Artificial Intelligence in Odisha: कैसे बदल रहा है राज्य का शिक्षा और भविष्य का चेहरा
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Toggleभूमिका: ओडिशा की डिजिटल क्रांति की नींव
भारत के पूर्वी राज्य ओडिशा ने एक ऐसा साहसिक और दूरदर्शी कदम उठाया है, जो आने वाले वर्षों में इसे पूरे देश का टेक्नोलॉजी टैलेंट हब बना सकता है।
वर्ष 2025 में राज्य सरकार द्वारा घोषित “AI नीति 2025” महज एक शैक्षिक सुधार नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक डिजिटल रूपांतरण की रणनीति है।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य है – स्कूलों के स्तर से लेकर प्रशासनिक कामों तक, Artificial Intelligence (AI) को हर पहलू में समाहित करना।
लक्ष्य क्या हैं? – 2029 से लेकर 2036 तक की मास्टर प्लानिंग
2029 तक:
राज्य के 35% सरकारी स्कूलों में Artificial Intelligence पाठ्यक्रम को अनिवार्य बनाना।
हर साल कम-से-कम 8,000 युवाओं को Artificial Intelligence कौशल में प्रशिक्षित करना।
सरकारी अधिकारियों में 75% तक Artificial Intelligence साक्षरता सुनिश्चित करना।
2036 तक:
90% स्कूलों में Artificial Intelligence आधारित शिक्षा का पूर्ण विस्तार।
18,000 नागरिकों को प्रतिवर्ष Artificial Intelligence प्रशिक्षण देने की व्यवस्था।
100% सरकारी कर्मचारी Artificial Intelligence प्रौद्योगिकी में दक्ष होंगे।
55% STEM ग्रेजुएट्स को Artificial Intelligence विशेषज्ञ बनाना।
शिक्षा में Artificial Intelligence की क्रांति
बच्चों को तकनीक से जोड़ने की शुरुआत
अब ओडिशा के स्कूली बच्चों को केवल गणित और विज्ञान ही नहीं, बल्कि मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, कोडिंग और Artificial Intelligence एथिक्स जैसे भविष्य के विषय भी पढ़ाए जाएंगे।
क्षकों को भी बनाया जाएगा डिजिटल गुरू
Artificial Intelligence नीति के तहत शिक्षकों को विशेष Artificial Intelligence ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे बच्चों को इस विषय में बेहतर गाइड कर सकें।
Artificial Intelligence for Youth’ जैसी पहल: युवाओं के लिए नई उड़ान
ओडिशा सरकार ने एक विशेष कार्यक्रम – ‘Artificial Intelligence for Youth’ शुरू किया है, जिसके तहत चुने गए स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छह महीने के भीतर Artificial Intelligence प्रोजेक्ट्स पर काम करना सीखेंगे।
छात्रों को इंटेल और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मदद से ट्रेनिंग दी जा रही है।
वे खुद से मिनी Artificial Intelligence ऐप्स और मॉडल्स बनाना सीखेंगे, जो किसी भी सरकारी स्कूल में एक बड़ी क्रांति है।
क्यों जरूरी है Artificial Intelligence शिक्षा?
1. नौकरी की संभावनाएं: आने वाले 10 वर्षों में Artificial Intelligence और मशीन लर्निंग सेक्टर में करोड़ों नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
2. रोजमर्रा के जीवन में AI: स्वास्थ्य, ट्रांसपोर्ट, कृषि, और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में Artificial Intelligence का उपयोग पहले से ही तेजी से बढ़ रहा है।
3. ग्लोबल प्रतिस्पर्धा: यदि भारत को तकनीकी रूप से अग्रणी बनाना है, तो राज्यों को बचपन से ही तकनीकी शिक्षा देनी होगी – और ओडिशा इस दिशा में सबसे आगे निकल चुका है।

टेक्नोलॉजी और प्रशासन में एक साथ बदलाव
ओडिशा Artificial Intelligence नीति केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि:
सभी प्रमुख सरकारी विभागों में Artificial Intelligence टूल्स का उपयोग किया जाए।
स्वास्थ्य और कृषि विभाग में डेटा एनालिटिक्स के जरिए निर्णय लिए जाएं।
आपदा प्रबंधन (जैसे चक्रवात या बाढ़) के लिए Artificial Intelligence आधारित पूर्वानुमान तंत्र तैयार किया जाए।
ग्रीन Artificial Intelligence – पर्यावरण का भी ध्यान
Artificial Intelligence टेक्नोलॉजी ऊर्जा की खपत बढ़ा सकती है, लेकिन ओडिशा सरकार की नीति इसे भी संतुलित करती है:
सभी Artificial Intelligence सेंटर में कम से कम 65% नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा।
डेटा सेंटरों को ईको-फ्रेंडली बनाया जाएगा, ताकि तकनीकी विकास पर्यावरण पर बोझ न बने।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग – ग्लोबल स्तर की शिक्षा
ओडिशा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों जैसे:
इंटेल
CK-12 फाउंडेशन
यूनीवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले
के साथ MoU साइन किए हैं ताकि छात्रों को विश्वस्तरीय Artificial Intelligence एक्सपोजर और उपकरण मिल सकें।
नवाचार केंद्र और स्टार्टअप इकोसिस्टम
क्या होगा नया?
