AI Agriculture App by SBOF Agrosmart: बेलगावी, कर्नाटक की इस कंपनी ने भारत में शुरू की स्मार्ट खेती की क्रांति!
प्रस्तावना: भारतीय किसान और तकनीक की दूरी
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Toggleभारत का किसान आज भी प्राकृतिक आपदाओं, बाज़ार में अस्थिरता, और पारंपरिक खेती के तरीकों की वजह से कई मुश्किलों से जूझता है। इस स्थिति में, तकनीक को अगर सही तरीके से किसान के हाथों तक पहुँचाया जाए तो यह क्रांति ला सकती है।
इसी सोच के साथ बेलगावी स्थित SBOF Agrosmart Private Limited ने भारत का पहला AI-आधारित ऑल-इन-वन कृषि ऐप लॉन्च किया है।

कंपनी का परिचय: कौन है SBOF Agrosmart?
SBOF Agrosmart Private Limited की स्थापना 2024 में कर्नाटक के बेलगावी जिले में हुई थी। इसका उद्देश्य पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक तकनीक को जोड़कर किसानों को एक ऐसा मंच देना है जहाँ उन्हें:
वैज्ञानिक जानकारी,
मौसम पर आधारित फसल सलाह,
फसल बीमा और ऋण,
कृषि उत्पादों की बिक्री,
सरकारी योजनाओं की जानकारी
ये सब एक ही AI Agriculture App में मिले। यह डिजिटल-फर्स्ट कंपनी किसानों की स्थानीय ज़रूरतों के अनुसार सेवाएँ देती है।
भारत का पहला AI Agriculture App: क्या है इसमें खास?
A. स्मार्ट फसल सिफारिश प्रणाली
AI Agriculture App मिट्टी के प्रकार, मौसम का पूर्वानुमान, वर्षा के आंकड़े, और स्थानीय कृषि पैटर्न का विश्लेषण करके यह बताता है कि किस मौसम में कौन-सी फसल सबसे उपयुक्त होगी।
B. किसानों की स्थानीय भाषा में संपूर्ण जानकारी
AI Agriculture App कन्नड़, हिंदी, मराठी, तेलुगु सहित कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है ताकि गांव का आम किसान भी इसे समझ सके।
C. मौसम और मिट्टी के लाइव अलर्ट
AI Agriculture App में सैटेलाइट से प्राप्त डेटा और स्थानीय वेदर स्टेशन से जुड़ा नेटवर्क किसानों को बारिश, ओलावृष्टि, तापमान में बदलाव जैसी जानकारियों के लिए अलर्ट भेजता है।
D. कृषि डॉक्टर – AI चैटबॉट
किसानों के सवालों का जवाब देने के लिए एक 24×7 स्मार्ट चैटबॉट मौजूद है, जिसे किसान बोलकर या टाइप करके सवाल पूछ सकते हैं।
E. प्रमाणित बीज और उर्वरक की खरीदारी
किसान इस ऐप के माध्यम से सीधे कंपनियों से प्रमाणित बीज, जैविक खाद, कीटनाशक आदि मंगवा सकते हैं — और वो भी MRP से कम कीमत पर।
कैसे काम करता है यह AI Agriculture App? (कार्यप्रणाली की वैज्ञानिक झलक)
i. डेटा संग्रहण
AI Agriculture App उपयोगकर्ता का स्थान, मिट्टी की किस्म, खेती का इतिहास, और मौसमी रुझान जैसे आंकड़ों को एकत्र करता है।
ii. मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म
एक बार डेटा एकत्र हो जाने के बाद, ऐप का AI सिस्टम किसानों को उनके क्षेत्र के अनुरूप फसल बोने, देखभाल करने, सिंचाई करने और कीटनाशक के छिड़काव की सलाह देता है।
iii. स्मार्ट विश्लेषण और पूर्वानुमान
AI Agriculture App भविष्य में आने वाले कीट आक्रमण या मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी जैसी संभावनाओं का भी पूर्वानुमान लगाता है।
किसानों को क्या मिलेगा?
