Railway Ministry ने दी ट्रैवलर्स को बड़ी सौगात – 3E और Vistadome से बदलेगा हर सफर!
प्रस्तावना:
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Toggleभारतीय रेलवे, जो देश की जीवन रेखा मानी जाती है, निरंतर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए नए प्रयोग करता आ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में डिजिटलाइजेशन, स्वच्छता, समयबद्धता और आरामदायक यात्रा के क्षेत्र में कई सुधार किए गए हैं।
अब रेलवे ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है — “नई ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम” के तहत कुछ नई श्रेणियों को शामिल करते हुए यात्रा अनुभव को पहले से अधिक संतुलित और संतोषजनक बनाने की दिशा में।
ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम क्या है?
रेलवे की ‘ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम’ का सीधा मतलब है – जब किसी ट्रेन की उच्च श्रेणी में सीटें खाली होती हैं और निचली श्रेणी में वेटिंग लिस्ट वाले यात्री होते हैं, तो बिना अतिरिक्त शुल्क लिए उन यात्रियों को ऊपर की श्रेणी में जगह दे दी जाती है।
उद्देश्य
सीटों का अधिकतम उपयोग करना
यात्रियों को बेहतर सुविधा देना
वेटिंग यात्रियों को कंफर्म सीट दिलाना
रेलवे की छवि को सशक्त बनाना
2025 में लाया गया बदलाव – नया क्या है?
13 मई 2025 से लागू इस नई स्कीम के तहत भारतीय रेलवे ने इस योजना को और विस्तृत रूप दिया है। सबसे खास बात यह है कि अब 3E और Vistadome जैसी नई श्रेणियों को भी इस योजना में शामिल किया गया है।
मुख्य विशेषताएँ:
- दो श्रेणियों तक अपग्रेडेशन संभव – यात्री अधिकतम दो लेवल ऊपर तक अपग्रेड हो सकते हैं।
- केवल पूर्ण किराया देने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा।
- सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया है ताकि बदलाव स्वचालित रूप से हो।
- लोअर बर्थ प्राथमिकता देने वाले यात्रियों को भी इस स्कीम में शामिल किया गया है, लेकिन उनके चयन में सावधानी बरती जाएगी।
- इस बार अपग्रेडेशन पूरी तरह पारदर्शी होगा। यात्रियों को SMS/ईमेल से सूचना दी जाएगी।
क्या है 3E (इकोनॉमी थ्री-टियर) श्रेणी?
उद्देश्य
3E कोच को पहली बार 2021 में कुछ ट्रेनों में परीक्षण के तौर पर शुरू किया गया था। रेलवे का उद्देश्य था कि 3AC और Sleeper के बीच का एक ऐसा विकल्प दिया जाए जो सस्ता भी हो और आरामदायक भी।
3E: मुख्य विशेषताएं
एसी सुविधा लेकिन किफायती दरों पर
प्रत्येक कोच में 83 से अधिक बर्थ (3A से ज्यादा)
LED रीडिंग लाइट्स, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स, बेहतर वेंटिलेशन
टॉयलेट्स में टचलेस फिटिंग्स
कम मेंटेनेंस लागत
3E: किसे मिलेगा फायदा?
मध्यम वर्गीय परिवार जो स्लीपर से एसी में अपग्रेड चाहते हैं
लंबी दूरी की यात्रा करने वाले विद्यार्थी या कामकाजी लोग
बुजुर्ग जो अधिक सुविधा चाहते हैं लेकिन 3A का किराया वहन नहीं कर सकते
Vistadome कोच – यात्रा में रोमांच और दृश्य सौंदर्य
परिचय
Vistadome कोच खासतौर पर उन मार्गों के लिए तैयार किए गए हैं जहाँ प्राकृतिक दृश्य अत्यधिक आकर्षक होते हैं। इन्हें मुख्यतः पर्वतीय और तटीय क्षेत्रों में चलने वाली ट्रेनों में लगाया गया है।
विशेषताएँ
छत तक पारदर्शी शीशे की खिड़कियाँ
घूमने वाली आरामदायक कुर्सियाँ
पैनोरामिक व्यू
ब्रॉड वाई-फाई आधारित इन्फोटेनमेंट सिस्टम
सीसीटीवी, ब्रेल साइनेज, फायर अलार्म, स्वचालित दरवाजे
यात्रियों के लिए उपयोगिता
पर्यटकों के लिए अत्यधिक रोमांचक अनुभव
ट्रेन में बैठकर ट्रैक से प्रकृति का आनंद
फोटोग्राफर्स और ट्रैवल व्लॉगर्स के लिए आदर्श
नई स्कीम में श्रेणी अनुक्रम – कौन किस में अपग्रेड हो सकता है?
सोने (Sleeper) श्रेणियों का क्रम: 3E
SL → 3E → 3A → 2A → 1A
बैठने (Seating) श्रेणियों का क्रम:
2S → VS (Vistadome Sitting) → CC → EC → EA
विशेष शर्तें:
यदि किसी कोच में सीटें खाली हैं तो अपग्रेड होगा।
वरिष्ठ नागरिकों और लोअर बर्थ कोटा यात्रियों को ध्यान में रखते हुए ही चयन किया जाएगा।

CRIS की भूमिका
CRIS यानी Centre for Railway Information Systems को भारतीय रेलवे ने यह ज़िम्मेदारी दी है कि वे IRCTC और PRS सॉफ्टवेयर को इस नीति के अनुरूप अपडेट करें। यात्रियों को टिकट बुक करते समय ही विकल्प चुनने का मौका मिलेगा कि वे अपग्रेडेशन के इच्छुक हैं या नहीं।
यात्रियों की प्रतिक्रिया और व्यवहारिक प्रभाव
सकारात्मक पहलू:
यात्रियों को एसी श्रेणियों में यात्रा करने का मौका बिना अतिरिक्त खर्च के
रेलवे की सीटों का बेहतर उपयोग
बजट यात्रियों के लिए Vistadome और 3E जैसे कोच में आनंददायक यात्रा संभव
चुनौतियाँ:
सभी यात्रियों को लोअर बर्थ नहीं मिल सकेगी
कुछ यात्रियों को अपग्रेडेड सीट नापसंद भी हो सकती है
तकनीकी गड़बड़ियों के चलते ग़लत अपग्रेडेशन का डर
भविष्य की योजनाएँ: 3E
भारतीय रेलवे की योजना है कि आने वाले वर्षों में:
सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में 3E कोच लगाए जाएँ
देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों को Vistadome ट्रेनों से जोड़ा जाए
हर यात्री को मोबाइल ऐप के ज़रिए अपग्रेडेशन स्थिति की जानकारी मिले
रेल मंत्रालय की भूमिका और दूरदृष्टि
भारतीय रेल मंत्रालय ने इस 3E योजना को महज तकनीकी सुधार के रूप में नहीं देखा, बल्कि इसे ‘यात्रा की गरिमा बढ़ाने की नीति’ कहा है। रेलवे बोर्ड के उच्च अधिकारियों का मानना है कि अब समय आ गया है कि आम आदमी को भी लग्जरी यात्रा का अनुभव मिले – वो भी बिना अतिरिक्त खर्च के।
रेल मंत्री की घोषणा
रेल मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा:
> “हमारा लक्ष्य केवल लोगों को उनके गंतव्य तक पहुँचाना नहीं है, बल्कि उन्हें यात्रा में आनंद, आराम और सुविधा देना है। अपग्रेडेशन स्कीम इस दिशा में एक और ठोस कदम है।”
राज्यवार क्रियान्वयन – कहाँ शुरू हुआ, कहाँ आगे बढ़ेगा?
