पर्यावरण क्या है -परिभाषा “धरती और जीवन के लिए पर्यावरण का महत्व जानिए इसका अर्थ”

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पर्यावरण क्या है ? “धरती और जीवन के लिए पर्यावरण का महत्व,सभी भौतिक रासायनिक और जैविक तत्वों का समूह है

“पर्यावरण शब्द की उत्पत्ति सबसे पहला फ्रांसीसी शब्द Environ से हुई है जिसका अर्थ होता है –गिरना  अगर साधारण भाषा में समझे तो अर्थ होता है हमारे चारों ओर का क्षेत्र जिससे हम घिरे हुए हैं

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पर्यावरण
मौजूद सभी भौतिक रासायनिक और जैविक तत्वों का समूह है जो सभी जीवो के जीवन को प्रभावित

पर्यावरण की परिभाषा

पर्यावरण की आसान परिभाषा यह है की हमारे चारो ओर मौजूद सभी भौतिक रासायनिक और जैविक तत्वों का समूह है जो सभी जीवो के जीवन को प्रभावित करता है|

प्राकृतिक दुनिया में वह सब कुछ है जो हमारे चारो और जीवित और निर्जीव ,पौधे जानवर लोग आदि.खुद को पता है Read more…

व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से सभी सामाजिक जैविक भौतिक और रासायनिक तत्वों से मिलकर बना हुआ है जिसमें हम चीजों को आदान-प्रदान करते हुए एक दूसरे के साथ प्रतिक्रिया करते हैं

विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है

पर्यावरण दिवस मनाए जाने की शुरुआत सबसे पहले 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 5 जून से 16 जू तक की गई थी लेकिन इसको वैश्विक स्तर पर मनाया जाना सबसे पहले वैश्विक पर्यावरण सम्मेलन में शुरू हुआ जो कि हम प्रत्येक वर्ष 5 जून 1973 से पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 क्या है?

इस अधिनियम के अनुसार किसी जीव के चारों तरफ घिरे हुए भौतिक और जैविक सभी दशाएं तथा व उनके साथ की गई अंत क्रिया को सम्मिलित करता है

पर्यावरण शिक्षा केंद्र की स्थापना कब की गई थी

सबसे पहले भारत सरकार के वन मंत्रालय के समर्थन से वर्ष 1984 में अगस्त महीने में पर्यावरण शिक्षा केंद्र को स्थापित किया गया था एक राष्ट्रीय संस्थान है जो की जागरूकता को बढ़ाता है इसका मुख्यालय अहमदाबाद में स्थित है

पर्यावरण की विशेषताएं

1. पर्यावरण में समय के साथ-साथ परिवर्तन होता रहता है
2. जैविक और अजैविक तत्वों के योग से मिलकर बना होता है
3.  सभी जीवो की जैविक और अजैविक इकाइयों का कार्यात्मक समूह है
4.  कार्यात्मक ऊर्जा उसके संचार पर निर्भर करती है
5.  अपने सभी जैविक पदार्थ का उत्पादन करता है अथवा अपनी स्थिति के संतुलन को स्वयं बनाए रखना है
6.   एक बंद तंत्र है

पर्यावरण के प्रमुख अंग

1. स्थलमंडल- हमारी पृथ्वी का स्थलमंडल जो की धरातल के 29% भाग को घेरे हुए हैं तथा शेष भाग पर 71% प्रतिशत जल है स्थलमंडल को आसान भाषा में समझने के लिए हम स्थलमंडल की आंतरिक संरचना को तीन भागों में बांट सकते हैं जैसे
1. सियाल– जोकि सिलिकॉन( Si ) और एल्यूमीनियम(Al) से मिलकर बनी हुई है
2. सीमा– जो की सिलिकॉन( Si ) और मैग्नीशियम(Mg) से मिलकर बनी है
3. निफे – जो कि निकिल(Ni) और फेरस(Fe) अर्थात लोहे(Fe) से मिलकर बनी हुई हैं
अब बात करते हैं जलमंडल की जो कि पृथ्वी पर बड़े स्तर पर फैला हुआ है

जलमंडल

 जलमंडल: हमारी पृथ्वी पर उपस्थित जलीय भाग को ही जलमंडल कहा जाता है जो कि पृथ्वी के कुल भाग का 71% घेरे हुए हैं
पृथ्वी की सतह पर क्षेत्रफल लगभग 51 करोड़ वर्ग किलोमीटर है जिसमें जल का विस्तार 36 करोड़ वर्ग किलोमीटर है

वायु की ऐसी परत जो पृथ्वी को चारों ओर से सैकड़ो मीटर ऊंचाई पर घेरे हुए हैं जिसे हम वायुमंडल कहते हैं पृथ्वी का वायुमंडल पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण शक्ति के कारण ही वायु को पृथ्वी के चारों ओर जड़े हुए हैं.

इसकी सामान्य से ऊंचाई लगभग 800 किलोमीटर मानी जाती है लेकिन जब बाद में खोज हुई तभी है ऊंचाई लगभग 1300 किलोमीटर आगे गई है

पर्यावरण के प्रमुख तत्व 

पर्यावरण को मुख्य रूप से दो तत्वों में विभाजित किया गया है
1. अजैविक तत्व
2. जैविक तत्व

अजैविक तत्व

अजैविक तत्वों में खनिज चट्टान मिट्टी स्थल जल आते  हैं | अजैविक तत्व वे होते हैं जो आपस में जैविक क्रियो का आदान-प्रदान नहीं करते– जैविक तत्वों के अंतर्गत वे सभी सूक्ष्म जीव जंतु वनस्पति मानव आते हैं .

जो अपने स्थिति के संतुलन को बनाए रखने के लिए आपस में जैविक और अजैविक के तत्वों सहयोग से अंत क्रिया करते रहते हैं Click here…
Note: सूर्य एक सबसे अच्छा अजैविक घटक का उदाहरण है लेकिन इसको हम जैविक घटकों के लिए महत्वपूर्ण समझ सकते हैं क्योंकि सूर्य के बिना जैविक घटकों को कोई अस्तित्व नहीं है .

अगर सूर्य के तापमान में निरंतर वृद्धि होती रही तो उसे पढ़ने वाले प्रभाव जैविक और अजैविक दोनों घटकों पर पड़ेंगे


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Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

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