1. डिजिटल मंडी सुविधा
किसान ऐप से ही जान सकते हैं कि आज किस फसल का कहाँ सबसे अच्छा दाम मिल रहा है। वे सीधे व्यापारियों से जुड़ सकते हैं।
2. ड्रोन सेवा
फसल की निगरानी, खाद का छिड़काव, और खेतों की मैपिंग के लिए किसान ड्रोन किराये पर ले सकते हैं।
3. बीमा और लोन
बैंकिंग सेवा से जुड़े फीचर्स किसानों को PM फसल बीमा योजना और कृषि ऋण से जोड़ते हैं।
4. हेल्पलाइन और मानव सहायता
जहाँ AI चैटबॉट जवाब नहीं दे पाता, वहाँ ट्रेंडेड कृषि एक्सपर्ट से सीधे बात की जा सकती है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
20% तक उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जहाँ किसान ऐप का नियमित इस्तेमाल कर रहे हैं।
30% तक लागत में कमी आई है क्योंकि कीटनाशक और खाद का सही उपयोग हो रहा है।
गांवों में डिजिटल शिक्षा और तकनीकी साक्षरता को बढ़ावा मिल रहा है।
कंपनी की सामाजिक ज़िम्मेदारी (CSR)
SBOF Agrosmart ने ‘स्मार्ट किसान’ अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत:
हर जिले में डिजिटल किसान शिक्षा केंद्र खोले जा रहे हैं।
स्कूल स्तर पर Agri-Tech Awareness Program चलाया जा रहा है।
महिला किसानों के लिए विशेष सशक्तिकरण योजना शुरू की गई है।
कैसे यह AI Agriculture App बदल रहा है किसानों की सोच?
i. पारंपरिक से वैज्ञानिक सोच की ओर
अब किसान सिर्फ परंपरा या पड़ोसी की सलाह के अनुसार खेती नहीं कर रहा, बल्कि वह:
वैज्ञानिक विश्लेषण देखता है
मौसम का पूर्वानुमान समझता है
और उसी के आधार पर निर्णय लेता है।
ii. मोबाइल फोन = कृषि सलाहकार
अब किसान के हाथ में सिर्फ एक मोबाइल नहीं, बल्कि एक चलता-फिरता कृषि विश्वविद्यालय है। वह खेत में खड़े होकर भी फसल की समस्या को पहचान सकता है।
AI Agriculture App में किसानों की निजी जानकारी कितनी सुरक्षित है?
SBOF Agrosmart ने डेटा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। AI Agriculture App में निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:
AES-256 encryption के ज़रिए किसानों का डेटा सुरक्षित रहता है।
किसान की जियो लोकेशन, बैंक विवरण और फसल विवरण किसी तीसरे पक्ष से साझा नहीं किया जाता।
हर उपयोगकर्ता को OTP और 2FA (Two-Factor Authentication) की सुविधा दी जाती है।
सरकार और निजी साझेदारी की भूमिका
SBOF Agrosmart कई सरकारी और निजी संस्थानों के साथ साझेदारी कर रहा है, जैसे:
ICAR (Indian Council of Agricultural Research)
कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs)
नाबार्ड (NABARD)
स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया मिशन
इन संस्थाओं के साथ मिलकर ऐप को और अधिक सशक्त और व्यापक बनाया जा रहा है।
किसानों को इस AI Agriculture App से जुड़ने के लिए क्या करना होगा?
- Google Play Store या App Store से ऐप डाउनलोड करें
- भाषा का चयन करें (जैसे हिंदी, कन्नड़, मराठी)
- अपने क्षेत्र, मिट्टी का प्रकार और फसल का विवरण भरें
- ऐप तुरंत AI आधारित सलाह और सेवाएं देना शुरू कर देगा
कोई इंटरनेट नहीं?
AI Agriculture App का एक ऑफलाइन वर्ज़न भी उपलब्ध है जो SMS और IVR कॉल के ज़रिए किसानों को जरूरी सलाह देता है।
खास फीचर: किसान समुदाय और नेटवर्किंग
इस AI Agriculture App में एक “किसान मंच” नामक सुविधा दी गई है जहाँ किसान आपस में:
अपने अनुभव साझा कर सकते हैं
नए बाजारों की जानकारी ले सकते हैं
समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं
यह एक प्रकार का Agri-Facebook बनता जा रहा है।
महिलाओं और युवा किसानों के लिए विशेष अवसर
SBOF Agrosmart का उद्देश्य केवल खेती को डिजिटल बनाना नहीं, बल्कि महिलाओं और युवाओं को मुख्यधारा में लाना भी है।
महिलाओं को कृषि उद्यमिता के लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल
युवाओं के लिए Agri-Tech Startup शुरू करने की सलाह और फंडिंग गाइडेंस
शैक्षणिक संस्थानों के साथ तालमेल
कंपनी अब कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर ऐसे पाठ्यक्रम बना रही है जो छात्रों को:
AI आधारित कृषि
IoT in Agriculture
Data Analytics for Farming
— जैसे विषयों पर दक्ष बनाएँ।
किसानों के लिए लाइव वेबिनार और ट्रेनिंग प्रोग्राम
हर सप्ताह AI Agriculture App पर लाइव वेबिनार होते हैं जिनमें किसान:
विशेषज्ञों से सीधा संवाद कर सकते हैं
अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं
नई तकनीकों को सीख सकते हैं
अंतरराष्ट्रीय विस्तार की योजना
SBOF Agrosmart अब भारत के बाद नेपाल, बांग्लादेश और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भी यह मॉडल लागू करने की योजना बना रही है, ताकि दुनिया के अन्य विकासशील देशों को भी यह लाभ मिल सके।
इस AI Agriculture App की तकनीकी नींव कौन सी है?
