डिजिटल टिकटिंग, CCTV निगरानी, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स और यात्री सूचना प्रणाली।

Q9. अमृत भारत स्टेशन योजना क्या है?

उत्तर:
यह भारतीय रेलवे की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत देशभर के 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों को आधुनिक रूप दिया जा रहा है, जिसमें यात्री सुविधाएं, डिज़ाइन, साफ़-सफ़ाई और कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा रहा है।

Q10. इस स्टेशन के पुनर्विकास से कौन-कौन से वर्ग सबसे ज़्यादा लाभान्वित होंगे?

उत्तर:

स्थानीय व्यापारी

चाय उद्योग और कारीगर

पर्यटक और छात्र

महिला यात्री

बुजुर्ग और दिव्यांगजन

रेलवे और पर्यटन से जुड़े कर्मचारी

निष्कर्ष: पूर्वोत्तर के विकास की नई परिभाषा बना डिब्रूगढ़ स्टेशन

138 वर्षों की ऐतिहासिक विरासत को संजोते हुए डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन का आधुनिक रूप में पुनर्जन्म केवल एक इमारत का नवीनीकरण नहीं, बल्कि ‘नए भारत’ की सोच और समावेशी विकास की जीवंत मिसाल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका वर्चुअल उद्घाटन इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सरकार अब देश के कोने-कोने को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संकल्पबद्ध है।

इस पुनर्विकास से न केवल यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, पर्यटन, रोजगार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी नया आयाम मिलेगा। डिब्रूगढ़ अब सिर्फ एक स्टेशन नहीं, बल्कि एक स्मार्ट, ग्रीन और समावेशी भारत की पहचान बन चुका है।

यह कदम दर्शाता है कि जब इरादे स्पष्ट हों और नीति जनहित की हो, तो देश का सबसे सुदूरवर्ती क्षेत्र भी राष्ट्र के विकास का केंद्र बन सकता है। डिब्रूगढ़ अब भविष्य की यात्रा पर निकल चुका है — तेज़, स्वच्छ, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत की ओर।


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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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