7 Artificial Intelligence इनोवेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी, जो शोध, विकास और स्टार्टअप्स को सहयोग देंगे।
30 Artificial Intelligence इनक्यूबेशन सेंटर राज्यभर में खुलेंगे, जो युवा उद्यमियों को संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
सरकारी अधिकारियों का AI प्रशिक्षण
सभी प्रशासनिक विभागों के अधिकारियों को अगले वर्षों में Artificial Intelligence -सक्षम निर्णय प्रणाली से परिचित कराया जाएगा। इससे न केवल निर्णय लेने की गति बढ़ेगी, बल्कि पारदर्शिता भी आएगी।
डिजिटल खाई पाटना: हर गांव तक तकनीकी पहुंच
राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि:
स्मार्ट क्लासरूम केवल शहरों तक सीमित न रहें।
सभी ब्लॉक और पंचायत स्तर पर भी Artificial Intelligence शिक्षा उपलब्ध हो।
डिजिटल डिवाइड को पूरी तरह खत्म किया जाए।
भविष्य की झलक – 2036 में कैसा दिखेगा ओडिशा?
एक ऐसा राज्य जहां हर बच्चा Artificial Intelligence जानता है।
जहां सरकारी निर्णय डेटा आधारित और स्मार्ट होंगे।
जहां से निकलने वाले युवा ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धा करने को तैयार होंगे।
एक ऐसा ओडिशा जो भारत का AI और टेक्नोलॉजी टैलेंट हब बन चुका होगा।
AI शिक्षा की पाठ्यक्रम रूपरेखा – क्या पढ़ाया जाएगा छात्रों को?
राज्य सरकार ने AI पाठ्यक्रम को छात्रों की आयु और समझ के अनुरूप 3 स्तरों में विभाजित किया है:
प्राथमिक स्तर (कक्षा 6–8)
Artificial Intelligence की मूल अवधारणाएँ: क्या होता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
मशीन और मानव मस्तिष्क में अंतर
सरल एल्गोरिद्म और लॉजिक समझना
माध्यमिक स्तर (कक्षा 9–10)
डेटा क्या होता है और उसका महत्त्व
मशीन लर्निंग का परिचय
नैतिकता और जिम्मेदारी: Artificial Intelligence के उपयोग में सावधानी
उच्च माध्यमिक (कक्षा 11–12)
मशीन लर्निंग व डीप लर्निंग के मॉडल
Python, Scratch जैसे शुरुआती प्रोग्रामिंग टूल्स
प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग: एक अपना AI प्रोजेक्ट तैयार करना
इस ढांचे से छात्रों को सिर्फ ज्ञान नहीं मिलेगा, बल्कि वे समस्या सुलझाने की क्षमता, विश्लेषणात्मक सोच और नवाचार भी सीखेंगे।
डिजिटल सामग्री और ओपन प्लेटफॉर्म्स
AIपाठ्यक्रम केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं है। छात्रों को मिलेगा:
CK-12 फाउंडेशन की ओपन डिजिटल किताबें और इंटरेक्टिव एक्सरसाइज़
यूनिवर्सल एक्सेस के लिए मोबाइल फ्रेंडली एप्लिकेशन
वर्चुअल लैब और AI सिमुलेशन टूल्स
इससे हर छात्र, चाहे वह किसी भी क्षेत्र से हो, समान अवसर पा सकेगा।
नीति की निगरानी और क्रियान्वयन – पारदर्शिता और प्रभावशीलता
कौन करेगा निगरानी?
AI मिशन समिति: नीति को लागू करने और सुधार की जिम्मेदारी इसी समिति की होगी।
AI सेल (OCAC में): तकनीकी सहायता, मूल्यांकन, और डेटा एनालिटिक्स के आधार पर नीति की सफलता को मॉनिटर करेगा।
मूल्यांकन कैसे होगा?
