Tardigrade: वह माइक्रो जीव जो –272°C और 150°C तक भी जीवित रह सकता है

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Tardigrade: जानिए कैसे एक सूक्ष्म जीव अंतरिक्ष और विकिरण में भी जिंदा बचा!

🔹 परिचय – जब विज्ञान भी हैरान रह गया!

क्या आप जानते हैं कि इस धरती पर एक ऐसा जीव भी मौजूद है जो –272°C की कड़क ठंड से लेकर 150°C की झुलसाने वाली गर्मी में भी ज़िंदा रह सकता है? जो रेडिएशन, वैक्यूम, दबाव, और यहाँ तक कि अंतरिक्ष की यात्रा से भी सुरक्षित लौट आया?

यह कोई कहानी नहीं, बल्कि सच्चाई है — और इस नन्हे से जीव का नाम है टार्डिग्रेड (Tardigrade), जिसे प्यार से Water Bear (पानी का भालू) या Moss Piglet (काई का सूअर) कहा जाता है।

🔹 टार्डिग्रेड कौन है? (What is a Tardigrade?)

टार्डिग्रेड एक सूक्ष्म बहुकोशिकीय जीव है जो आकार में लगभग 0.05 मिलीमीटर से 1.2 मिलीमीटर तक होता है। इसे देखने के लिए आपको माइक्रोस्कोप की ज़रूरत पड़ती है। यह आमतौर पर काई, गीली मिट्टी, समुद्री पानी या झीलों के तल में पाया जाता है।

इसका नाम “Tardigrade” लैटिन के दो शब्दों से बना है: ‘Tardus’ (धीमा) + ‘Gradus’ (चलने वाला), यानी “धीरे चलने वाला।”

इसका शरीर गोल-मटोल होता है, और इसमें चार जोड़े पैर होते हैं जिनके सिरे पर छोटे-छोटे पंजे (claws) होते हैं।

इन्हीं पैरों की वजह से यह “भालू की तरह चलता” हुआ दिखता है — इसलिए इसका नाम पड़ा “Water Bear।”

Tardigrade: वह माइक्रो जीव जो –272°C और 150°C तक भी जीवित रह सकता है
Tardigrade: वह माइक्रो जीव जो –272°C और 150°C तक भी जीवित रह सकता है

🔹 टार्डिग्रेड की संरचना (Structure of Tardigrade)

टार्डिग्रेड के शरीर को तीन भागों में बाँटा जा सकता है —

1. सिर (Head)

2. धड़ (Trunk)

3. पैर (Legs)

इसमें कोई हड्डी नहीं होती। इसका शरीर काइटिन जैसी बाहरी परत से ढका होता है जो सुरक्षा कवच की तरह काम करती है।
इसके मुँह में स्टाइलेट्स (stylets) नामक सुई जैसे उपकरण होते हैं, जिनकी मदद से यह अपने भोजन (काई या पौधों की कोशिकाएँ) चूसता है।

इसके अंदर एक साधारण पाचन तंत्र, नस तंत्र और प्रजनन तंत्र होता है, लेकिन कोई श्वसन तंत्र नहीं — यह ऑक्सीजन सीधे अपने शरीर की दीवार से अवशोषित करता है।

🔹 जीवन-चक्र (Life Cycle of Tardigrade)

टार्डिग्रेड अंडों के माध्यम से प्रजनन करता है। इन अंडों पर सुंदर पैटर्न होते हैं जो हर प्रजाति में अलग-अलग दिखाई देते हैं।
अंडे से निकलने के बाद छोटा टार्डिग्रेड लगभग अपने वयस्क रूप जैसा ही होता है।

जीवन काल सामान्य रूप से कुछ महीनों का होता है, लेकिन जब यह क्रिप्टोबायोसिस (Cryptobiosis) अवस्था में चला जाए,
तो यह दशकों तक जीवित रह सकता है।

🔹 क्रिप्टोबायोसिस – मृत्यु के बाद भी जीवन

यह टार्डिग्रेड की सबसे अनोखी क्षमता है। जब वातावरण में पानी खत्म हो जाए, या तापमान बहुत बढ़ या घट जाए, तो यह जीव अपने शरीर को एक गेंद की तरह समेट लेता है, अपने पैर अंदर खींच लेता है और निष्क्रिय हो जाता है।

इस अवस्था को कहते हैं Cryptobiosis या Tun State। इस स्थिति में इसका मेटाबॉलिज्म (Metabolism) लगभग शून्य हो जाता है
यानि यह “जीवित होते हुए भी मर जाता है।” जब फिर से पानी या अनुकूल वातावरण मिलता है, तो यह वापस जाग जाता है, जैसे कोई नींद से उठ रहा हो।

🔹 टार्डिग्रेड की सुपरपावर: यह किन परिस्थितियों में जीवित रह सकता है?

