डोजर पुश माइनिंग विधि: CSIR – CIMFR के वैज्ञानिकों ने देश में डोजर पुश माइनिंग विधि से किया पहला सफल परीक्षण विस्फोट
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ToggleDozer Push Mining Method: देश के सीएसआइआर एवं सीआईएम्एफआर के शोधकर्ताओं ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है जिसमें उन्होंने डोजर उसे मीनिंग विधि के द्वारा पहला परीक्षण विस्फोट किया है जो अपनी तरह की अनोखी उपलब्धि है.
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यह पल हर भारतीय के लिए एक गोरांवित महसूस करता है जिसमें CSIR और CIMFR के शोधकर्ताओं ने देश में पहली बार उन्नत डिजिटल तकनीक से एकीकृत करते हुए पहले डोजर पुश माइनिंग विधि के द्वारा सफल ट्रायल ब्लास्ट किया है
जो खनन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि है. Read more…
Dozer Push Mining Method से किए गए परमाणु विस्फोट से सकारात्मक प्रभाव
CSIR एवं CIMFR के द्वारा विकसित की गई है विधि खनन के क्षेत्र में एक सकारात्मक भविष्य को तय करेगी जिससे ही खनन के क्षेत्र में यह विधि बहुत महत्वपूर्ण योगदान देगी. यह विधि सुरक्षा की दृष्टि से तथा परिचालन के नजरिए से भी यह विधि महत्वपूर्ण होगी.
Note: माइनिंग की इस पद्धति से खनन के कार्यों में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, इस विधि के द्वारा खनन के क्षेत्र में सुरक्षा के प्रोटोकॉल को ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
डोजर पुश माइनिंग विधि पुश माइनिंग विधि का परीक्षण कहां किया गया
इस विधि का पहला सफल परीक्षण छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के उदयपुर ब्लॉक में स्थित मेसर्स अदानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के द्वारा संचालित परसा ईस्ट और कांटा बासन नामक कोयला खदान में किया गया.

अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड एक निजी क्षेत्र की कंपनी है इसकी सहायक कंपनी अदानी नेचुरल रिसोर्सेस के द्वारा किया गया. अदानी नेचुरल रिसोर्सेस कोयला खनन के क्षेत्र में भारत की एक अग्रणी निजी कंपनी है.
इस डीप होल कास्ट ब्लास्टिंग का डिजाइन
इसका डिजाइन सीएसआईआर एवं सीआईएम्एफ आर के वैज्ञानिकों ने किया है इसका डिजाइन धनबाद स्थित परसा ईस्ट और कांटा बासन की कोयला खदान में किया गया.
डोजर पुश माइनिंग विधि पुश मीनिंग विधि के मुख्य कार्य
* इस विधि के द्वारा खनन के कार्यों को मानव रहित बनाया जा सकेगा.
* इस विधि के इस्तेमाल से खनन करने वाली मशीनों को ऑटोमेटिक मोड में लाया जाता है जिस कार्य सुरक्षा की दृष्टि से बहुत उपयोगी हो जाता है.
* परीक्षण के दौरान इसमें स्वचालित ड्रिलिंग मशीन का उपयोग करके 108 सुराखों की ड्रिलिंग की गई थी.
.•इस विधि से 60 टन वृहद इमल्शन विस्फोटकों का उपयोग करके इस विधि की थ्रो ब्लास्टिंग की गई.

Note: इसके लिए डोजर पुश माइनिंग मशीन को इस तरह से डिजाइन किया गया है की ब्लास्ट की गई सामग्री को डी कॉल किए गए क्षेत्र में धकेल दिया जाएगा जिससे डी कॉल माइनिंग करने वाले कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से एक सकारात्मक पहलू है.
इस विधि से किन-किन क्षेत्रों को मिल सकता है लाभ
• इस विधि का उपयोग करके मुख्य रूप से खनन में कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए सकारात्मक पहलू के रूप में काम करेगा.
* माइनिंग की यह तकनीक शवाल डंपर और ड्रैगलाइन प्रणालियों के लिए भी एक उपयुक्त विकल्प तय करेगी. Click here
* इस विधि के द्वारा बहुत तेजी के साथ कोयले को प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा यह मौसम की खराबी के कारण भी कोयला खदान में काम करने में सक्षम है .
मौसम के प्रतिकूल होने वाली दशाओं के सापेक्ष काम करने वाले कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन के बदले इस विधि के द्वारा उपयुक्त खर्चे में 7 से 10% की कमी आएगी जो भारत सरकार के लिए एक उपयुक्त सकारात्मक प्रणाली है
जो खदान में काम करने वाले कर्मचारियों के सुरक्षा प्रोटोकॉल को देखकर बनाई गई है.

* अगर हम खनन में इस विधि का इस्तेमाल करते हैं तो मैन्युअल करने के मुकाबले इसमें खर्च राशि कम आती है. तथा इसके द्वारा तथा इसके द्वारा खनन से जुड़े जोखिमों को भी काम किया जा सकता है.
खदान में काम करने वाले कर्मचारियों को अच्छी सुरक्षा मिलेगी.
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