हर वर्ष नीति की समीक्षा कर रिपोर्ट जारी की जाएगी।
स्कूल स्तर पर छात्रों के प्रदर्शन, शिक्षकों की दक्षता और संसाधनों की उपलब्धता का डेटा एकत्र किया जाएगा।

सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP मॉडल) की ताकत
AIनीति की सफलता के पीछे निजी कंपनियों और तकनीकी संस्थानों की भागीदारी भी बड़ी भूमिका निभा रही है। इसमें शामिल हैं:
इंटेल: पाठ्यक्रम और ट्रेनिंग मॉड्यूल प्रदान करना
NASSCOM Foundation: उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार कौशल प्रशिक्षण
Tech Mahindra, TCS, Infosys: संभावित रोजगार और स्टार्टअप सहयोग
यह साझेदारी न केवल संसाधन लाती है, बल्कि बाज़ार और शिक्षा के बीच पुल का काम भी करती है।
रोजगार और स्टार्टअप्स के लिए अवसर
रोजगार की नई धाराएँ:
AI ट्रेनर या कोच
डेटा एनालिस्ट
NLP विशेषज्ञ
Artificial Intelligence टेक्निकल राइटर
रोबोटिक्स इंजीनियर
AI आधारित स्टार्टअप्स की बढ़ती लहर:
राज्य सरकार का मानना है कि AI प्रशिक्षण से निकलने वाले छात्र-छात्राएँ भविष्य के Tech Entrepreneurs होंगे। इसके लिए स्टार्टअप फंडिंग, इनक्यूबेशन और तकनीकी गाइडेंस की व्यवस्था की गई है।
ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
ओडिशा का बड़ा हिस्सा आदिवासी और ग्रामीण है, इसीलिए नीति में इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए अलग व्यवस्था की गई है:
ब्लॉक और पंचायत स्तर पर AI प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना
छात्रों को लैपटॉप, टैबलेट और इंटरनेट सुविधाएं मुफ्त देना
स्थानीय भाषा में AI सीखने की सामग्री विकसित करना
इसका उद्देश्य है – “डिजिटल समावेशन” यानी कोई भी बच्चा तकनीक की दुनिया से वंचित न रह जाए।
AI नैतिकता और डेटा गोपनीयता पर विशेष ज़ोर
AI तकनीक जितनी फायदेमंद है, उतनी ही संवेदनशील भी। नीति में इन बातों पर विशेष ध्यान दिया गया है:
छात्रों को AI उपयोग के नैतिक पक्ष समझाना
AIद्वारा निर्णय लेने में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना
डेटा सुरक्षा कानूनों का पालन करना, खासकर बच्चों की जानकारी को सुरक्षित रखना
अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल
ओडिशा की यह नीति केवल एक राज्य की सीमा में नहीं बंधी है। भारत के अन्य राज्य अब इसे एक मॉडल फ्रेमवर्क मानकर अपने यहां लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।
उदाहरण:
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और झारखंड Artificial Intelligence शिक्षा मॉडल के लिए ओडिशा सरकार से परामर्श ले रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में Artificial Intelligence और तकनीकी शिक्षा पर ज़ोर देने की प्रेरणा भी इसी नीति से मिलती है।
2036: कैसा होगा ओडिशा का भविष्य?
यदि इस नीति के सभी चरण पूरी तरह से लागू होते हैं, तो 2036 तक ओडिशा होगा:
भारत का Artificial Intelligence स्टेट: जहां हर छात्र को तकनीकी ज्ञान हो
स्टार्टअप्स का गढ़: जहां हज़ारों AI आधारित स्टार्टअप्स उभरें
AI सक्षम शासन: जहां नीति निर्धारण से लेकर सेवा वितरण तक, सब कुछ स्मार्ट हो
सभी के लिए समान अवसर: शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी की समान पहुंच
निष्कर्ष: भविष्य की बुनियाद पर टिकी एक क्रांतिकारी पहल – ओडिशा की AI नीति 2025
ओडिशा की “Artificial Intelligence नीति 2025” केवल एक तकनीकी घोषणा नहीं है — यह एक नज़रिए का बदलाव है। यह उस सोच का प्रतीक है, जो मानती है कि बच्चों को सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं, बल्कि भविष्य की तकनीकों से लैस करना ज़रूरी है।
यह नीति शिक्षा, प्रशासन, रोजगार, और सामाजिक न्याय – चारों स्तंभों को एक साथ जोड़ती है।
जहां एक ओर बाकी राज्य अभी AI को अपनाने की योजना बना रहे हैं, वहीं ओडिशा ने एक स्पष्ट रोडमैप बनाकर यह साबित कर दिया है कि वह न केवल तैयार है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भारत में नेतृत्व करना चाहता है।
यह नीति हमें यह भी सिखाती है कि:
जब सरकार, तकनीकी विशेषज्ञ, शिक्षक और समाज एक दिशा में मिलकर चलें –
तो बदलाव असंभव नहीं, अवश्यंभावी होता है।
जब नीति में सिर्फ टारगेट नहीं, दृढ़ संकल्प और इरादा हो –
तो तकनीकी समानता और डिजिटल समावेशन भी संभव है।
2036 का ओडिशा एक ऐसा भारत दिखाएगा, जो न सिर्फ टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता होगा, बल्कि उसका निर्माता, नवोन्मेषक और निर्यातक भी होगा।
AI नीति 2025 ओडिशा के लिए नहीं, पूरे भारत के लिए एक उदाहरण है –
कि अगर आज हम शिक्षा में निवेश करें, तो कल पूरा देश आगे बढ़ेगा।
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