Similipal Tiger Reserve: घूमने का सर्वोत्तम समय, आकर्षण और इतिहास
परिचय
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Toggleसिमलीपाल टाइगर रिज़र्व ओडिशा राज्य के मयूरभंज ज़िले में स्थित भारत का एक अनोखा प्राकृतिक खज़ाना है। घने साल (Sal) के जंगल, भव्य जलप्रपात, आदिवासी संस्कृति और समृद्ध जैव विविधता इसे भारत के सबसे खूबसूरत और महत्वपूर्ण टाइगर रिज़र्व में से एक बनाते हैं। यह सिर्फ बाघों और हाथियों का ही घर नहीं है, बल्कि यहाँ की पारिस्थितिकी, नदियाँ, पहाड़ियाँ और मानव-प्रकृति का संतुलन इसे और भी खास बनाते हैं।
साल 2009 में इसे यूनेस्को बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में मान्यता मिली, जिससे यह वैश्विक स्तर पर भी संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल बन गया।
सिमलीपाल टाइगर रिज़र्व का इतिहास
सिमलीपाल का इतिहास इसकी गहराई और महत्व को और बढ़ा देता है।
1956 – शुरुआत में इसे हंटिंग रिज़र्व के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।
1973 – भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इसे टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया।
1980 के दशक – यहाँ वन्यजीव संरक्षण के लिए सख्त नियम लागू किए गए।
1994 – इसे औपचारिक रूप से बायोस्फीयर रिज़र्व का दर्जा मिला।
2009 – यूनेस्को ने इसे विश्व के महत्वपूर्ण बायोस्फीयर रिज़र्व्स की सूची में शामिल किया।
इतिहास हमें यह दिखाता है कि यह क्षेत्र शिकारगाह से बदलकर वैश्विक स्तर का संरक्षण क्षेत्र कैसे बना।
भौगोलिक स्थिति और क्षेत्रफल
राज्य: ओडिशा
जिला: मयूरभंज
कुल क्षेत्रफल: लगभग 2750 वर्ग किलोमीटर
कोर क्षेत्र: 845 वर्ग किमी
बफर क्षेत्र: 1285 वर्ग किमी
ट्रांज़िशन ज़ोन: 620 वर्ग किमी
ऊँचाई: 600 मीटर से 1200 मीटर
निकटतम शहर: बारिपदा
यहाँ की भूमि पर पठारी क्षेत्र, गहरी घाटियाँ और घने जंगल फैले हुए हैं। यह इलाका पूर्वी घाट और छोटा नागपुर पठार की सीमा पर बसा हुआ है, इसलिए यहाँ भौगोलिक विविधता बहुत अधिक है।

जलवायु और प्राकृतिक परिदृश्य
गर्मी – मार्च से जून, तापमान 40°C तक
मानसून – जुलाई से सितंबर, वर्षा 2000 मिमी तक
सर्दी – नवंबर से फरवरी, तापमान 10°C तक
यह क्षेत्र हर मौसम में अलग रंग दिखाता है। मानसून में जलप्रपातों का तेज़ बहाव, सर्दियों में ठंडी हवाएँ और गर्मियों में साल के पेड़ों की छाँव यहाँ की खूबसूरती को और बढ़ाते हैं।
वनस्पति (Flora)
सिमलीपाल टाइगर रिज़र्व में लगभग 1000 से अधिक पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
साल वृक्ष (Shorea robusta) – जंगल का लगभग 80% हिस्सा।
अन्य पेड़: अर्जुन, महुआ, बेल, हरड़ा, बहेरा।
औषधीय पौधे – 94 से अधिक पादप प्रजातियाँ औषधीय उपयोग में आती हैं।
ऑर्किड्स और मशरूम की विविधता भी यहाँ देखने लायक है।
साल के पेड़ों से बनी घनी छतरी धूप को रोककर ठंडी, रहस्यमयी वातावरण बनाती है।
जीव-जंतु (Fauna)
(a) स्तनधारी
रॉयल बंगाल टाइगर
एशियाई हाथी
भारतीय गौर (बाइसन)
जंगली सूअर
तेंदुआ
चार सींगों वाला हिरण
(b) पक्षी
मोर
रेड जंगल फाउल
हॉर्नबिल
मलकाब पाइड हॉर्नबिल
ईगल और उल्लू की कई प्रजातियाँ
(c) सरीसृप
किंग कोबरा
अजगर
मगरमच्छ
सिमलीपाल उन दुर्लभ जगहों में से है जहाँ आप बाघ और हाथी दोनों की बड़ी आबादी देख सकते हैं।
जलप्रपात और प्राकृतिक स्थल
बरेहिपानी जलप्रपात – 399 मीटर ऊँचाई, भारत का दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात।
जरंडी जलप्रपात – 150 मीटर ऊँचाई, एक सीधी धार में गिरता पानी बेहद आकर्षक लगता है।
घाटियाँ, नदियाँ और गुफाएँ भी यहाँ की खासियत हैं।
आदिवासी संस्कृति
यहाँ की असली पहचान इसके स्थानीय समुदाय हैं।
प्रमुख जनजातियाँ: हो, संथाल, भूमिज।
जीविका: झुम खेती, शहद संग्रह, जंगल उत्पाद।
परंपराएँ: नृत्य, गीत, लोककथाएँ और हस्तशिल्प।
इन आदिवासियों का जीवन जंगल से गहराई से जुड़ा हुआ है।
पर्यटन (Tourism)
कैसे पहुँचे?
रेलवे स्टेशन: बारिपदा (60 किमी)
एयरपोर्ट: भुवनेश्वर (270 किमी), कोलकाता (240 किमी)
सड़क मार्ग: एनएच-49 और एनएच-6 से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
प्रवेश द्वार
जोशीपुर
लुलुंग
सफारी
जीप सफारी का विकल्प उपलब्ध है।
बर्ड वॉचिंग और नेचर ट्रेकिंग लोकप्रिय गतिविधियाँ हैं।
ठहरने की सुविधा
जंगल लॉज
इको-कॉटेज
बारिपदा और रौरकेला में होटल
घूमने का सही समय
अक्टूबर से जून
मानसून में पार्क बंद रहता है।
संरक्षण चुनौतियाँ
अवैध शिकार
जंगल की आग
मानव-वन्यजीव संघर्ष
जलवायु परिवर्तन
संरक्षण प्रयास
प्रोजेक्ट टाइगर (1973 से)
हाथी संरक्षण योजना
सामुदायिक भागीदारी से जंगल की रक्षा
इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट्स
वैश्विक महत्व
2009 में यूनेस्को का बायोस्फीयर रिज़र्व दर्जा।
भारत के सबसे बड़े संरक्षित क्षेत्रों में से एक।
दक्षिण-पूर्व एशियाई पारिस्थितिकी का हिस्सा।

FAQs – Similipal Tiger Reserve
Q1. Similipal Tiger Reserve कहाँ स्थित है?
👉 यह ओडिशा राज्य के मयूरभंज ज़िले में स्थित है।
Q2. सिमलीपाल का कुल क्षेत्रफल कितना है?
👉 इसका क्षेत्रफल लगभग 2750 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें कोर, बफर और ट्रांज़िशन ज़ोन शामिल हैं।
Q3. सिमलीपाल टाइगर रिज़र्व की स्थापना कब हुई थी?
👉 1973 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था।
Q4. सिमलीपाल का नाम “Similipal” क्यों पड़ा?
👉 यहाँ बड़े पैमाने पर पाए जाने वाले लाल फूलों वाले “सिमुल” (Silk Cotton) पेड़ों से इसका नाम पड़ा।
Q5. यहाँ कितने बाघ हैं?
👉 आधिकारिक रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग 30–35 रॉयल बंगाल टाइगर यहाँ पाए जाते हैं।
Q6. Similipal Tiger Reserve में और कौन-कौन से जानवर मिलते हैं?
👉 हाथी, भारतीय गौर (बाइसन), तेंदुआ, जंगली सूअर, हिरण, और कई पक्षी एवं सरीसृप प्रजातियाँ यहाँ मिलती हैं।
Q7. यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
👉 अक्टूबर से जून तक का समय सबसे उपयुक्त है। मानसून के दौरान (जुलाई–सितंबर) यह रिज़र्व पर्यटकों के लिए बंद रहता है।
Q8. Similipal Tiger Reserve कैसे पहुँचा जा सकता है?
👉
नज़दीकी रेलवे स्टेशन: बारिपदा (60 किमी)
नज़दीकी एयरपोर्ट: भुवनेश्वर (270 किमी), कोलकाता (240 किमी)
सड़क मार्ग: एनएच-49 और एनएच-6 से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
Q9. Similipal Tiger Reserve के प्रमुख आकर्षण कौन-कौन से हैं?
👉 बरेहिपानी जलप्रपात (399 मीटर), जरंडी जलप्रपात (150 मीटर), घने साल के जंगल और आदिवासी संस्कृति इसके प्रमुख आकर्षण हैं।
Q10. क्या Similipal Tiger Reserve में सफारी उपलब्ध है?
👉 हाँ, जीप सफारी और नेचर ट्रेकिंग के विकल्प उपलब्ध हैं।
Q11. क्या यहाँ रहने की सुविधा है?
👉 हाँ, यहाँ जंगल लॉज, इको-कॉटेज और बारिपदा में होटल की सुविधा उपलब्ध है।
Q12. Similipal Tiger Reserve किस कारण से यूनेस्को बायोस्फीयर रिज़र्व बना?
👉 यहाँ की अनोखी जैव विविधता, औषधीय पौधों की प्रचुरता, बाघ–हाथी का बड़ा आवास क्षेत्र और आदिवासी संस्कृति के कारण 2009 में इसे यूनेस्को का दर्जा मिला।
Q13. क्या Similipal Tiger Reserve में ट्राइबल विलेज देखे जा सकते हैं?
👉 हाँ, अनुमति मिलने पर आप स्थानीय जनजातियों की संस्कृति, नृत्य और हस्तशिल्प का अनुभव कर सकते हैं।
Q14. क्या Similipal Tiger Reserve बच्चों और परिवार के लिए सुरक्षित है?
👉 हाँ, यह परिवार और बच्चों के लिए सुरक्षित है, लेकिन सफारी और जंगल भ्रमण के दौरान गाइड/फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के नियमों का पालन करना ज़रूरी है।
Q15. क्या Similipal Tiger Reserve में विदेशी पर्यटक भी आते हैं?
👉 हाँ, विदेशी पर्यटक भी यहाँ आते हैं क्योंकि यह एक वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त बायोस्फीयर रिज़र्व है।
निष्कर्ष – Similipal Tiger Reserve
Similipal Tiger Reserve केवल ओडिशा ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर है। यहाँ की साल से ढकी हरियाली, विशाल जलप्रपात, बाघ–हाथी जैसे दुर्लभ जीव, और आदिवासी समाज की परंपराएँ इसे अनोखा बनाती हैं। यह जगह हमें याद दिलाती है कि प्रकृति और मानव जीवन एक-दूसरे से कितने गहराई से जुड़े हैं।
आज जब दुनिया जलवायु परिवर्तन, वन्यजीव संकट और बढ़ते शहरीकरण से जूझ रही है, सिमलीपाल जैसे संरक्षित क्षेत्र हमें उम्मीद देते हैं। यहाँ के संरक्षण प्रयास, प्रोजेक्ट टाइगर और इको-टूरिज्म जैसी पहलें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति को बचाने की दिशा में मजबूत कदम हैं।
जो भी व्यक्ति सच्चे अर्थों में जंगल की आत्मा को महसूस करना चाहता है, उसके लिए Similipal Tiger Reserve एक अद्वितीय गंतव्य है। यह न सिर्फ पर्यटन का केंद्र है, बल्कि एक जीवंत प्रयोगशाला है जहाँ जैव विविधता, संस्कृति और संरक्षण एक साथ मिलकर भविष्य की दिशा तय करते हैं।
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