ज्ञानेश कुमार बने नए मुख्य चुनाव आयुक्त, जानिए उनकी चुनौतियां !
17 फरवरी 2025 को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति ने सर्वसम्मति से चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के रूप में नियुक्त किया। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की है।
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Toggleशैक्षिक पृष्ठभूमि और प्रारंभिक करियर:
27 जनवरी 1964 को ज्ञानेश कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश मे हुआ था. इन्होने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की है।
इसके बाद , उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया (ICFAI) से बिजनेस फाइनेंस में अध्ययन किया और बाद मे हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पर्यावरण अर्थशास्त्र में पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री हासिल भी की।
और उनके पिता, डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता, एक रेडियोलॉजिस्ट थे, और इनके दादा स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने बाद में आगरा में प्रिंसिपल के रूप में सेवा दी। Read more…

प्रशासनिक अनुभव:
1988 बैच के केरल कैडर मे आईएएस ( IAS ) अधिकारी के रूप में थे , ज्ञानेश कुमार ने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है:
रक्षा मंत्रालय (2007-2012): ये संयुक्त सचिव (डिफेंस प्रोडक्शन) के रूप में थे , और बाद मे उन्होंने रक्षा उत्पादन से संबंधित मामलों में महत्वपूर्ण भी भूमिका निभाई थी |
गृह मंत्रालय: उन्होंने जम्मू-कश्मीर मामलों को संभाला और अनुच्छेद 370 के हटाने के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी |
और साथ ही, इन्होने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में भी योगदान दिया।
सहकारिता मंत्रालय: सचिव के रूप में, उन्होंने सहकारी क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए नीतिगत निर्णयों में भी बड़ा योगदान दिया। उनके कार्यकाल के दौरान, Multi-State Cooperative Societies (Amendment) Act, 2023 को लागू किया गया और साथ ही तीन नई सहकारी संस्थाओं की स्थापना हुई।
संसदीय कार्य मंत्रालय: ये सचिव पद पर रहते हुए भी , इन्होंने संसदीय प्रक्रियाओं और विधायी कार्यों में एक बड़ा महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।
केरल राज्य में: उन्होंने एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर और केरल राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक जैसे पदों पर कार्य भी किया है ।
चुनाव आयोग में भूमिका:
15 मार्च 2024 को, ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्त के रूप में अपना कार्यभार संभाला। उनकी नियुक्ति के बाद इन्होने विभिन्न चुनावी प्रक्रियाओं में सक्रिय भूमिका निभाई और चुनावी सुधारों में योगदान दिया।
आगामी चुनौतियाँ:
ये मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में, इनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। इस कार्यकाल में रहते हुए , इन्हे कई महत्वपूर्ण चुनावों की देखरेख करनी होगी:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: ये उनकी सबसे पहली और सबसे बड़ी परीक्षा होगी, जहां उन्हें निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करना होगा।
विधानसभा चुनाव 2026: केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और असम में चुनाव आयोजित होंगे।
विधानसभा चुनाव 2027: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब, गोवा, हिमाचल प्रदेश और मणिपुर में चुनाव होंगे।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव 2027: इन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पदों के लिए चुनाव आयोजित करना इनकी बड़ी जिम्मेदारी होगी।
विधानसभा चुनाव 2028: मेघालय, नागालैंड, तेलंगाना, त्रिपुरा और कर्नाटक में चुनाव होंगे।
विधानसभा चुनाव 2029: मध्य प्रदेश, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव आयोजित होंगे।
निजी जीवन:
अपने व्यस्त प्रशासनिक करियर के बावजूद, ज्ञानेश कुमार ने शिक्षा और सामाजिक विकास के क्षेत्रों में भी अपना अच्छा योगदान दिया है। उनकी नेतृत्व क्षमता और नीतिगत समझ ने उन्हें एक प्रभावशाली प्रशासक के रूप में स्थापित किया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner – CEC) की जानकारी
भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) चुनाव आयोग का प्रमुख होता है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी निभाता है। इस संवैधानिक पद को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्थापित किया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त की भूमिका और जिम्मेदारियां
मुख्य चुनाव आयुक्त भारत में लोकसभा और राज्यसभा और विधानसभाओं और राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनावों को निष्पक्ष रूप से संचालित करने के लिए ये जिम्मेदार होता है। इसकी प्रमुख जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:
• चुनाव की योजना और संचालन: ये भारत में होने वाले चुनावों की तिथि तय करता है और ये सुचारू रूप से चुनाव करवाते है ।
• चुनावी प्रक्रियाओं की निगरानी: इनको मतदान केंद्रों की सुरक्षा तथा चुनावी प्रक्रिया का डिजिटलीकरण तथा ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग सुनिश्चित करना होता है ।
• चुनावी आचार संहिता लागू करना: इनको राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए चुनावी आचार संहिता (MCC) का पालन करवाना होता है।
• मतदाता सूची का प्रबंधन: इनका काम नए मतदाताओं को जोड़ना तथा मृत व्यक्तियों के नाम हटाना और मतदाता पहचान पत्र (EPIC) जारी करना होता है |
• राजनीतिक दलों का पंजीकरण और मान्यता: नए राजनीतिक दलों को पंजीकृत करना और उनके चुनाव चिह्न आवंटित करना।
• चुनाव में धन और प्रचार पर निगरानी: ये चुनावी खर्च की सीमा तय करते है और अवैध फंडिंग को भी रोकते है ।
• निष्पक्षता बनाए रखना: ये किसी भी प्रकार की धांधली तथा पक्षपात और भ्रष्टाचार को रोकना है । Click here

चुनाव आयोग की संरचना
भारत का चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है इसमें तीन सदस्य होते हैं:
• मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) – प्रमुख पदाधिकारी
• दो चुनाव आयुक्त (ECs) – सहायक सदस्य
• वर्तमान में ज्ञानेश कुमार, ये भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त हैं।
• चुनाव आयोग के अन्य दो सदस्य अनुपम चंद्र पांडे और अरुण गोयल हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति और कार्यकाल
• नियुक्ति: CEC की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री और चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है।
• कार्यकाल: CEC का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो पहले आए) तक होता है।
• हटाने की प्रक्रिया: CEC को सिर्फ संसद के महाभियोग (impeachment) द्वारा ही हटाया जा सकता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त को मिलने वाली सुविधाएँ
• सरकारी आवास और गाड़ी: इनको सरकार द्वारा बंगला और साथ ही सुरक्षा मुहैया भी कराई जाती है।
• वेतन: इनका वेतन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर होता है इनका वेतन लगभग 2.50 लाख रुपये प्रति माह होता है |
* अन्य सुविधाएं: इनको सचिवालय और स्टाफ तथा सरकारी हवाई यात्रा और चिकित्सा और अन्य सुविधा भी मिलती है |
निष्कर्ष:
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में, ज्ञानेश कुमार के सामने निष्पक्ष तथा स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने की ये एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उनका विस्तृत प्रशासनिक अनुभव और दृढ़ संकल्प उन्हें इस चुनौतीपूर्ण भूमिका में सफल बनाएगा।
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