Machine Learning Models जो खेती के पैटर्न को समझते हैं
Remote Sensing via Satellites जो खेतों का विश्लेषण करते हैं
Big Data Analytics जो करोड़ों डेटा बिंदुओं से सबसे सटीक सुझाव बनाता है
AI Chatbot जो 24×7 सवालों के जवाब देता है – वह भी हिंदी, मराठी, कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में
कौन-कौन सी भाषाओं में उपलब्ध है यह AI Agriculture App?
SBOF Agrosmart ऐप अभी निम्नलिखित भाषाओं में उपलब्ध है:
हिंदी
कन्नड़
मराठी
तेलुगु
तमिल
गुजराती
और जल्द ही उड़िया, पंजाबी, बंगाली में भी आने वाला है.
क्या इंटरनेट की कमी में यह AI Agriculture App चलता है?
हां, कम नेटवर्क वाले क्षेत्रों के लिए यह AI Agriculture App एक बड़ी राहत है।
ऑफलाइन मोड में जानकारी पहले से डाउनलोड की जा सकती है
SMS आधारित सिफारिशें
IVR कॉल सुविधा: किसान कॉल करके खेती से जुड़े सवाल पूछ सकते हैं
किसानों को आर्थिक रूप से कैसे मदद करता है ये AI Agriculture App?
कम इनपुट लागत (खाद, पानी, कीटनाशक)
अधिक उत्पादन
फसल की बेहतर कीमत की जानकारी
बीमा और लोन से जुड़ने की सुविधा
कृषि योजनाओं की समय पर जानकारी
यानी – अधिक आमदनी, कम खर्च।
किन किसानों को सबसे ज़्यादा लाभ हो रहा है?
सीमांत और छोटे किसान
वे जो डिजिटल तकनीक अपनाने को तैयार हैं
जिनके पास मोबाइल है पर तकनीकी समझ कम है — क्योंकि ऐप का इंटरफेस बहुत सरल है

भविष्य की योजनाएँ (2025-2030)
SBOF Agrosmart की भविष्यवाणी है:
ड्रोन सपोर्ट सिस्टम — AI Agriculture App से ही ड्रोन बुलाना
AI-गाइडेड रोबोट्स — जो खेत में जाकर खरपतवार हटाएँगे
फसल स्वास्थ्य स्कैनर — बस मोबाइल से फोटो खींचो और तुरंत रोग की जानकारी पाओ
क्लाइमेट क्राइसिस अलर्ट सिस्टम — सूखा, बाढ़ जैसी आपदाओं से पहले ही सतर्क कर देगा.
चुनौतियाँ क्या हैं?
डिजिटल साक्षरता की कमी – बुजुर्ग किसानों के लिए शुरुआती समझ मुश्किल
नेटवर्क और डेटा की उपलब्धता – दूर-दराज़ क्षेत्रों में अब भी इंटरनेट की समस्या
भाषा विविधता – भारत में 22+ भाषाएँ, हर एक के लिए सपोर्ट तैयार करना चुनौती
लेकिन SBOF Agrosmart इन पर लगातार काम कर रहा है।
निष्कर्ष:
SBOF Agrosmart का यह AI-आधारित कृषि ऐप न केवल एक तकनीकी नवाचार है, बल्कि यह भारत के कृषि क्षेत्र में एक डिजिटल क्रांति की शुरुआत का प्रतीक है।
यह ऐप किसानों को उनके खेत, मौसम, बाजार और सरकारी योजनाओं से जोड़ता है—वह भी उनकी स्थानीय भाषा में और रियल टाइम पर। इससे खेती अब अनुभव या अनुमान पर नहीं, बल्कि डेटा, विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित हो गई है।
आज जहां खेती संकट में है, वहीं यह ऐप किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम, तकनीकी रूप से सशक्त और निर्णय लेने में आत्मनिर्भर बना रहा है।
सीमांत किसान से लेकर महिला किसान तक, सभी को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। यह ऐप न केवल उत्पादन बढ़ा रहा है, बल्कि किसानों की गुणवत्ता और आय को भी नए स्तर पर ले जा रहा है।
भारत की कृषि प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है, जो आने वाले वर्षों में न केवल भारत को डिजिटल कृषि महाशक्ति बना सकता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार कर सकता है।
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