81st IATA AGM 2025 Delhi: भारत की एविएशन डिप्लोमेसी का नया अध्याय

81st IATA AGM 2025 Delhi: भारत की एविएशन डिप्लोमेसी का नया अध्याय

Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp

81th IATA AGM 2025 in Delhi: भारत की वैश्विक उड़ान की नई शुरुआत!

भूमिका: विमानन का नया वैश्विक केंद्र – भारत

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

1 जून 2025 से नई दिल्ली में एक ऐसा सम्मेलन शुरू हुआ, जिसने भारत को वैश्विक विमानन मानचित्र पर और भी स्पष्ट रूप से उभारा।

IATA (International Air Transport Association) की 81वीं वार्षिक आम बैठक और World Air Transport Summit (WATS) का आयोजन पहली बार 42 वर्षों के बाद भारत में हो रहा है — यह महज़ एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत के उभरते हुए विमानन सामर्थ्य का प्रमाण है।

🇮🇳 क्यों खास है यह आयोजन भारत के लिए?

1983 के बाद पहली बार IATA AGM भारत में

भारत की मेज़बान एयरलाइन बनी IndiGo, देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन सेवा

आयोजन स्थल: भारत मंडपम, नई दिल्ली — देश का सबसे आधुनिक और विशाल कन्वेंशन सेंटर

1,700+ वैश्विक प्रतिनिधियों की भागीदारी — CEO, नीति निर्माता, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया

आयोजन स्थल: भारत मंडपम की भव्यता

जहाँ एक ओर IATA जैसे वैश्विक संगठन का भारत में आना गर्व की बात है, वहीं इसका आयोजन स्थल भी उतना ही भव्य है।

नई दिल्ली का भारत मंडपम, जिसे हाल ही में G20 सम्मेलन के लिए तैयार किया गया था, आज भारत के तकनीकी, सांस्कृतिक और राजनयिक शक्ति का परिचायक बन चुका है।

यहाँ के अत्याधुनिक सुविधाएं, सुरक्षा प्रबंध, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और हरित निर्माण तकनीकें इस सम्मेलन के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं।

सम्मेलन में कौन-कौन आए?

> “विमानन आज सिर्फ उड़ान नहीं है, यह देशों को जोड़ने का एक पुल है।”

सम्मेलन में दुनिया की प्रमुख एयरलाइनों जैसे Emirates, Lufthansa, Delta, United, Air France-KLM, Singapore Airlines के CEO उपस्थित हुए। साथ ही भारत की ओर से IndiGo, Air India, Akasa Air, Vistara जैसे प्रमुख ब्रांडों की भागीदारी रही।

सरकारी प्रतिनिधित्व में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री, DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) के वरिष्ठ अधिकारी और नीति निर्माता भी सम्मिलित हुए।

मुख्य विषयवस्तु और चर्चाएँ

1. भारत का विमानन भविष्य: 2030 तक कहाँ पहुँचेंगे हम?

भारत को 2030 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बनने की संभावना है। इसके लिए क्या ढांचा चाहिए? कहाँ निवेश करना होगा? और क्या भारत सिर्फ यात्री परिवहन तक सीमित रहेगा या वह वैश्विक कार्गो हब भी बनेगा — इन सवालों पर गहन चर्चा हुई।

2. नेट-ज़ीरो लक्ष्य: 2050 तक पर्यावरणीय संतुलन कैसे?

सतत विमानन ईंधन (SAF) का उत्पादन बढ़ाना

पुराने जहाज़ों को हटाकर ईंधन-कुशल तकनीक लाना

ग्रीन एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर बढ़ना

भारत की उड्डयन नीति में ‘हरित नीति’ को अनिवार्य बनाना

3. डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: AI और मशीन लर्निंग की भूमिका

IATA और भागीदार कंपनियों ने बताया कि कैसे AI का उपयोग एयर ट्रैफिक कंट्रोल, टिकटिंग सिस्टम, फ्यूल मैनेजमेंट, और ग्राहक सेवा में बदलाव ला रहा है। भारतीय विमानन भी अब इन प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए तैयार है।

🇮🇳 भारत की तैयारी: केवल मेज़बानी नहीं, नेतृत्व की ओर क़दम

भारत ने हाल ही में कई बड़े विमान ऑर्डर दिए हैं, जो बताता है कि हम सिर्फ ‘मार्केट’ नहीं, बल्कि ‘निर्माता’ और ‘निवेशक’ भी बन रहे हैं।

भारत के प्रमुख विमानन निवेश:

Air India: 470 नए विमान (Airbus + Boeing)

IndiGo: 500 Airbus A320neo का ऑर्डर — दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल ऑर्डर

Akasa Air: Boeing के साथ 150 विमानों की डील

भारत का आर्थिक लाभ: क्यों जरूरी है ऐसा आयोजन?