परिस्थिति                            सहनशीलता

अत्यधिक ठंड                     –272°C तक
अत्यधिक गर्मी                150°C तक
रेडिएशन (Radiation)   1000 गुना अधिक जितना मनुष्य झेल सकता है
स्पेस वैक्यूम                  अंतरिक्ष में 10 दिन तक जीवित रहा
निर्जलीकरण (Dehydration)  30 साल तक बिना पानी
उच्च दबाव (High Pressure)  समुद्र की गहराई से भी 6 गुना ज़्यादा दबाव सहन किया
रासायनिक तनाव             कई जहरीले तत्वों को झेल सकता है

🔹 टार्डिग्रेड की “अमरता” का रहस्य क्या है?

टार्डिग्रेड के शरीर में कुछ ऐसे विशेष प्रोटीन पाए गए हैं, जो इसे “अमर” बनाते हैं:

1. Dsup (Damage Suppressor Protein)

यह DNA को रेडिएशन या विकिरण से होने वाले नुकसान से बचाता है।

2. CAHS, MAHS, SAHS प्रोटीन

ये शरीर की कोशिकाओं को सूखने और जमने से बचाते हैं।

3. Trehalose Sugar

यह एक प्राकृतिक एंटी-फ्रीज़ की तरह काम करता है, जिससे कोशिकाएँ ठंड में भी नहीं फटतीं।

4. DNA Repair Mechanism
अगर DNA को नुकसान पहुँच जाए, तो यह जीव स्वयं उसकी मरम्मत कर सकता है — जो अब तक केवल कुछ ही जीवों में देखा गया है।

🔹 अंतरिक्ष में टार्डिग्रेड का प्रयोग (Tardigrade in Space)

2007 में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने “TARDIS Mission” के तहत टार्डिग्रेड्स को FOTON-M3 सैटेलाइट से अंतरिक्ष में भेजा।

वहाँ उन्होंने 12 दिन तक स्पेस वैक्यूम, रेडिएशन, और –270°C तापमान झेला। वापस लौटने पर उनमें से अधिकांश जीवित पाए गए
यह पहला मौका था जब कोई बहुकोशिकीय जीव अंतरिक्ष में जीवित पाया गया।

NASA ने भी 2021 में टार्डिग्रेड्स को ISS (International Space Station) पर भेजा, जहाँ वैज्ञानिकों ने पाया कि यह जीव माइक्रोग्रेविटी और विकिरण दोनों में अपनी संरचना को बनाए रख सकता है।

🔹 टार्डिग्रेड कैसे खाता है? (Feeding Habits)

टार्डिग्रेड पौधों की कोशिकाओं या सूक्ष्म शैवाल से पोषण लेता है। इसके मुँह में “स्टाइलेट” नामक दो सुइयाँ होती हैं, जिनसे यह पौधों की कोशिकाओं को छेदकर उनका रस चूसता है।

कुछ टार्डिग्रेड मांसाहारी भी होते हैं — वे छोटे जीवाणुओं या दूसरे टार्डिग्रेड्स को खा लेते हैं।

🔹 टार्डिग्रेड की प्रजातियाँ (Species of Tardigrade)

अब तक वैज्ञानिक लगभग 1300 से अधिक प्रजातियों की पहचान कर चुके हैं। इनमें से कुछ समुद्री हैं, कुछ स्थलीय, और कुछ मीठे पानी में रहती हैं।

मुख्य वर्ग (Phylum) – Tardigrada

इसके तीन प्रमुख उपवर्ग हैं:

1. Eutardigrada – मीठे पानी में पाई जाने वाली प्रजातियाँ

2. Heterotardigrada – समुद्री या नम वातावरण की प्रजातियाँ

3. Mesotardigrada – दुर्लभ प्रजाति (केवल जापान में पाई गई)

🔹 क्यों कहा जाता है इसे “अमर जीव”?

वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो टार्डिग्रेड सचमुच “अमर” नहीं है,

लेकिन यह मृत्यु को टालने की क्षमता रखता है।

जब स्थिति ख़राब हो, तो यह निष्क्रिय होकर अपने अस्तित्व को “रोक” देता है।

जब स्थिति सुधरती है, तो यह दोबारा “सक्रिय” हो जाता है।

इस तरह यह समय, तापमान, और मृत्यु – तीनों को चुनौती देता है।

🔹 मानव जीवन में संभावनाएँ (Applications of Tardigrade Research)

🔸 1. Space Research

टार्डिग्रेड के अध्ययन से यह समझने में मदद मिल रही है कि जीवन दूसरे ग्रहों पर कैसे टिक सकता है।

🔸 2. Medical Science

Dsup प्रोटीन की मदद से कैंसर रेडिएशन थेरेपी में DNA को नुकसान से बचाने के तरीके खोजे जा रहे हैं।

🔸 3. Agriculture & Biotechnology

टार्डिग्रेड के “सुखा-रोधी” जीन का उपयोग सूखा-प्रतिरोधी फसलें विकसित करने में किया जा सकता है।

🔸 4. Cryonics & Space Survival

इसकी “फ्रीज़ एंड रिवाइव” क्षमता भविष्य में लंबे अंतरिक्ष मिशनों या मानव क्रायोनिक्स (सर्दी में संरक्षण) के लिए प्रेरणा दे सकती है।

🔹 दिलचस्प तथ्य (Amazing Facts about Tardigrades)

1️⃣ टार्डिग्रेड पृथ्वी के हर कोने में पाया जाता है — पहाड़ों की चोटियों से लेकर गहरे समुद्र तक।

2️⃣ यह लगभग 60 मिलियन साल पुराना जीव है।

3️⃣ टार्डिग्रेड्स डायनासोर के जमाने से अब तक मौजूद हैं।

4️⃣ इनके शरीर में कोई रक्त नहीं होता।

5️⃣ यह बिना ऑक्सीजन के भी कुछ समय तक जीवित रह सकता है।

6️⃣ वैज्ञानिकों ने टार्डिग्रेड का DNA मनुष्य के DNA में भी डाला — ताकि उसकी सहनशीलता समझी जा सके।

Tardigrade: वह माइक्रो जीव जो –272°C और 150°C तक भी जीवित रह सकता है
Tardigrade: वह माइक्रो जीव जो –272°C और 150°C तक भी जीवित रह सकता है

🔹 टार्डिग्रेड और पृथ्वी से बाहर जीवन की खोज

टार्डिग्रेड की अविश्वसनीय क्षमताएँ यह संकेत देती हैं कि जीवन सिर्फ पृथ्वी तक सीमित नहीं है। अगर कोई जीव अंतरिक्ष जैसी कठोर परिस्थितियों में जीवित रह सकता है, तो संभव है कि मंगल, यूरोपा (बृहस्पति का चंद्रमा) या एनसेलेडस (शनि का चंद्रमा) पर भी जीवन के अंश मौजूद हों।

FAQs: टार्डिग्रेड (Water Bear) से जुड़े सामान्य प्रश्न

1. टार्डिग्रेड क्या है?

टार्डिग्रेड एक सूक्ष्म जीव है जिसे Water Bear या Moss Piglet भी कहा जाता है। यह एक ऐसा प्राणी है जो अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जीवित रह सकता है।

2. टार्डिग्रेड को अमर क्यों कहा जाता है?

टार्डिग्रेड “क्रिप्टोबायोसिस” (Cryptobiosis) नामक अवस्था में चला जाता है, जिसमें इसका पूरा शरीर लगभग मृत-सा हो जाता है — लेकिन DNA सुरक्षित रहता है। सही परिस्थितियों में आने पर यह फिर से जीवित हो जाता है, इसी कारण इसे “अमर जीव” कहा जाता है।

3. टार्डिग्रेड किस तापमान में जीवित रह सकता है?

यह लगभग –272°C (अंतरिक्ष जैसी ठंड) से लेकर 150°C (अत्यधिक गर्मी) तक के तापमान में भी जीवित रह सकता है।

4. क्या टार्डिग्रेड अंतरिक्ष में जीवित रह सकता है?