प्रारंभिक चरण:
महाराष्ट्र: मुंबई-पुणे Vistadome ट्रेनें
गोवा: Konkan मार्ग पर Vistadome कोच वाली ट्रेनें
बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा: 3E कोच के साथ लंबी दूरी की मेल ट्रेनों में प्रयोग
आगामी योजना:
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश: चार धाम यात्रा के लिए Vistadome ट्रेनों की योजना
राजस्थान: जैसलमेर, उदयपुर के लिए विशेष टूरिस्ट ट्रेनें
नॉर्थ-ईस्ट भारत: ब्रह्मपुत्र और अरुणाचल के पर्यटन क्षेत्रों के लिए विंडो कोच युक्त ट्रेनें
आर्थिक और सामाजिक असर
रेलवे के लिए:3E
बढ़ी हुई सीट यूटिलाइजेशन: खाली सीटों के चलते होने वाला नुकसान रुकेगा
संतुष्ट ग्राहक: बेहतर रेटिंग, बढ़े हुए टिकट बुकिंग
ब्रांड वैल्यू में वृद्धि: ‘भारतीय रेल’ सिर्फ सस्ती नहीं, अब स्मार्ट और क्लासी भी है
यात्रियों के लिए: 3E
बिना अतिरिक्त भुगतान के लग्जरी अनुभव
कम आमदनी वाले वर्ग को बेहतर सुविधाओं तक पहुँच
डिजिटल ट्रैकिंग और SMS अलर्ट से पारदर्शिता
पर्यावरण और सतत विकास की दिशा में पहल: 3E
3E और Vistadome कोचों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वे न सिर्फ ऊर्जा की बचत करते हैं, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी बेहतर हैं।
3E: विशेष विशेषताएँ
LED लाइट्स और स्मार्ट वेंटिलेशन सिस्टम
रेसाइक्लेबल मैटेरियल्स का प्रयोग
बायो-टॉयलेट्स और वाटर-कंजर्वेशन तकनीक
IRCTC और टिकट बुकिंग ऐप में बदलाव
अब जब आप टिकट बुक करेंगे, तो वहाँ एक ऑप्शन दिखाई देगा –
“क्या आप ऑटोमैटिक अपग्रेडेशन के लिए सहमत हैं?”
यदि आप “हां” चुनते हैं और अपग्रेडेशन संभव होता है, तो यात्रा के दिन या उससे पहले आपको SMS/ईमेल द्वारा जानकारी दी जाएगी।
आने वाले बदलाव:
मोबाइल ऐप में लाइव अपग्रेडेशन स्टेटस
पसंदीदा श्रेणी का चयन
कस्टमर रिव्यू सिस्टम
यात्रियों के लिए सुझाव
- हमेशा “अपग्रेडेशन के लिए सहमत” का विकल्प चुनें
- बोर्डिंग से 24 घंटे पहले SMS चेक करें
- IRCTC ऐप में अपडेटेड कोच मैप देखें
- बुजुर्गों के साथ यात्रा कर रहे हों तो लोअर बर्थ प्राथमिकता का चयन अवश्य करें

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय रेलवे की छवि
भारतीय रेलवे 3E का यह कदम सिर्फ घरेलू स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भी सराहा गया है। कई एशियाई देशों जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधिमंडल इन सुविधाओं का अध्ययन करने भारत आ चुके हैं।
क्यों है ये वैश्विक स्तर पर खास?
कम लागत में लग्जरी अनुभव: अन्य देशों में इस स्तर की सेवाएँ केवल VIP ट्रेनों में मिलती हैं।
Public Service में अपग्रेडेशन का मॉडल: अन्य राष्ट्र इसे अपनाने की सोच रहे हैं।
“Make in India” के तहत बने 3E और Vistadome कोच भारत की निर्माण क्षमता और डिज़ाइन प्रतिभा को भी दर्शाते हैं।
क्या और भी नए कोच आने वाले हैं?