इस प्रकार के आयोजन से केवल ब्रांडिंग नहीं होती, बल्कि आर्थिक और राजनयिक लाभ भी होता है:

1000+ होटल बुकिंग, स्थानीय टैक्सी और ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा

MSME वेंडरों को सेवा देने का अवसर

देश की छवि में भरोसे और स्थायित्व की भावना का संचार

सुरक्षा, नीतियाँ और अंतरराष्ट्रीय सहयोग

IATA AGM के दौरान भारत ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी रखा — “एक वैश्विक उड़ान सुरक्षा साझा मंच”, जहाँ सभी देश विमान दुर्घटनाओं की सूचनाएं, डिज़ाइन दोष और AI आधारित पूर्वानुमान साझा करें। इससे सुरक्षित, भरोसेमंद और पारदर्शी वैश्विक उड़ान नेटवर्क बन सकेगा।

81st IATA AGM 2025 Delhi: भारत की एविएशन डिप्लोमेसी का नया अध्याय
81st IATA AGM 2025 Delhi: भारत की एविएशन डिप्लोमेसी का नया अध्याय
वैश्विक एयरलाइनों की भारत से अपेक्षाएँ

भारत अब ‘केवल गंतव्य’ नहीं रहा, बल्कि हब बनने की दिशा में अग्रसर है। सम्मेलन में यह सुझाव दिए गए:

भारत के MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) सेक्टर को वैश्विक निवेश के लिए खोला जाए।

विमानन सेक्टर में GST सुधार हों

एयरपोर्ट शुल्कों को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जाए

भारत की घरेलू विमानन नीति और AGM से जुड़ी दिशा

IATA सम्मेलन के दौरान भारत सरकार ने नागर विमानन क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कई नए नीतिगत संकेत दिए, जिनमें मुख्य बिंदु थे:

1. ‘UDAN स्कीम’ का विस्तार

भारत की UDAN (Ude Desh ka Aam Nagrik) योजना ने छोटे शहरों को विमान सेवाओं से जोड़ा है। AGM के दौरान चर्चा हुई कि:

UDAN को और 200 नए रूट्स तक बढ़ाया जाएगा

निजी कंपनियों को प्रोत्साहन देने के लिए सब्सिडी मॉडल में सुधार किया जाएगा

Tier 2 और Tier 3 शहरों को हवाई मानचित्र में प्राथमिकता दी जाएगी

2. एयर कार्गो और लॉजिस्टिक्स में भारत की भूमिका

IATA सम्मेलन में भारत ने एयर कार्गो के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता जताई:

भारत सरकार ने कहा कि वह लॉजिस्टिक्स लागत को 14% से घटाकर 8% लाने की दिशा में काम कर रही है

‘PM Gati Shakti’ योजना को हवाई लॉजिस्टिक्स से जोड़ा जाएगा

ई-कॉमर्स कंपनियों को हवाई मार्ग से कार्गो भेजने में टैक्स छूट और डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ मिलेगा

तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप भागीदारी

भारत के तेजी से बढ़ते एविएशन टेक स्टार्टअप सेक्टर ने भी IATA मंच पर जगह बनाई। जैसे:

स्टार्टअप उदाहरण:

1. Skye Air Mobility – ड्रोन-आधारित डिलीवरी सिस्टम

2. AirWhizz – AI आधारित ट्रैवल प्लानिंग

3. IndiGrid Tech – हवाई ट्रैफिक के लिए स्मार्ट ग्रिड सिस्टम

इन स्टार्टअप्स को वैश्विक निवेशकों के सामने प्रस्तुत किया गया, और कुछ ने प्राथमिक निवेश प्रस्ताव भी प्राप्त किए।

विज्ञान, सुरक्षा और स्थायित्व के आयाम

जलवायु परिवर्तन और विमानन

AGM में यह स्वीकार किया गया कि विमानन क्षेत्र वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग 2.5% योगदान करता है। इसे कम करने के लिए:

Sustainable Aviation Fuel (SAF) को बढ़ावा दिया जाएगा

भारत में SAF उत्पादन के लिए जैविक अपशिष्ट, बायोमास पर आधारित संयंत्रों को सहायता दी जाएगी

DGCA द्वारा एक ‘ग्रीन पॉलिसी मैट्रिक्स’ लागू किया जाएगा जिसमें हर एयरलाइन की हरित रेटिंग होगी

