राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025: विज्ञान और नवाचार का उत्सव
परिचय
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Toggle28 फरवरी को भारत में हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है। यह दिन भारतीय वैज्ञानिक सी.वी. रमन (C. V. Raman) द्वारा 28 फरवरी 1928 को खोजे गए “रमन प्रभाव” (Raman Effect) की याद में मनाया जाता है।
1930 में इस खोज के लिए उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Physics) से सम्मानित किया गया था। इस दिवस का उद्देश्य विज्ञान के प्रति जागरूकता को फैलाना और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 की थीम
हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस यें एक विशेष थीम (Theme) के साथ मनाया जाता है, ये विज्ञान और समाज के बीच संबंध को उजागर करता है। 2025 की थीम की आधिकारिक घोषणा सरकार द्वारा जनवरी 2025 में की जाएगी। हालाँकि, पिछले वर्षों में कुछ महत्वपूर्ण थीम इस प्रकार थीं:
* 2024: “Indigenous Technologies for vikshit Bharat” (विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी)
* 2023: “Global Science for Global Wellbeing” (वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान)
“Integrated Approach in Science and Technology for Sustainable Future” (टिकाऊ भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण) Read more…

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 का महत्व
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 का मुख्य उद्देश्य विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। यह दिन विज्ञान के क्षेत्र में हो रही नई खोजों और वैज्ञानिक उपलब्धियों को उजागर करने का अवसर प्रदान करता है। इसका महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
1. वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा – यह दिवस युवाओं और छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने का कार्य करता है।
2. नवाचार और अनुसंधान को प्रेरित करना – इस अवसर पर विभिन्न संगठनों तथा संस्थानों और विश्वविद्यालयों में विज्ञान से संबंधित प्रदर्शनियों और संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है।
3. वैज्ञानिक योगदान का सम्मान – यह दिन महान भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को पहचानने और उनके कार्यों को सम्मानित करने का अवसर देता है।
4. सतत विकास में विज्ञान की भूमिका – विज्ञान के माध्यम से पर्यावरण एवं स्वास्थ्य तथा ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का समाधान खोजने पर जोर दिया जाता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने की शुरुआत 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) द्वारा की गई थी। भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से इसे मान्यता दी और 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिन विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों तथा प्रदर्शनों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस?
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर विभिन्न संस्थानों, स्कूलों, कॉलेजों और वैज्ञानिक संगठनों में विज्ञान से जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। मुख्य गतिविधियाँ इस प्रकार हैं:
1. विज्ञान प्रदर्शनियाँ और मेले
वैज्ञानिक नवाचारों और नई तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए विज्ञान मेले और प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाती हैं।
छात्रों और शोधकर्ताओं को अपने प्रयोगों और खोजों को प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है।
2. व्याख्यान और संगोष्ठियाँ
देशभर के विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में वैज्ञानिक व्याख्यान और संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है।
इसमें वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं द्वारा महत्वपूर्ण वैज्ञानिक विषयों पर चर्चा की जाती है।
3. पुरस्कार और सम्मान
* इस दिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
* भारत सरकार और विज्ञान संस्थान इस अवसर पर वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएँ भी घोषित करते हैं।
4. विज्ञान से जुड़े क्विज और प्रतियोगिताएँ
* स्कूलों और कॉलेजों में विज्ञान से संबंधित क्विज तथा निबंध लेखन और पोस्टर मेकिंग और वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।
* छात्रों को विज्ञान के प्रति प्रेरित करने के लिए वैज्ञानिक कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों का भी आयोजन किया जाता है।

भारत के महान वैज्ञानिक और उनकी उपलब्धियाँ
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर भारत के महान वैज्ञानिकों को भी याद किया जाता है, जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है:
1. सी. वी. रमन – रमन प्रभाव की खोज और नोबेल पुरस्कार (1930)में मिला ।
2. होमी भाभा – भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाते है |
3. एपीजे अब्दुल कलाम – मिसाइल मैन ऑफ इंडिया और पूर्व राष्ट्रपति भी है ।
4. सत्येंद्र नाथ बोस – बोस-आइंस्टीन स्टेटिस्टिक्स के जनक।
5. जगदीश चंद्र बोस – रेडियो विज्ञान और पौधों पर शोध।
6. विक्रम साराभाई – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के संस्थापक। Click here
निष्कर्ष
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व को उजागर करने का ये एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह न केवल वैज्ञानिक उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है, बल्कि ये भी सुनिश्चित करता है कि युवा भी पीढ़ी विज्ञान के प्रति प्रेरित हो और इसी के साथ नवाचार व अनुसंधान को बढ़ावा मिले।
2025 के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक जागरूकता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा करना है, जिससे भारत विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में और भी आगे बढ़ सके।