रेल मंत्रालय 2025 तक तीन नई कोच श्रेणियाँ लाने की योजना पर काम कर रहा है:
1. Sleeper Vistadome Hybrid – जिसमें लंबी दूरी की नींद के साथ पैनोरमिक व्यू मिलेगा।
2. Smart Eco AC Coach – सौर ऊर्जा आधारित AC सिस्टम।
3. Women-Safe Coaches – विशेष सीसीटीवी, panic बटन और महिला सुरक्षाकर्मी के साथ।
यह नई पहल भारत की रेलवे को ग्लोबल बेंचमार्क तक पहुंचाने का रोडमैप है।
रेलवे स्टाफ की ट्रेनिंग और व्यवहार में सुधार
सिर्फ कोच बदलने से नहीं, मानव व्यवहार और सेवा दृष्टिकोण भी बदला गया है:
ट्रेन परिचालक (TTE) को नई ट्रेन श्रेणियों के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
अटेंडेंट्स को आतिथ्य कला (Hospitality) की ट्रेनिंग दी गई है।
‘No Tip Culture’ को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि यात्री बिना तनाव यात्रा करें।
चुनौतियाँ और समाधान
हर नई शुरुआत के साथ कुछ चुनौतियाँ भी आती हैं:
प्रमुख चुनौतियाँ:
कुछ स्टेशनों पर Vistadome कोच के लिए प्लेटफॉर्म की ऊँचाई पर्याप्त नहीं थी।
3E कोच के यात्रियों को कभी-कभी Blanket/Pillow की असुविधा।
तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से ऐप में अपग्रेडेशन की जानकारी समय पर न मिलना।
समाधान:
रेलवे ने इन बिंदुओं पर त्वरित कार्यवाही की है – विशेष प्लेटफॉर्म रैंप, अलग लॉजिस्टिक्स टीम और App अपडेट के ज़रिए इसे सुधारा गया है।
निष्कर्ष:
भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की गई 3E (थ्री-टियर इकोनॉमी) और Vistadome कोच जैसी नई श्रेणियाँ केवल यात्री सुविधाओं का विस्तार नहीं हैं, बल्कि यह भारत की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में एक क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक हैं।
ये कोच न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधा, सस्ती दरों और अत्याधुनिक तकनीक का अनुभव देते हैं, बल्कि रेलवे के दृष्टिकोण में आए परिवर्तन को भी दर्शाते हैं — जहां अब ग्राहक सेवा, अनुभव और संतुष्टि को प्राथमिकता दी जा रही है।
3E कोच गरीब और मध्यमवर्गीय यात्रियों को किफायती दरों पर AC सुविधा प्रदान कर एक नया विकल्प दे रहे हैं, वहीं Vistadome कोच भारत की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।
यह पहल सिर्फ यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक उन्नति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
रेल मंत्रालय की अपग्रेडेशन योजना न केवल कोच की गुणवत्ता बढ़ा रही है, बल्कि रेलवे कर्मचारियों की कार्यशैली, यात्री अनुभव, डिजिटलीकरण और स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय सुधार ला रही है।
यह परिवर्तन भारत के “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की परिकल्पना को साकार करता है।
इस योजना की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें आम जनता के अनुभव को केंद्र में रखा गया है — जहाँ हर यात्री को महत्त्व दिया गया है, न कि केवल VIP यात्रियों को। यह सोच ही भारतीय रेलवे को विश्व स्तर पर एक नई पहचान देने जा रही है।
अंततः, 3E और Vistadome कोच सिर्फ डिब्बे नहीं हैं — ये भारत के विकास, समावेशन और गर्व की गाड़ी के नए इंजन हैं। यदि यह पहल इसी गति से आगे बढ़ती रही,
तो निकट भविष्य में भारतीय रेलवे न केवल यात्रियों की पहली पसंद बनेगा, बल्कि वह विश्व का सबसे समावेशी और उन्नत सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क भी बन जाएगा।
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