नेपाल भूकंप News: नेपाल में 7.1 तीव्रता के भूकंप से हुई 95 लोगों की मौत
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Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!चीन नेपाल और तिब्बत में मंगलवार को भूकंप ने मचाई तबाही. नेपाल-तिब्बत के पास मंगलवार सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर 7.1 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप ने मचाई तबाही.

इस भूकंप ने कम से कम 95 लोगों की जान ले ली तथा 62 लोगों से ज्यादा घायल भी हुए जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया इस 7.1 वाले भूकंप से भारी संपत्तियों का नुकसान भी हुआ.
भूकंप का विवरण
समय – ऐसा बताया गया कि नेपाल – तिब्बत के पास भूकंप 6 बजकर 35 मिनट पर आया था |
केंद्र – भूकंप का केंद्र लोबुचे में है जो नेपाल से 93 किमी उत्तर-पूर्व में तिब्बत के शिगात्से के पास है |
गहराई – भूकंप की गहराई लगभग 10 किमी की थी . Click here
भूकंप से प्रभावित क्षेत्र
7.1 तीव्रता वाले भूकंप के झटके नेपाल में तथा तिब्बत में और इस भूकंप के झटके भारत में बिहार, सिक्किम, उत्तर बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर में भी देखे गए.

नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी भूकंप के झटके को महसूस किया गया जिससे लोग घबराकर अपने घरों में से बाहर निकल गए
क्षति और प्रभावित
नेपाल – रिपोर्ट के अनुसार नेपाल में 32 लोगों की जान चली गयी और कई लोग घायल हो गए |
तिब्बत – इस भूकंप से तिब्बत में काफी भारी तबाही हुई यहां पर काम से कम 95 लोगों की मौत हुई और 62 लोगों से अधिक घायल हुए |
भारत – बिहार के मोतिहारी, शिवहर और समस्तीपुर में , उत्तर प्रदेश के लखनऊ में और पश्चिम बंगाल के मालदा में और सिक्किम में इसके झटके महसूस किए गए लेकिन यहां पर किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं आई |
सरकारी प्रतिक्रिया
नेपाल – नेपाल की सरकार ने आपातकालीन बैठक को बुलाकर उनकी राहत और बचाव के लिए विशेष दल तैनात किए गए |
चीन – चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव के लिए निर्देश दिए | चीन की एयर फोर्स ने चिकित्सा विमान हेलीकॉप्टर और जमीनी बलों पर तैनात किए |
भारत – भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल और तिब्बत में हुए भूकंप हादसे में जनहानि पर शोक व्यक्त किया और हर संभव शाहिद का आश्वासन दिया है . Read more…
भूकंप का वैज्ञानिक विश्लेषण
भूकंप का केंद्र लोबुचे मैं जो नेपाल के खुम्बू ग्लेशियर के पास स्थित है जो की काठमांडू से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में एवरेस्ट बेस कैंप के पास है और यहां का क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टैकटोनिक प्लेट्स आपस में टकराने के कारण भूकंप से संभावित क्षेत्र माना जाता है .

सुरक्षा उपाय
ऐसे में भूकंप के बड़े झटको की संभावना को देखते हुए निम्नलिखित सावधानियां को बरतना चाहिए
खुले स्थानों में रहे : बिजली के खंबो , पेड़ों, इमारत से दूर रहे |
घरों में सुरक्षित स्थान को चुने : यदि आप घर के अंदर है तो एक मजबूत फर्नीचर के निचे छिप जाये तथा अपनी सिर की सुरक्षा करे |
आपातकालीन टिकट तैयार रखे : अपनी आवश्यक दवाइयां और पानी , भोजन , टॉर्च जैसी आवश्यक सामान को अपने साथ रखें
भूकंप के बाद की स्थिति
भूकंप के बाद नेपाल-तिब्बत की सीमा पर कहीं झटके महसूस किए हैं इस भूकंप में सबसे बड़ा 7.1 तीव्रता वाला था तथा इस क्षेत्र में बिजली और संचार बाधित हो गए
जिससे यहां पर राहत कार्यों में कठिनाइयां हो रही है सड़के और पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रभावित क्षत्रों तक पहुंचाना बहुत कठिन हो गया है
अंतरराष्ट्रीय सहायता
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने नेपाल और तिब्बत मे राहत कार्यों में सहायता की. भारत ने भी नेपाल को सहायता भेजी जिसमे चिकित्सा दल और राहत सामग्री और बचाव कर्मी भी शामिल भी थे .

निष्कर्ष
नेपाल और तिब्बत में आए 7.1 तीव्रता वाले भूकंप ने एक बार फिर से हिमालय क्षेत्र कि इस भूकंप पर सदनशीलता को उजाड़ कर रख दिया है.
भविष्य में घटनाओं से निपटने के लिए हमें बेहतर तैयारी तथा सरचनात्मक मजबूती की आवश्यकता है और साथ ही जन जागरूकता तथा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है ताकि जान माल के नुकसान को कम किया जा सके |
Note :- नेपाल और तिब्बत में आए इस भूकंप से हुए प्रभावित सभी लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं . और हम उनके शीघ्र पुनर्वास की कामना करते हैं
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