साइबर सुरक्षा और यात्री डेटा संरक्षण

डिजिटलाइजेशन के बढ़ते युग में, AGM में साइबर सुरक्षा भी मुख्य चर्चा रही:

IATA ने एक “Global Aviation Cyber Protocol (GACP)” की घोषणा की

भारत ने DGCA के तहत एक एयरलाइन साइबर रेस्पॉन्स यूनिट के गठन की बात कही

यात्रियों के डेटा प्राइवेसी के लिए GDPR-समान भारतीय ढांचा बनाने की आवश्यकता जताई गई

रोजगार और स्किल डेवलपमेंट: भारत को कैसे लाभ?

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से भारत के युवा वर्ग और तकनीकी पेशेवरों को विशेष लाभ मिल सकता है:

योजनाएँ और घोषणाएँ:

‘IndiGo Academy of Aviation Leadership’ हर साल 5000 पायलट, ग्राउंड स्टाफ और टेक्निकल इंजीनियर तैयार करेगी

Skill India योजना के तहत हवाई क्षेत्र के लिए अलग से कौशल पाठ्यक्रम बनाए जाएंगे

भारत के विश्वविद्यालयों में Aviation Management के लिए IATA द्वारा सर्टिफाइड पाठ्यक्रम की शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय साझेदारियाँ और भारत का नया स्थान

भारत ने किन देशों से साझेदारी की?

1. फ्रांस – हवाई ईंधन टेक्नोलॉजी में सहयोग

2. अमेरिका – पायलट ट्रेनिंग और ATC मैनेजमेंट के क्षेत्र में समझौता

3. सिंगापुर – स्मार्ट एयरपोर्ट डिजाइन और डिजिटल यात्री सेवा

4. UAE – कार्गो हब नेटवर्क निर्माण में निवेश प्रस्ताव

इन सहयोगों से भारत के एयरपोर्ट्स ‘स्मार्ट हब्स’ बन सकते हैं — जैसे दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु और आने वाले जेवर एयरपोर्ट।

सम्मेलन में बोले प्रमुख लोग

Willie Walsh (IATA के महानिदेशक):

<“भारत इस दशक का सबसे बड़ा विमानन अवसर है। अगर नीतियाँ सही रहीं, तो भारत न केवल उड़ान भरेगा, बल्कि दिशा भी तय करेगा।”

81st IATA AGM 2025 Delhi: भारत की एविएशन डिप्लोमेसी का नया अध्याय
81st IATA AGM 2025 Delhi: भारत की एविएशन डिप्लोमेसी का नया अध्याय

Pieter Elbers (CEO, IndiGo):

> “IndiGo को यह गर्व है कि वह दुनिया के सबसे बड़े एविएशन सम्मेलनों में से एक की मेज़बानी कर रही है। यह भारत की क्षमताओं का उत्सव है।”

भारत का एविएशन इतिहास: कहाँ से कहाँ

1911: भारत की पहली हवाई उड़ान

18 फरवरी 1911 को इलाहाबाद से नैनी के बीच पहली बार हवाई डाक सेवा शुरू हुई।

उस दौर से लेकर आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू एविएशन बाजार बन चुका है।

1991 के बाद तेज़ रफ्तार विकास

उदारीकरण के बाद निजी एयरलाइंस जैसे Jet Airways, IndiGo, SpiceJet का आगमन हुआ।

2014 के बाद UDAN योजना और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी ने गांवों तक विमान पहुँचाया।

अब भारत सिर्फ ग्राहक नहीं, निर्माता भी:

भारत अब ड्रोन निर्माण, एयरपोर्ट डिज़ाइन, एविएशन सॉफ्टवेयर जैसे क्षेत्रों में निर्यातक भी बन चुका है।

MRO सेक्टर को AGM से क्या लाभ मिला?

MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) वो सेक्टर है जो विमानों की मरम्मत, रखरखाव और तकनीकी जांच करता है।

AGM में भारत के लिए घोषित प्रमुख घोषणाएँ:

1. IATA का “South Asia MRO Task Force” का गठन – इसका मुख्यालय भारत में होगा।

  1. भारत सरकार ने MRO क्षेत्र को 100% FDI के लिए खोलने का प्रस्ताव रखा।

  2. कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए GST दर 18% से घटाकर 5% करने की सिफारिश।

  3. Airbus और Boeing ने भारत में संयुक्त MRO यूनिट स्थापित करने में रुचि दिखाई।

इसका लाभ:

भारत विदेशी विमानों के लिए भी MRO हब बन सकता है।

लाखों नए रोजगार और तकनीकी संस्थानों के लिए ट्रेनिंग अवसर।

विमानों की डील्स और एयरलाइंस की योजनाएं

AGM 2025 के दौरान भारत की प्रमुख एयरलाइंस ने भविष्य की योजनाओं का ऐलान किया:

IndiGo:

Airbus से 300 नए A320 विमानों की खरीद पर चर्चा।

10 सालों में डबल फ्लाइट क्षमता का लक्ष्य।

Air India:

Boeing और Airbus दोनों से कुल 470 विमानों की डील को अंतिम रूप देने की जानकारी साझा की।

Premium international lounges और world-class in-flight experiences का वादा।

Akasa Air:

एशिया के सबसे युवा बेड़े के रूप में अपनी पहचान बना रही है।

ग्लोबल नेटवर्क एक्सपैंशन की योजना, जिसमें West Asia, Africa, और SEA देश शामिल।

महिला सशक्तिकरण और CSR की नई पहल

IATA AGM 2025 में भारत ने “Women in Aviation India Charter” की शुरुआत की।

लक्ष्य:

हर एयरलाइंस में कम से कम 30% महिला प्रतिनिधित्व का लक्ष्य 2030 तक

महिला पायलट, ATC, इंजीनियरिंग, ग्राउंड स्टाफ और प्रबंधन में प्रशिक्षण

CSR योजनाओं में गरीब छात्राओं को एविएशन स्कॉलरशिप

इंटरनेशनल सराहना:

ICAO, FAA, और अन्य निकायों ने भारत की इस पहल को दूसरे देशों के लिए मॉडल बताया।

निष्कर्ष: IATA AGM 2025 – भारत की उड़ान, दुनिया की पहचान

1 से 3 जून, 2025 तक दिल्ली में आयोजित 81वां IATA Annual General Meeting (AGM) न केवल एक वैश्विक सम्मेलन था, बल्कि भारत के उड्डयन इतिहास में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ।

यह आयोजन 1983 के बाद पहली बार भारत में हुआ और इसने यह संदेश दिया कि भारत अब केवल एक बाजार नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की ओर अग्रसर है।

भारत को क्या मिला?

भारत की अंतरराष्ट्रीय एविएशन डिप्लोमेसी को नई ऊँचाई मिली।

देश के MRO सेक्टर, हरित विमानन तकनीक, और UDAN जैसी योजनाओं को वैश्विक मान्यता मिली।

महिला सशक्तिकरण, CSR और क्षेत्रीय संपर्क जैसे मुद्दों पर भारत के मॉडल की सराहना हुई।

भारत ने IATA जैसे संगठन को अपनी नीतियों, नवाचारों और दृष्टिकोण से प्रभावित किया।

वैश्विक दृष्टिकोण से महत्व:

भारत ने दुनिया को यह दिखाया कि वह केवल उड़ानों का गंतव्य नहीं, बल्कि एविएशन इनोवेशन का केन्द्र बन सकता है।

भारत ने जलवायु संकट को समझते हुए ग्रीन एविएशन की पहल को बढ़ावा दिया, जो भविष्य की जरूरत है।

दिल्ली ने न केवल एयरलाइंस, बल्कि सरकारों, नीति निर्माताओं और उद्योगपतियों के बीच एक पुल का कार्य किया।

आगे की दिशा:

भारत अब IATA और ICAO जैसे निकायों में अहम भूमिका निभाएगा।

आने वाले वर्षों में भारत में 100 से अधिक नए हवाई अड्डे, 500+ नए विमान, और 1 मिलियन से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है।

Airbus, Boeing, और अन्य कंपनियाँ अब भारत को MRO, निर्माण और अनुसंधान के लिए अगला हब मान रही हैं।

> “IATA AGM 2025 ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत केवल उड़ान भरने वाला देश नहीं है, बल्कि वह दिशा तय करने वाला पायलट भी बन चुका है।”

यह सम्मेलन भारत की एक नई वैश्विक पहचान का आरंभ है – जहाँ तकनीक, नीति और जनता का समन्वय मिलकर एक ऐसी उड़ान भरता है जो केवल ऊँचाई नहीं, दिशा भी तय करता है।


Discover more from Aajvani

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
Picture of Sanjeev

Sanjeev

Hello! Welcome To About me My name is Sanjeev Kumar Sanya. I have completed my BCA and MCA degrees in education. My keen interest in technology and the digital world inspired me to start this website, “Aajvani.com.”

Leave a Comment

Top Stories

Index

Discover more from Aajvani

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading