NCERT कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान नई किताब: इतिहास, भूगोल और राजनीति एक साथ!
भूमिका : एक ऐतिहासिक बदलाव
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Toggleसाल 2024 में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक बदलाव हुआ है।
NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) ने कक्षा 7 के सामाजिक विज्ञान के लिए तीन अलग-अलग किताबों — इतिहास, भूगोल, और सामाजिक और राजनीतिक जीवन (नागरिक शास्त्र) — को मिलाकर एक एकल पुस्तक बनाने का निर्णय लिया है।
यह बदलाव न केवल छात्रों के बोझ को हल्का करने के लिए किया गया है, बल्कि उन्हें विषयों के बीच आपसी संबंध और समग्र समझ प्रदान करने के उद्देश्य से भी किया गया है।
यह परिवर्तन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो शिक्षा को अधिक सरल, व्यावहारिक और अनुभवात्मक बनाने की वकालत करती है।
यह परिवर्तन क्यों आवश्यक था?
1. छात्रों पर किताबों का बोझ
अब तक छात्रों को इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र के लिए अलग-अलग किताबें पढ़नी पड़ती थीं।
प्रत्येक विषय के लिए अलग नोट्स बनाना, परीक्षा की तैयारी करना और सभी पुस्तकों का प्रबंधन करना छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण था।
इससे कई बार वे विषयों को आपस में जोड़ने में असफल रहते थे।
2. विषयों में अंतरसंबंध का अभाव
तीनों विषय सामाजिक विज्ञान के स्तंभ हैं, लेकिन अलग-अलग पढ़ाए जाने के कारण छात्र उनके बीच के प्राकृतिक संबंधों को समझने में चूक जाते थे।
उदाहरण के लिए, किसी ऐतिहासिक घटना का भूगोल पर प्रभाव, या किसी सामाजिक व्यवस्था के राजनीतिक परिणाम को ठीक से नहीं जोड़ पाते थे।
3. शिक्षा को समग्र बनाना
नई नीति यह चाहती है कि छात्र किसी विषय को टुकड़ों में नहीं, बल्कि एक समग्र (holistic) दृष्टिकोण से समझें।
इसलिए विषयों का एकीकरण करके पाठ्यक्रम को अधिक प्रासंगिक, रुचिकर और प्रभावी बनाया गया है।
नई NCERT पुस्तक की संरचना
अब बात करते हैं इस नई NCERT पुस्तक की रचना और ढांचे की।
नई NCERT पुस्तक में सामाजिक विज्ञान के तीनों प्रमुख भाग — इतिहास, भूगोल, और सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन — को क्रमबद्ध और आपस में जुड़ी हुई कहानी की तरह प्रस्तुत किया गया है।
NCERT पुस्तक को इस तरह डिजाइन किया गया है कि बच्चे एक विषय से दूसरे विषय में स्वाभाविक रूप से प्रवाहित होते हैं, बिना यह महसूस किए कि वे अलग-अलग विषयों में हैं।
1. इतिहास : ‘हमारे अतीत – भाग II’
इतिहास खंड छात्रों को मध्यकालीन भारत के महत्वपूर्ण सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तनों से परिचित कराता है।
यहाँ समय के साथ हुए बदलावों, नए राज्यों के उभरने, प्रमुख राजवंशों, सांस्कृतिक विकास और क्षेत्रीय विविधताओं पर चर्चा की गई है।
मुख्य विषयवस्तु :
समय और कालक्रम को समझना
दिल्ली के सुल्तान और मुगलों का शासन
शासकों द्वारा बनाई गई इमारतों और स्थापत्य का अध्ययन
नगर, व्यापारी और कारीगरों की दुनिया
जनजातीय समाज और उनका विकास
भक्ति आंदोलन और सूफी परंपराएँ
क्षेत्रीय भाषाओं और सांस्कृतिक विकास का प्रसार
अठारहवीं सदी का राजनीतिक परिदृश्य

विशेषता :
इतिहास के अध्याय केवल तिथियों और घटनाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक जीवन, कलाओं, स्थापत्य, और जन-सांस्कृतिक पहलुओं पर भी प्रकाश डालते हैं।
2. भूगोल : ‘हमारा पर्यावरण’
भूगोल खंड छात्रों को हमारे भौतिक और मानव निर्मित पर्यावरण के बीच के संबंधों को समझाने में मदद करता है।
यह भाग छात्रों को पृथ्वी की आंतरिक संरचना से लेकर जलवायु, वनों, जल स्रोतों और मानव बस्तियों तक की यात्रा कराता है।
मुख्य विषयवस्तु :
पर्यावरण और इसके घटक
पृथ्वी की संरचना: महाद्वीप, महासागर, पर्वत, मैदान
प्राकृतिक आपदाएँ और उनके प्रभाव
वायुमंडल, जलवायु और मौसम
जल चक्र, महासागरीय धाराएँ और जल संरक्षण
प्राकृतिक वनस्पति और जंतुओं का संरक्षण
मानव जीवन और उसका पर्यावरण पर प्रभाव: नगरों और गांवों की कहानी
जीवन के विविध क्षेत्र : घास के मैदान, रेगिस्तान, उष्णकटिबंधीय वर्षावन
विशेषता :
भूगोल के अध्यायों में चित्र, चार्ट और नक्शों के माध्यम से अवधारणाओं को समझाया गया है, जिससे अध्ययन अधिक रुचिकर और दृश्यात्मक बनता है।
3. सामाजिक और राजनीतिक जीवन : ‘समाज और हम’
यह भाग छात्रों को समाज, राजनीति, नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों से परिचित कराता है।
यहाँ समानता, लैंगिक न्याय, स्वास्थ्य अधिकार, राज्य सरकारें और मीडिया की भूमिका जैसी वास्तविक जीवन से जुड़े मुद्दों को सरल भाषा में समझाया गया है।
मुख्य विषयवस्तु :
समानता का विचार और उसके महत्व को समझना
सार्वजनिक स्वास्थ्य और सरकार की जिम्मेदारी
राज्य सरकार की संरचना और कामकाज
लैंगिक भेदभाव और सामाजिक बदलाव
मीडिया की भूमिका और प्रभाव
विज्ञापन का समाज पर प्रभाव
बाजार की कार्यप्रणाली और उपभोक्ता अधिकार
विशेषता :
इस खंड में छात्रों को सक्रिय नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया जाता है, और उन्हें उनके अधिकारों एवं जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया जाता है।
नई किताब की विशेषताएँ (Highlights)
1. पाठों के बीच सहजता (Fluidity between Chapters)
हर अध्याय इस तरह लिखा गया है कि वह दूसरे अध्याय से स्वाभाविक रूप से जुड़ता है।
इतिहास से भूगोल और फिर नागरिक शास्त्र की ओर बढ़ते हुए बच्चे एक कहानीनुमा यात्रा का अनुभव करते हैं।
2. संवादात्मक शैली (Conversational Style)
किताब को बहुत सरल और संवादात्मक भाषा में लिखा गया है।
ऐसा लगता है जैसे कोई शिक्षक खुद सामने बैठकर विषय को समझा रहा हो।
3. सोचने पर मजबूर करने वाले प्रश्न (Reflective Questions)
हर अध्याय के बीच और अंत में ऐसे प्रश्न जो केवल याद करने के लिए नहीं हैं, बल्कि छात्रों को सोचने, विश्लेषण करने और रचनात्मक उत्तर देने के लिए प्रेरित करते हैं।
4. स्थानीय उदाहरण और विविधता (Local Examples and Diversity)
भारत के विभिन्न भागों से उदाहरण लेकर विषयों को जीवंत बनाया गया है।
इससे छात्रों को विविधता का एहसास होता है और उन्हें अपने आसपास के परिवेश से जोड़ने में मदद मिलती है।
5. परियोजना और गतिविधियाँ (Projects and Activities)
छात्रों को अन्वेषण, साक्षात्कार, क्षेत्र अध्ययन और रचनात्मक प्रस्तुतियों के लिए प्रेरित किया गया है, ताकि वे खुद से सीखने की प्रक्रिया को विकसित कर सकें।
समेकन के लाभ (Advantages of Integrated Textbook)
छात्रों के लिए
पढ़ाई का बोझ कम हुआ
विषयों की गहरी और समग्र समझ विकसित होगी
परीक्षा की तैयारी में सहजता
शिक्षकों के लिए
पाठ योजना बनाना आसान
विषयों के बीच संबंधों को स्पष्ट करना सरल
बच्चों के साथ ज्यादा संवादात्मक शिक्षण संभव
शिक्षा प्रणाली के लिए
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा प्रणाली
बच्चों में जिज्ञासा और विश्लेषण क्षमता का विकास
अधिक व्यावहारिक और जीवन से जुड़ी शिक्षा
नई किताब के संभावित प्रश्न और शंकाएँ
कुछ लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहे हैं:
क्या एक ही किताब से गहराई से पढ़ाया जा सकेगा?
क्या विषयों की गंभीरता बनी रहेगी?
क्या सभी बोर्ड इसे अपनाएंगे?
NCERT ने इस विषय पर स्पष्ट किया है कि विषयों की गहराई से कोई समझौता नहीं किया गया है।
यह मॉडल शुरुआत में केंद्र सरकार के स्कूलों (जैसे केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय) में लागू किया जा रहा है।
राज्य बोर्ड भी इसे अपने हिसाब से अपना सकते हैं।
नई किताब की उपलब्धता (Availability)
नई NCERT कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान की समेकित किताब 2024 सत्र से ऑनलाइन (PDF फॉर्मेट में) और छपी हुई किताब दोनों रूपों में उपलब्ध है।
छात्र इसे NCERT की आधिकारिक वेबसाइट (ncert.nic.in) से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।
इसके अलावा, शैक्षणिक सत्र के शुरुआत में सभी विद्यालयों को पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
नई किताब से पढ़ाई कैसे करें? (Effective Study Tips for New NCERT Book)
नई एकीकृत NCERT किताब से पढ़ाई का तरीका भी थोड़ा अलग और अधिक सोच-समझ वाला होना चाहिए।
यहाँ कुछ जरूरी रणनीतियाँ दी जा रही हैं:
1. विषयों को जोड़कर सोचें (Think Integratively)
जब आप इतिहास का कोई अध्याय पढ़ते हैं, तो सोचिए कि उस घटना का भूगोल या समाज पर क्या असर पड़ा होगा।
उदाहरण: मुगलकाल में शहरों का विकास हुआ, तो सवाल उठ सकता है — कौन से भौगोलिक कारक उन शहरों की स्थापना में मददगार रहे?
2. एक्टिव रीडिंग करें (Active Reading)
हर अध्याय को पढ़ते समय मुख्य बिंदु नोट करें।
“सोचो और उत्तर दो” वाले प्रश्नों पर ठहर कर सोचें।
अपने जीवन से संबंधित उदाहरण खोजने की कोशिश करें।
3. चार्ट्स और नक्शों का प्रयोग करें (Use Charts and Maps)
भूगोल और इतिहास दोनों में नक्शों से पढ़ाई करने पर आपको घटनाओं और जगहों के बीच संबंध स्पष्ट रूप से दिखने लगेंगे।
खुद से नक्शे बनाना एक बढ़िया अभ्यास रहेगा।
4. परियोजनाओं और गतिविधियों को गंभीरता से लें (Take Activities Seriously)
नई किताब में कई Project Work और Field Assignments सुझाए गए हैं।
इनसे आपके सोचने, खोजने और विश्लेषण करने की क्षमताएँ विकसित होंगी।

उदाहरण के लिए:
अपने शहर के ऐतिहासिक स्थान का अध्ययन करना
पानी के स्रोतों पर एक लघु रिपोर्ट बनाना
5. आपस में चर्चा करें (Discuss and Share Ideas)
दोस्तों या परिवार के सदस्यों से चर्चा करें।
आप पाएंगे कि हर किसी का देखने का नजरिया अलग होता है, जिससे आपकी सोच का दायरा बढ़ेगा।
परीक्षा की दृष्टि से क्या बदलाव आएगा?
नई पुस्तक के बाद परीक्षा पैटर्न में भी कुछ बदलाव आने की संभावना है:
1. अधिक विश्लेषणात्मक प्रश्न
केवल रटने वाले प्रश्नों के बजाय, विश्लेषण, तुलना और मूल्यांकन आधारित प्रश्न आएंगे।
उदाहरण के लिए: “मुगल शासन और वर्तमान स्थानीय शासन प्रणाली में क्या अंतर है?” जैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
2. केस स्टडी आधारित प्रश्न
सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में आपको “Case Studies” आधारित प्रश्न मिल सकते हैं।
उदाहरण के लिए: “अगर एक गाँव में स्वास्थ्य सेवाएँ खराब हैं तो वहाँ क्या समस्याएँ आ सकती हैं?” — इस पर आधारित सवाल।
3. नक्शा कार्य और चार्ट इंटरप्रिटेशन
नक्शों की पहचान करना, घटनाओं को स्थानों से जोड़ना, आदि कार्य महत्वपूर्ण होंगे।
छात्रों के लिए अंतिम सुझाव (Final Words for Students)
“नई किताब सिर्फ एक किताब नहीं, सोचने का नया तरीका है।”
अगर आप केवल रटना चाहेंगे तो दिक्कत आएगी।
अगर आप इसे एक यात्रा की तरह देखेंगे — जिसमें हम अपने इतिहास, भूगोल और समाज को एक साथ समझते और महसूस करते हैं — तो यह किताब आपका सबसे बड़ा मार्गदर्शक बन जाएगी।
अभ्यास करें, प्रश्न पूछें, नोट्स बनाएं और सबसे महत्वपूर्ण — सीखने का आनंद लें।
शिक्षकों के लिए अंतिम सुझाव (Final Words for Teachers)
बच्चों को विषयों के बीच संबंधों को खुद खोजने के लिए प्रेरित करें।
केवल किताब पढ़ाने के बजाय, चर्चा आधारित कक्षाएं चलाएं।
परियोजनाओं और कार्यों को गंभीरता से लें — ये बच्चों की सोचने की क्षमता को खोलते हैं।
उदाहरणों और कहानियों से पढ़ाई को जीवंत बनाएं।
भविष्य की संभावनाएँ (Future Prospects)
अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो NCERT आने वाले वर्षों में कक्षा 6, 8 और 9 के लिए भी इसी तरह की एकीकृत सामाजिक विज्ञान की किताबें ला सकती है।
यह मॉडल भारत के शिक्षा तंत्र को वैश्विक मानकों के और करीब ले जाएगा, जहाँ विषयों को आपस में जोड़ा जाता है और समग्र ज्ञान दिया जाता है।
निष्कर्ष : भविष्य की दिशा
NCERT का यह कदम निश्चित रूप से भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नई सोच की शुरुआत है।
समेकित सामाजिक विज्ञान पुस्तक छात्रों को न केवल पढ़ाई को आसान बनाएगी, बल्कि उन्हें एक समग्र दृष्टिकोण से दुनिया को देखने, सोचने और समझने के लिए प्रेरित करेगी।
यह परिवर्तन केवल किताबों तक सीमित नहीं है — यह शिक्षा के पूरे दृष्टिकोण को नया रूप दे रहा है।
जहाँ ज्ञान केवल रटने के लिए नहीं, बल्कि समझने, सोचने, और बदलाव लाने के लिए है। और यही तो असली शिक्षा है — जीवन के लिए शिक्षा।
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