हाँ, 2007 में वैज्ञानिकों ने इसे स्पेस में भेजा था। आश्चर्यजनक रूप से यह वहाँ के वैक्यूम, विकिरण और शून्य ऑक्सीजन जैसी परिस्थितियों में भी जीवित रहा।

5. टार्डिग्रेड कितना बड़ा होता है?

टार्डिग्रेड का आकार लगभग 0.3 से 0.5 मिलीमीटर होता है — यानी यह केवल माइक्रोस्कोप से ही दिखाई देता है।

6. टार्डिग्रेड कहाँ पाया जाता है?

यह पानी, काई, मिट्टी, हिम, समुद्र और यहाँ तक कि गर्म झरनों में भी पाया जा सकता है। जहाँ भी थोड़ी नमी होती है, वहाँ टार्डिग्रेड मिल सकता है।

7. टार्डिग्रेड क्या खाता है?

यह पौधों की कोशिकाओं, शैवाल (Algae) और बैक्टीरिया को अपना भोजन बनाता है।

8. Tardigrade कितने समय तक जीवित रह सकता है?

सामान्य परिस्थितियों में कुछ महीने से लेकर कुछ वर्ष तक, लेकिन “क्रिप्टोबायोसिस” अवस्था में यह दशकों या सैकड़ों साल तक भी निष्क्रिय रह सकता है।

9. Tardigrade का वैज्ञानिक नाम क्या है?

इसका वैज्ञानिक नाम Tardigrada है। यह एनिमेलिया (Animalia) जगत और Tardigrada फाइलम का सदस्य है।

10. क्या Tardigrade मानव शरीर में जीवित रह सकता है?

नहीं, टार्डिग्रेड केवल नमी वाले बाहरी वातावरण में जीवित रहता है। मानव शरीर में इसके जीवित रहने की कोई संभावना नहीं है।

11. Tardigrade का अध्ययन क्यों किया जाता है?

वैज्ञानिक इसका अध्ययन इसलिए करते हैं क्योंकि यह चरम परिस्थितियों में जीवित रहने की अद्भुत क्षमता रखता है। भविष्य में यह अंतरिक्ष अनुसंधान और जैव-प्रौद्योगिकी (Biotechnology) में मददगार साबित हो सकता है।

12. क्या Tardigrade पृथ्वी पर सबसे मजबूत जीव है?

हाँ, Tardigrade को पृथ्वी का सबसे सहनशील (Resilient) जीव माना जाता है। यह विकिरण, सूखा, ठंड, गर्मी और अंतरिक्ष के शून्य दाब में भी जीवित रह सकता है।

निष्कर्ष : Tardigrade — प्रकृति का सबसे अद्भुत चमत्कार

Tardigrade, जिसे प्यार से “Water Bear” कहा जाता है, धरती पर जीवन की सीमाओं को चुनौती देने वाला जीव है। यह न तो तापमान से डरता है, न विकिरण से, और न ही अंतरिक्ष के शून्य वातावरण से। इसकी क्रिप्टोबायोसिस (Cryptobiosis) क्षमता इसे अन्य सभी जीवों से अलग बनाती है।

जहाँ अधिकांश जीव अत्यधिक परिस्थितियों में तुरंत मर जाते हैं, वहीं टार्डिग्रेड दशकों तक निष्क्रिय रहकर भी सही वातावरण मिलते ही पुनः जीवित हो जाता है।

यह गुण इसे “अमर जीव” का दर्जा दिलाता है।

वैज्ञानिक इसके अध्ययन से यह समझना चाहते हैं कि कैसे इसका DNA, प्रोटीन और कोशिकाएँ इतनी मजबूती से सुरक्षित रह पाती हैं।

भविष्य में इस ज्ञान का उपयोग जलवायु परिवर्तन, अंतरिक्ष अनुसंधान, और मानव जीवन की दीर्घायु बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है।

इस प्रकार, Tardigrade सिर्फ एक सूक्ष्म जीव नहीं, बल्कि प्रकृति का वह रहस्य है जिसने विज्ञान को नई दिशा दी है। यह हमें यह सिखाता है कि जीवन हमेशा रास्ता ढूंढ ही लेता है — चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठोर क्यों न हों।

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Parveen Kumar

Hello! Welcome To About me My name is Parveen Kumar Sniya. I have completed my B.Tech degrees in education. I Working last 4 years Digital Plaform like as Youtube,Facebook, Blogging etc.

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