पलक्कड़ जल संकट में दिल्ली शराब घोटाले का कनेक्शन: विजयन सरकार पर क्यों उठ रहे सवाल
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Toggle1. परिचय
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!केरल सरकार ने हाल ही में पलक्कड़ जिले के कांजीकोड में एक अनाज आधारित डिस्टिलरी और शराब निर्माण इकाई स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना को लेकर राजनीतिक हलकों में भारी विवाद उत्पन्न हो गया है।

विपक्षी दलों ने इस परियोजना को पारदर्शिता की कमी और संभावित भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए सरकार पर तीखे आरोप लगाए हैं। इस विवाद ने राज्य में जल संकट और पर्यावरणीय मुद्दों को लेकर भी बहस को जन्म दिया है। Read more…
2. परियोजना का विवरण
सरकार ने ओएसिस कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड को 600 करोड़ रुपये की लागत से डिस्टिलरी और शराब निर्माण इकाई स्थापित करने की अनुमति दी है। यह परियोजना चार चरणों में पूरी होगी,
जिसमें विभिन्न उत्पादन इकाइयों की स्थापना शामिल है। इनमें इथेनॉल प्लांट, डिस्टिलेशन यूनिट, ब्रूअरी, माल्ट स्पिरिट प्लांट, और ब्रांडी/वाइनरी प्लांट शामिल हैं।
3. विपक्ष की आपत्तियाँ
पारदर्शिता की कमी: विपक्षी दलों का कहना है कि ओएसिस कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड का चयन पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया में अन्य कंपनियों को शामिल नहीं किया गया।
भ्रष्टाचार के आरोप: कांग्रेस के नेता वी.डी. सतीशन ने आरोप लगाया है कि चयनित कंपनी दिल्ली शराब घोटाले में शामिल थी। इसके अलावा, कंपनी पर पंजाब में भूजल के अत्यधिक दोहन के भी आरोप हैं।
जल संसाधनों पर प्रभाव: कांजीकोड क्षेत्र पहले से ही जल संकट का सामना कर रहा है, और विपक्ष का कहना है कि डिस्टिलरी की स्थापना से भूजल का अत्यधिक उपयोग होगा, जिससे स्थानीय समुदायों को नुकसान होगा।

4. सरकार का पक्ष
आबकारी मंत्री एम.बी. राजेश ने विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि कंपनी का चयन उचित प्रक्रिया के तहत किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि परियोजना के लिए जल आपूर्ति केरल जल प्राधिकरण से अनुमोदित है।
सरकार का दावा है कि यह परियोजना राज्य की नई शराब नीति के अनुसार है और इससे कृषि क्षेत्र को भी लाभ होगा।
5. विवाद की पृष्ठभूमि
विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों में से एक प्रमुख आरोप यह है कि ओएसिस कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली शराब घोटाले में शामिल थी। इसके अलावा, कंपनी पर पंजाब में भूजल के अत्यधिक दोहन का भी आरोप है। इन मुद्दों ने इस परियोजना को लेकर सार्वजनिक चिंता को बढ़ा दिया है।
6. पर्यावरणीय चिंताएँ
कांजीकोड में जल संकट पहले से ही एक बड़ा मुद्दा है। डिस्टिलरी के लिए आवश्यक जल की मात्रा को लेकर स्थानीय समुदाय और पर्यावरणविद चिंतित हैं। उनका कहना है कि परियोजना से जल स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे क्षेत्र में जल संकट और भी गहरा जाएगा।
7. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
विपक्षी दलों ने इस परियोजना को लेकर सरकार पर तीखे हमले किए हैं। कांग्रेस और भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया है। दूसरी ओर, सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए परियोजना की आवश्यकता पर जोर दिया है।
8.पलक्कड़ जल संकट : एक गंभीर समस्या
भारत का पलक्कड़ जिला जो केरल धान का कटोरा कहलाता है आजकल यह जल संकट से जूझ रहा है इसमें सुखे की स्थिति जल संसाधनों का अत्यधिक दोहन और जल प्रबंधन के खामियों का कारण है |
यहां के निवासियों को पेयजल की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है तथा किसानों की फैसले भी बर्बाद हो रही है और ग्रामीण क्षेत्र में पानी पीने के लिए लंबी लाइन लगी रहती है |

9. निष्कर्ष
पलक्कड़ में डिस्टिलरी की स्थापना पर विवाद राज्य में शराब नीति, पर्यावरण संरक्षण, और पारदर्शिता के मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देता है। हालांकि सरकार का दावा है कि यह परियोजना राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक होगी, Click here…
लेकिन विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवाल इस परियोजना की पारदर्शिता और पर्यावरणीय प्रभावों पर गंभीर चिंताओं को उजागर करते हैं। आगे का रास्ता केवल व्यापक चर्चा और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से ही संभव है।
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